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भारतीय अर्थव्यवस्था

भारतीय रेलवे की राजस्व समस्याएँ

  • 03 Nov 2023
  • 14 min read

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय रेलवे (IR), पूंजीगत व्यय (capex), सकल बजटीय सहायता (GBS), अतिरिक्त बजटीय संसाधन (EBS), भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG), नेट टन किलोमीटर (NTKM), परिचालन अनुपात

मेन्स के लिये:

आर्थिक वृद्धि और विकास में भारतीय रेलवे की महत्त्वपूर्ण भूमिका एवं योगदान।

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

भारतीय रेलवे (IR) ने अपने रेल बजट को मुख्य बजट में विलय करने के बाद से अपने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में उल्लेखनीय वृद्धि की है। हालाँकि इसका परिचालन अनुपात, जो राजस्व के विरुद्ध व्यय का मापन करता है, में संशोधन नहीं हुआ है।

भारतीय रेलवे की वर्तमान चिंताएँ:

  • ऋण जाल की चिंताएँ:
    • भारतीय रेलवे (IR) बढ़ते कर्ज़ से संबंधित समस्या का सामना कर रहा है। अधिशेष निधि के अभाव में भारतीय रेलवे सकल बजटीय सहायता (GBS) और अतिरिक्त बजटीय संसाधन (EBS) के माध्यम से बढ़ी हुई निधि पर निर्भर रहा है।
      • हालाँकि EBS पर यह निर्भरता एक महत्त्वपूर्ण लागत के साथ आती है। मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान पर भारतीय रेलवे का खर्च राजस्व प्राप्तियों का 17% है, जिसने सत्र 2015-16 तक 10% से भी कम वृद्धि की है।
  • अनुत्पादक निवेश की तुलना में आर्थिक विकास से संबंधित चिंताएँ:
    • बढ़ते कर्ज़ के बावज़ूद भी पूंजीगत व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि इस विश्वास पर आधारित है कि रेलवे क्षेत्र में निवेश का विनिर्माण, सेवाओं, सरकारी कर राजस्व और रोज़गार के अवसरों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
      • हालाँकि यह ज़रूरी है कि भारतीय रेलवे एक महत्त्वपूर्ण संगठन के रूप में एयर इंडिया जैसी संस्थाओं में देखी जाने वाली वित्तीय अस्थिरता से बचने पर ध्यान केंद्रित करे।

  • घटते शेयर:

    • पिछले कुछ वर्षों में प्रमुख वस्तुओं के परिवहन में अपनी हिस्सेदारी घटने के कारण भारतीय रेलवे (IR) को एक महत्त्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
      • उदाहरण के लिये, वर्ष 2011 में कोयला परिवहन 602 मिलियन टन (MT) था, जिसमें रेलवे हिस्सेदारी 70% थी, लेकिन वर्ष 2020 तक कोयले की खपत बढ़कर 978 मिलियन टन हो गई, जबकि रेलवे हिस्सेदारी घटकर 60% रह गई।
      • इसी तरह बंदरगाहों से आने-जाने वाले एक्ज़िम (निर्यात-आयात) कंटेनरों की हिस्सेदारी में वर्ष 2009-10 के बाद से 10 से 18% के बीच उतार-चढ़ाव आया है, वर्ष 2021-22 में4 यह आँकड़ा 13% है।
  • निवल टन किलोमीटर (NTKM) से संबंधित चिंताएँ:
    • वर्ष 2015-16 और 2016-17 में NTKM में क्रमशः 4% तथा 5% की अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई।
      • वर्ष 2021-22 में समाप्त होने वाली सात वर्ष की अवधि में NTKM ने 3.5% की वार्षिक वृद्धि दर दिखाई, जो सड़क परिवहन में वृद्धि दर से काफी कम है।

भारतीय रेलवे प्रणाली में दीर्घकालिक मुद्दे:

  • वित्तीय प्रदर्शन में चुनौतियाँ:
    • भारतीय रेलवे को अपने वित्तीय प्रदर्शन के साथ एक समस्या का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से इसके लाभदायक माल खंड और घाटे में चल रहे यात्री खंड के बीच काफी अंतर है।
      • भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की वर्ष 2023 की रिपोर्ट में यात्री सेवाओं में 68,269 करोड़ रुपए के भारी नुकसान पर प्रकाश डाला गया, जिसे माल ढुलाई से होने वाले मुनाफे से कवर किया जाना था।
  • माल ढुलाई व्यवसाय में चुनौतियाँ:
    • अप्रैल से जुलाई 2023 तक माल ढुलाई की मात्रा और राजस्व में वार्षिक वृद्धि क्रमशः 1% तथा 3% रही, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था 7% की दर से बढ़ रही है।
      • भारत के माल ढुलाई कारोबार में भारतीय रेलवे की मॉडल हिस्सेदारी अत्यधिक कमी के साथ लगभग 27% रह गई है, जो कि भारत की आज़ादी के समय 80% से अधिक थी।   
  • कार्गो का कृत्रिम विभाजन:
    • माल और पार्सल में कार्गो का कृत्रिम विभाजन दक्षता में बाधा डाल रहा है। टैरिफ नियमों, हैंडलिंग प्रक्रियाओं और निगरानी प्रथाओं द्वारा संचालित ये प्रभाग शिपर्स की चिंताओं से समानता नहीं रखते हैं।
      • IR के लिये यह आवश्यक है कि वह इस कृत्रिम विभाजन को छोड़ दे और कार्गो को उसकी विशेषताओं के आधार पर थोक या गैर-थोक के रूप में वर्गीकृत करें, जिसे मूल्य-वर्धित कहा जा सकता है।
  • सड़क परिवहन से प्रतिस्पर्धा में चुनौतियाँ:
    • भारतीय रेलवे को सड़क परिवहन से भी प्रतिस्पर्द्धा का सामना करना पड़ता है, जो रेल परिवहन की तुलना में तेज़ी से बढ़ रहा है। निवल टन किलोमीटर (NTKM) में उतार-चढ़ाव के साथ इस प्रतिस्पर्धा ने IR के लिये माल परिवहन में अपनी हिस्सेदारी को बनाए रखना और विस्तारित करना चुनौतीपूर्ण बना दिया है, इसलिये रेलवे परिवहन में सुधार की आवश्यकता है।
  • कंटेनरीकरण की अपर्याप्तता:
    • निजीकरण के 15 वर्षों के बाद कंटेनरीकृत घरेलू माल भारतीय रेल की कुल लोडिंग का केवल 1% और देश के कुल माल का 0.3% है।
      • उच्च ढुलाई दर और संभावित नुकसान के साथ बाज़ार विकास का जोखिम इस खराब प्रदर्शन में योगदान दे रहा है।

भारतीय रेलवे द्वारा माल वहन को आसान एवं बेहतर बनाने के उपाय:

  • पार्सल ट्रेनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता:
    • भारतीय रेलवे को पार्सल ट्रेनों और विशेष भारी पार्सल वैन (VPH) ट्रेनों का उपयोग करके सामान्य माल ले जाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
      • इन चुनौतियों का एक प्रमुख कारण उच्च सीमा शुल्क है, जो अक्सर ट्रक सीमा शुल्क दरों से अधिक होता है।
    • भारी पार्सल ढुलाई के लिये VPH पार्सल ट्रेनों को प्रतिकूल पाया गया है, कवर किये गए वैगन एक अधिक प्रभावी विकल्प हैं जो VPH पार्सल ट्रेनों की तुलना में अधिक माल वहन कर सकते हैं।
  • जहाज़ कंपनियों के लिये लचीलेपन की आवश्यकता:
    • भारतीय रेलवे के लिये एक बड़ी समस्या यह है कि शिपर्स को माल ढुलाई सीमा शुल्क अथवा पार्सल सीमा शुल्क के तहत न्यूनतम कुछ हज़ार टन माल ही भेजना होता है जिससे यह सामान्य माल की ज़रूरतों के लिये अनुपयुक्त हो जाता है।
      • शिपर्स को अधिक लचीले और उपयुक्त विकल्प की आवश्यकता होती है जो उनके माल क्षमता के उपयुक्त हो, जैसे किसी यात्री ट्रेन में बर्थ बुक करने से पहले यात्रियों को बहुत सारे यात्रियों के साथ आने पर छूट प्रदान करना।
  • माल वहन में चुनौतियों पर काबू पाना:
    • थोक माल में भारतीय रेलवे की घटती हिस्सेदारी आंशिक रूप से रेलवे साइडिंग की उच्च लागत और पूंजी-गहन प्रकृति के कारण है, जो छोटे उद्योगों को उनका उपयोग करने से हतोत्साहित करती है।
      • इसके समाधान के लिये विशेषकर खनन समूहों, औद्योगिक क्षेत्रों और बड़े शहरों में माल एकत्रीकरण एवं वितरण बिंदुओं पर आम-उपयोगकर्ता सुविधाओं की आवश्यकता है।
  • रेल और सड़क द्वारा माल वहन के बीच समान अवसर सुनिश्चित करना:
    • रेल लोडिंग/अनलोडिंग सुविधाओं के लिये पर्यावरण मंज़ूरी अनिवार्य कर दी गई है, किंतु सड़क लोडिंग/अनलोडिंग सुविधाओं पर इसे लागू नहीं किया गया है। इसलिये एक समान  सतत् पर्यावरणीय नियमों की आवश्यकता है।
  • सीमा शुल्कों का अनुकूलन:
    • वॉल्यूमेट्रिक लोडिंग को प्रोत्साहित करने के लिये लोड की गई मात्रा के आधार पर सीमा शुल्क में छूट दी जा सकती है। भारतीय रेलवे को कार्गो एग्रीगेटर्स को भी प्रोत्साहित करना चाहिये और लंबे समय में बेहतर दक्षता के लिये पेलोड एवं गति को अनुकूलित करना चाहिये।
  • आधारभूत अवसंरचना का आधुनिकीकरण:
    • सुरक्षा, दक्षता और लागत में कमी के लिये हाई-स्पीड रेल, स्टेशन पुनर्विकास, ट्रैक डब्लिंग, कोच नवीनीकरण, जी.पी.एस. ट्रैकिंग तथा डिजिटलीकरण सहित रेलवे में बुनियादी ढाँचे के आधुनिकीकरण की तत्काल आवश्यकता है।
  • परिचालन लागत में कमी:
    • भारतीय रेलवे ने 98.14% का परिचालन अनुपात हासिल किया है जिसे ऊर्जा संरक्षण, श्रमबल को अनुकूलित करने तथा खरीद प्रथाओं को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करके और बेहतर बनाया जा सकता है।

थोक माल वहन क्षमता बढ़ाने हेतु भारतीय रेल की विभिन्न पहलें:

  • भारतीय रेलवे (IR) ने थोक माल क्षेत्र में कई पहल की हैं, जिनमें ब्लॉक रेक मूवमेंट नियमों में लचीलापन, मिनी रेक की अनुमति देना और प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल (PFT) शुरू करना शामिल है।
  • गति शक्ति टर्मिनल (GCT) नीति इन टर्मिनलों के संचालन को सरल बनाती है, इसके लिये निजी साइडिंग को GCT में परिवर्तित किया जा रहा है।
  • भारत सरकार ने दो प्रमुख नीतियाँ प्रस्तुत की हैं: PM गतिशक्ति (PMGS) नीति, जिसका उद्देश्य एक निर्बाध मल्टी-मॉडल परिवहन नेटवर्क बनाना है और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP), जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स पोर्टल बनाने एवं विभिन्न मंत्रालयों में प्लेटफार्मों को एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करना है।
  • रेलवे बुनियादी ढाँचे में निवेश: सरकार ने बंदरगाह आधारित विकास एवं सड़क विकास के लिये क्रमशः 'सागरमाला' और 'भारतमाला' जैसी योजनाएँ भी शुरू की हैं जिन्हें भारतीय रेलवे के साथ एकीकृत किया जाना चाहिये।
  • डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर: सरकार ने 'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर' जैसी योजनाएँ भी शुरू की हैं, जिनका लाभ माल परिवहन को बढ़ाने के लिये उठाया जाना चाहिये।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न: 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारतीय रेलवे द्वारा प्रयोग किये जाने वाले जैव-शौचालयों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. जैव-शौचालय में मानव अपशिष्ट का अपघटन एक कवक इनोकुलम द्वारा शुरू किया जाता है।
  2. इस अपघटन में अमोनिया और जलवाष्प ही एकमात्र अंतिम उत्पाद हैं जो वायुमंडल में छोड़े जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d)

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