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जैव विविधता और पर्यावरण

देश में बाघ गलियारे

  • 06 Dec 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

बाघ गलियारे, देश के प्रमुख टाइगर रिज़र्व तथा नेशनल पार्क

मेन्स के लिये

मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के उपाय

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) तथा भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India) द्वारा देश में 32 बाघ गलियारों (Tiger corridors) की पहचान की गई है जिनका प्रबंधन एवं संरक्षण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के बाघ संरक्षण प्लान (Tiger Conservation Plan) के तहत किया जाएगा।

Tiger Reserves

उपर्युक्त मानचित्र जम्मू एवं कश्मीर के विभाजन से पहले का है।

वर्तमान में देश में निम्नलिखित बाघ गलियारे हैं।

क्रम संख्या भू-परिदृश्य गलियारा राज्य/देश
1. शिवालिक पहाड़ियाँ एवं गंगा का मैदान (i) राजाजी-कॉर्बेट उत्तराखंड
(ii) कॉर्बेट-दुधवा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, नेपाल
(iii) दुधवा-किशनपुर-कतर्नियाघाट उत्तर प्रदेश, नेपाल
2. मध्य भारत तथा पूर्वी घाट (i) रणथम्भौर-कुनो-माधव मध्य प्रदेश, राजस्थान
(ii) बांधवगढ़-अचानकमार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
(iii) बांधवगढ़-संजयदुबरी-गुरु घासीदास मध्य प्रदेश
(iv) गुरु घासीदास-पलामू-लावालोंग छत्तीसगढ़ और झारखंड
(v) कान्हा-अचानकमार मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़
(vi) कान्हा-पेंच मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
(vii) पेंच-सतपुड़ा-मेलघाट मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र
(viii) कान्हा-नवेगाँव नाग्ज़िरा-तडोबा -इंद्रावती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश
(ix) इंद्रावती-उदंती सीतानदी-सुनाबेडा छत्तीसगढ़, ओडिशा
(x) सिमलीपाल-सत्कोसिया ओडिशा
(xi) नागार्जुनसागर-श्रीवेंकटेश्वरा नेशनल पार्क आंध्र प्रदेश
3. पश्चिमी घाट (i) सह्याद्रि-राधानगरी-गोवा महाराष्ट्र, गोवा
(ii) दांडेली अंशी-शरावती घाटी कर्नाटक
(iii) कुंद्रेमुख-भद्रा कर्नाटक
(iv) नागरहोल-पुष्पगिरि-तालकावेरी कर्नाटक
(v) नागरहोल-बांदीपुर-मुदुमलाई-वायनाड कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु
(vi) नागरहोल-मुदुमलाई-वायनाड कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु
(vii) पराम्बिकुलम-एर्नाकुलम-इंदिरा गांधी केरल, तमिलनाडु
(viii) कलाकड मुंदनथुरई-पेरियार केरल, तमिलनाडु
4. उत्तर पूर्व (i) काजीरंगा-ईटानगर WLS असम, अरुणाचल प्रदेश
(ii) काजीरंगा-कार्बी एंगलोंग असम
(iii) काजीरंगा-नामेरी असम
(iv) काजीरंगा-ओरांग असम
(v) काजीरंगा-पापुम पाने असम
(vi) मानस-बुक्सा असम, पश्चिम बंगाल, भूटान
(vii) पक्के-नामेरी-सोनई रुपई-मानस अरुणाचल प्रदेश, असम
(viii) डिब्रू साईखोवा-डेरिंग-मेहोंग असम, अरुणाचल प्रदेश
(ix) कामलांग-काने-टेलवैली अरुणाचल प्रदेश
(x) बुक्सा-जलदापारा पश्चिम बंगाल


इन संस्थानों द्वारा बाघ-मानव के बीच नकारात्मक अंतर्क्रिया से बचने के लिये निम्नलिखित रणनीतियाँ सुझाई गई हैं।

  • केंद्र प्रायोजित योजना प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर संरक्षित क्षेत्रों की अवसंरचना के विकास हेतु धन मुहैया कराना ताकि ये जीव संरक्षित क्षेत्रों से दूर न जा सकें।
  • इसके अलावा आम लोगों को जागरूक करना, दिशा-निर्देश तथा सलाह देना एवं किसी दुर्घटना की स्थिति में मुआवज़ा देना।
  • फॉरेस्ट स्टाफ को प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, दवाइयाँ प्रदान करना तथा क्षमता निर्माण करना।
  • मानव-बाघ हस्तक्षेप तथा इस हस्तक्षेप के कारण होने वाले नुकसान को कम करने के लिये बाघ संरक्षित क्षेत्र के कोर तथा बफर क्षेत्र में मानवीय क्रियाकलापों को प्रतिबंधित करना।
  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को नियंत्रित करने के लिये तीन मानक संचालन प्रक्रियाएँ (Standard Operating Procedures-SOP) जारी की हैं:
    • बाघों का मानव बस्तियों में घूमने से उत्पन्न आपात स्थिति से निपटना।
    • बाघों द्वारा पालतू मवेशियों के शिकार से बचाव।
    • बाघों का संरक्षित क्षेत्र में पुनर्वास करना।
  • रेखीय अवसंरचनाओं (Linear Infrastructure) के निर्माण से उत्पन्न प्रभावों को बाघ संरक्षित क्षेत्रों में कम करने के लिये भारतीय रेलवे (Indian Railways), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) के इंजीनियरों तथा कर्मचारियों के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.

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