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जैव विविधता और पर्यावरण

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस

  • 23 May 2023
  • 9 min read

प्रिलिम्स के लिये:

जैवविविधता दिवस, UNFCCC कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़- 15, कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क

मेन्स के लिये:

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क, कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़- 15 के परिणाम, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, सतत् विकास में हरित वित्त का महत्त्व

 चर्चा में क्यों?  

22 मई को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity- IDB), पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिये जैवविविधता के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।

  • जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर वैश्विक मूल्यांकन रिपोर्ट लगभग दस लाख प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम पर प्रकाश डालती है।
  • जैवविविधता संकट को दूर करने के लिये कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क को जैविक विविधता अभिसमय के पार्टियों के 15वें सम्मेलन (COP- 15) में अपनाया गया था।
  • यह फ्रेमवर्क वर्ष 2030 के लिये महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करता है और जैवविविधता के संरक्षण, बहाली तथा सतत् उपयोग के लिये एक रोडमैप प्रदान करता है।

जैवविविधता के लिये अंतर्राष्ट्रीय दिवस 

  • परिचय: 
    • वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly- UNGA) ने जैवविविधता के मुद्दों पर  समझ और जागरूकता बढ़ाने हेतु 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैवविविधता दिवस (IDB) के रूप में घोषित किया।
      • वर्ष 2011-2020 की अवधि को UNGA द्वारा संयुक्त राष्ट्र (United Nations-UN) के जैवविविधता दशक के रूप में घोषित किया गया ताकि जैवविविधता पर एक रणनीतिक योजना के कार्यान्वयन को बढ़ावा  दिया जा सके, साथ ही प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के समग्र दृष्टि को बढ़ावा दिया जा सके।
      • वर्ष 2021-2030 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा सतत् विकास हेतु महासागर विज्ञान दशक' (Decade of Ocean Science for Sustainable Development) और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (UN Decade on Ecosystem Restoration) के रूप में घोषित किया गया।
  • थीम: 
    • वर्ष 2023 की थीम "समझौते से कार्रवाई तक: जैवविविधता का पुनर्निर्माण (From Agreement to Action: Build Back Biodiversity)" है, जो प्रतिबद्धताओं से परे और जैवविविधता को पुनर्स्थापित करने एवं सुरक्षा के उद्देश्य से महत्त्वपूर्ण कार्यों में परिवर्तित करने हेतु दबाव की आवश्यकता को दर्शाता है।

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क:

  • परिचय: 
    • यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में जैवविविधता के विचारों को प्रतिबिंबित करने हेतु तत्काल और एकीकृत कार्रवाई का आह्वान करता है, लेकिन गंभीर मुद्दों- जैसे गरीब देशों में धन संरक्षण एवं जैवविविधता के अनुकूल आपूर्ति शृंखलाओं की चर्चा नहीं करता।
      • यह एक बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता नहीं है।
    • यह पक्षकारों को निर्णय लेने में जैवविविधता संरक्षण को मुख्यधारा में लाने और मानव स्वास्थ्य की रक्षा में संरक्षण के महत्त्व को पहचानने का आह्वान करता है।
      • इस घोषणा का विषय है "इकोलॉजिकल सिविलाइज़ेशन: बिल्डिंग ए शेयर्ड फ्यूचर फॉर आल लाइफ ऑन अर्थ"
    • इसे अपनाकर राष्ट्रों ने जैव सुरक्षा पर कार्टाजेना प्रोटोकॉल के लिये एक प्रभावी पोस्ट-2020 कार्यान्वयन योजना, क्षमता निर्माण कार्ययोजना के विकास, गोद लेने एवं कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिये स्वयं को प्रतिबद्ध किया है।
      • यह प्रोटोकॉल आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी से उत्पन्न संशोधित जीवों द्वारा संभावित उत्पन्न जोखिमों से जैवविविधता की रक्षा करना चाहता है। 
    • इस घोषणा के अनुसार, हस्ताक्षरकर्त्ता राष्ट्र यह सुनिश्चित करेंगे कि महामारी के बाद की रिकवरी नीतियाँ, कार्यक्रम और योजनाएँ जैवविविधता के संरक्षण और सतत् उपयोग में योगदान और सतत् एवं समावेशी विकास को बढ़ावा भी दें।
  • 30 by 30 लक्ष्य: 
    • इस घोषणा ने '30 by 30' लक्ष्य का संदर्भ दिया है जो कि COP15 में बहस का एक प्रमुख प्रस्ताव है। यह वर्ष 2030 तक पृथ्वी की 30 प्रतिशत भूमि और महासागरों को संरक्षित करेगा।
  • मुख्य लक्ष्य:  
    • इस ढाँचे में वर्ष 2030 के लिये चार उद्देश्य और 23 लक्ष्य शामिल हैं।
    • ये चार लक्ष्य हैं: 
      • जैवविविधता का संरक्षण और पुनर्स्थापन।
      • जैवविविधता का सतत् उपयोग सुनिश्चित करना।
      • लाभों को उचित और समान रूप से साझा करना।
      • परिवर्तनकारी परिवर्तन सक्षम करना।
    • 23 लक्ष्य हैं: 

  • कार्यान्वयन के साथ चुनौतियाँ: 
    • सीमित समय-सीमा और अधिक आवश्यकता: 
      • GBF लक्ष्यों को पूरा करने के लिये सिर्फ सात वर्ष  शेष होने की वजह से  लगभग एक मिलियन जीवों और पौधों की प्रजातियों के विलुप्त होने की गंभीर स्थिति के कारण तत्काल कार्रवाई करना अनिवार्य है।
      • जैवविविधता के नुकसान को तत्काल दूर करनेके लिये त्वरित प्रयासों और व्यापक कार्यान्वयन रणनीतियों की आवश्यकता है।
    • निधि संचय में व्यवधान: 
      • हस्ताक्षरओं का लक्ष्य सार्वजनिक और निजी स्रोतों के संरक्षण पहलों के लिये प्रतिवर्ष 200 बिलियन अमेरीकी डॉलर सुनिश्चित करना है। वर्ष 2025 तक विकसित देशों से विकासशील देशों में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रवाह को कम-से-कम 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष और 2030 तक  कम-से-कम  30 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रतिवर्ष तक बढ़ाना लेकिन यह निधि अभी तक प्राप्त  नहीं हुई है।
      • जैवविविधता के लिये विशिष्ट वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं की कमी, जैसा कि G-7 के हाल के बयानों में देखा गया है, प्रभावी कार्यान्वयन के लिये आवश्यक वित्तीय सहायता में बाधा डालती है।
    • राष्ट्रीय जैवविविधता रणनीति और कार्ययोजना (NBSAP): 
      • सदस्य देश अपने NBSAP को GBF  के साथ फिर से जोड़ने पर सहमत हुए लेकिन संशोधित योजनाओं को प्रस्तुत करने की प्रगति धीमी रही है
        • स्पेन एकमात्र ऐसा देश है जिसने अब तक अपना पुनर्गठित NBSAP प्रस्तुत किया है तथा दूसरे देशों के विकास के लिये वर्ष 2024 में COP16  से पहले CBD सचिवालय को अपनी योजना प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है।
    • संतुलन, संरक्षण और स्वदेशी अधिकार:
      • 30% भूमि और जल की रक्षा के लक्ष्य ने स्वदेशी समुदायों के अधिकारों के संभावित उल्लंघन के बारे में चिंताएँ बढ़ा दी हैं।
      • इसके सफल कार्यान्वयन के लिये संरक्षण प्रयासों और स्वदेशी लोगों के अधिकारों तथा पारंपरिक ज्ञान के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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