मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 | 23 Jul 2019
चर्चा में क्यों?
22 जुलाई, 2019 को राज्यसभा ने मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2019 [The Protection of Human Rights (Amendment) Bill] पारित कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- हालिया संशोधन के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त किसी ऐसे व्यक्ति को भी आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, जो उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश रहा हो।
- राज्य आयोग के सदस्यों की संख्या को बढ़ाकर 2 से 3 किया जाएगा, जिसमें एक महिला सदस्य भी होगी।
- मानवाधिकार आयोग में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और दिव्यांगजनों संबंधी मुख्य आयुक्त को भी सदस्यों के रूप में सम्मिलित किया जा सकेगा।
- राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के कार्यकाल की अवधि को 5 वर्ष से कम करके 3 वर्ष किया जाएगा और वे पुनर्नियुक्ति के भी पात्र होंगे।
- दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र से भिन्न अन्य संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा निर्वहन किये जा रहे मानवाधिकारों संबंधी मामलों को राज्य आयोगों को प्रदत्त किया जा सके, दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र के संबंध में आयोग द्वारा कार्यवाही की जाएगी।