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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम

  • 22 Jan 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

UNAIDS का गोलमेज़ सम्मेलन

मेन्स के लिये:

विश्व में एचआईवी/एड्स से प्रभावित व्यक्तियों की स्थिति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्विट्ज़रलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक फोरम की वार्षिक बैठक के दौरान ‘एचआईवी/एड्स पर संयुक्त राष्ट्र का कार्यक्रम’ (The Joint United Nations Programme on HIV/AIDS- UNAIDS) के उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया।

मुख्य बिंदु:

  • इस गोलमेज़ सम्मेलन का विषय (Theme) ‘एक्सेस फॉर ऑलः लीवरेजिंग इनोवेशंस, इंवेस्टमेंट्स एंड पार्टनरशिप्स फॉर हेल्थ’ (Access for all: Leveraging Innovations, Investments and Partnerships for Health) है।
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये खतरे के रूप में एड्स को समाप्त करने हेतु समर्पित संयुक्त राष्ट्र की यह एजेंसी दुनिया भर के शीर्ष राजनेताओं और सरकारों के सहयोग से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करती है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का अधिकार केवल अमीरों का विशेषाधिकार न रहे बल्कि सभी को समान रूप से उपलब्ध हो।

स्वास्थ्य संबंधी वैश्विक परिदृश्य:

अत्यधिक गरीबी की स्थिति :

  • UNAIDS के अनुसार, पूरे विश्व में सौ मिलियन से अधिक व्यक्ति अत्यधिक गरीबी (प्रतिदिन $ 1.90 या उससे कम की आय) की स्थिति में जी रहे हैं।
  • वैश्विक आबादी के लगभग 12% (930 मिलियन से अधिक) व्यक्तियों को अपने घरेलू बजट का कम-से-कम 10% स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च करना पड़ता है।
  • UNAIDS के अनुसार, विश्व में प्रत्येक दो मिनट के दौरान एक महिला की मृत्यु बच्चे को जन्म देते समय हो जाती है।
  • कई देशों में महँगी स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण वहाँ के नागरिकों को खराब गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त हो पाती हैं या वे स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं।
  • सामाजिक अस्वीकृति और भेदभाव के कारण गरीब और कमज़ोर लोग विशेष रूप से महिलाएँ को स्वास्थ्य अधिकारों से वंचित रह जाती हैं।

महिलाएँ और लड़कियाँ सर्वाधिक सुभेद्य:

  • UNAIDS के अनुसार, हर सप्ताह विश्व में 6,000 युवा महिलाएँ एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus- HIV) से संक्रमित होती हैं।
  • अकेले उप-सहारा अफ्रीका में किशोरों में एचआईवी संक्रमण के पाँच में से चार नए मामले लड़कियों के दर्ज किये जाते हैं और एड्स से संबंधित बीमारियाँ इस क्षेत्र में प्रजनन आयु की महिलाओं की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
  • एड्स से संबंधित मौतों और नए एचआईवी संक्रमण को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद वर्ष 2018 में 1.7 मिलियन नए एचआईवी संक्रमण के मामले सामने आए तथा लगभग 15 मिलियन व्यक्तियों को अभी भी एचआईवी उपचार प्राप्त नहीं हो सका है।

सरकारों को करने होंगे प्रयास:

  • UNAIDS के अनुसार, सभी के लिये स्वास्थ्य की देखभाल करना सरकारों का प्रमुख कार्य है लेकिन बहुत सारे देशों की सरकारें इसे पूरा नहीं कर पा रही हैं।
  • इस संबंध में थाईलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने उल्लेखनीय प्रगति की है।

करों का भुगतान न करना:

  • UNAIDS के अनुसार, यह अस्वीकार्य है कि धनी व्यक्ति और बड़ी कंपनियाँ कर देने से बच रही हैं और आम जनमानस को अपने खराब स्वास्थ्य के चलते इसका भुगतान करना पड़े।
  • बड़ी कंपनियों को करों का भुगतान कर कर्मचारियों (विशेषकर महिलाएँ) के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिये तथा समान कार्य के लिये समान वेतन प्रदान कर सुरक्षित कार्यशील स्थिति प्रदान करना चाहिये।

मानवाधिकारों से वंचित करना:

  • UNAIDS के अनुसार, खराब स्वास्थ्य सेवाओं का एक मुख्य कारण मानवाधिकारों का हनन भी है।
  • विश्व बैंक के अनुसार, एक अरब से अधिक महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ कानूनी संरक्षण प्राप्त नहीं है।
  • कम-से-कम 65 देशों में समलैंगिकता एक अपराध है जिससे समलैंगिक व्यक्तियों के स्वास्थ्य देखभाल संबंधी कानूनी अधिकारों पर प्रभाव पड़ता है।

भारत का पक्ष:

  • केंद्रीय नौवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री द्वारा इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्त्व किया गया।
  • स्वास्थ्य तक सबकी सुगम पहुँच होनी चाहिये, नवाचारी प्रौद्योगिकियां और समाधान इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
  • भारत में विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) तथा सबको सस्ती और बेहतर दवाएँ प्रदान करने के लिये प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना चलाई जा रही है।

आगे की राह:

उल्लेखनीय है कि एचआईवी संबंधी जीवन रक्षक सेवाएँ प्रदान करने के लिये सरकारों, निजी क्षेत्र और समुदायों के नेतृत्व को साथ लाने और उन्हें एक-दूसरे से जोड़ने के लिये UNAIDS दिशा-निर्देश, समन्वय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। सतत् विकास लक्ष्यों के मद्देनज़र जन-स्वास्थ्य के लिये खतरनाक एड्स को वर्ष 2030 तक समाप्त करने हेतु UNAIDS वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।

स्रोत- पीआईबी

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