तिलारी संरक्षण रिज़र्व | 24 Jul 2020
प्रीलिम्स के लिये:तिलारी संरक्षण रिज़र्व, महादेई अभयारण्य मेन्स के लिये:महत्त्वपूर्ण नहीं |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने सिंधुदुर्ग ज़िले में स्थित डोडामर्ग वन क्षेत्र के लगभग 29.53 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को 'तिलारी संरक्षण रिजर्व' (Tillari Conservation Reserve) घोषित किया है।
तिलारी संरक्षण रिजर्व:
- तिलारी महाराष्ट्र राज्य का सातवाँ वन्यजीव गलियारा है जिसे 'संरक्षण रिज़र्व' के रूप में घोषित किया गया है।
- अपने वन क्षेत्र (Range) में नौ गांवों को आच्छादित (Cover) करने वाले इस क्षेत्र को एक गलियारे के रूप में जाना जाता है और यहाँ तक कि तीन राज्यों गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के मध्य विचरण करने वाले बाघों और हाथियों की आबादी के लिये एक निवास स्थान के रूप में भी जाना जाता है।
- यह गोवा के महादेई अभयारण्य को कर्नाटक के भीमगढ़ से जोड़ता है।
- इसमें अर्द्ध-सदाबहार वन, उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन, और कई अद्वितीय वृक्ष, तितलियाँ और फूल पाए जाते हैं।
महाराष्ट्र में संरक्षण रिज़र्व:
- महाराष्ट्र में 62 संरक्षण रिज़र्व हैं, जिनमें से 13 पश्चिमी घाट में हैं।
- तिलारी संरक्षण रिज़र्व पश्चिमी घाट में अवस्थित है।
भारत में संरक्षण रिज़र्व:
- संरक्षण रिज़र्व और सामुदायिक रिज़र्व देश के उन संरक्षित क्षेत्रों को दर्शाते हैं, जो आमतौर पर स्थापित राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों और आरक्षित तथा संरक्षित जंगलों के मध्य बफर ज़ोन के रूप में या कनेक्टर्स के रूप में कार्य करते हैं।
- ऐसे क्षेत्रों को संरक्षण क्षेत्रों के रूप में नामित किया जाता है जो निर्जन (Uninhabited) और पूरी तरह से भारत सरकार के स्वामित्व में हैं, लेकिन समुदायों और सामुदायिक क्षेत्रों द्वारा निर्वाह के लिये उपयोग किया जाता है यदि भूमि का हिस्सा निजी स्वामित्व में है।
- इन संरक्षित क्षेत्र श्रेणियों को पहली बार वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2002 (वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में संशोधन) में पेश किया गया था।
- इन श्रेणियों को भूमि और भूमि के उपयोग के निजी स्वामित्व के कारण मौजूदा और प्रस्तावित संरक्षित क्षेत्रों में कम सुरक्षा के कारण जोड़ा गया था।
- जुलाई 2019 तक, भारत में 88 संरक्षण रिज़र्व और 127 सामुदायिक रिज़र्व थे।