पेपर आधारित माइक्रोस्कोप: फोल्डस्कोप | 23 Jun 2020
प्रीलिम्स के लिये:फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप मेन्स के लिये:फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप |
चर्चा में क्यों?
‘माइक्रोस्कोपी जर्नल’ (Journal of Microscopy) में प्रकाशित शोध के अनुसार, भारत के डॉक्टरों की एक टीम के रोगों के नैदानिक परीक्षण में फोल्डस्कोप (Foldscope) नामक वहनीय माइक्रोस्कोप का निर्माण तथा सत्यापन किया है।
प्रमुख बिंदु:
- एक माइक्रोस्कोप या सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग उन वस्तुओं को देखने के लिये किया जाता है जिन्हें नग्न आँखों से देख पाना संभव नहीं होता है।
- इस शोध का उद्देश्य विकासशील देशों में वैज्ञानिक उपयोग के लिये वहनीय तथा आसान उपकरण उपलब्ध कराना है।
फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप:
- यह एक वहनीय माइक्रोस्कोप है जिसे सरल घटकों यथा कागज की शीट, लेंस, मोबाइल फोन, गोंद आदि से बनाया जाता है।
- फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप को फिर से इसके घटकों में पृथक किया जा सकता है। अत: इसका नाम फोल्डस्कोप रखा गया है।
- फोल्डस्कोप में नमूने की तस्वीरें लेने के लिये मोबाइल फोन का उपयोग किया जाता है जिसे गोंद की बूंदों का उपयोग करके फोल्डस्कोप पर स्थापित किया जा सकता है।
- इसे बनाने की लागत 100 रुपए से भी कम है।
फोल्डस्कोप की कार्य प्रणाली:
- नमूने के अवलोकन के लिये फोल्डस्कोप के साथ नमूने की स्लाइड को लगाया जाता है। फोल्डस्कोप के साथ मोबाइल फोन को स्थापित किया जाता है तथा इसकी मदद से नमूने को देखा जा सकता है।
- नमूने की तस्वीरों को मोबाइल के ज़ूम फंक्शन का उपयोग करके बड़ा किया जा सकता है, तथा इसे मोबाइल मेमोरी कार्ड पर संग्रहीत किया जा सकता है।
फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप का महत्त्व:
- यह ले जाने में आसान (Portable) तथा टिकाऊ है, जो पारंपरिक सूक्ष्मदर्शी के समान प्रदर्शन करता है।
- फोल्डस्कोप का उपयोग मुँह संबंधी स्वास्थ्य जाँच, मूत्र पथ के संक्रमण, लीशमैनियासिस (सैंडफ्लाई के कारण प्रसारित होने वाला एक रोग), शिस्टोसोमियासिस (एक प्रकार का रक्त संबंधी विकार), गुर्दे की पथरी आदि के निदान में उपयोग किया जा सकता है।
- इसे प्राथमिक निदान (Primary Diagnosis) के लिये उपयोग किया जा सकता है।
- इसे व्यक्तिगत स्वास्थ्य निगरानी उपकरणों (Personal Health Monitoring Devices) के रूप में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियोजित किया जा सकता है।
- चिकित्सा क्षेत्र के अलावा इसका उपयोग कृषि में किया जा सकता है। कृषि क्षेत्र में फसलों तथा जानवरों को प्रभावित करने वाले विभिन्न सूक्ष्मजीवों का पता लगाने में इसका उपयोग किया जा सकता है।