G20 समूह | 03 Dec 2018
प्रस्तावना
ग्रुप ऑफ़ ट्वेंटी या G20, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और वित्तीय (economic and financial) एजेंडा के सबसे महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हेतु प्रमुख मंच है। यह दुनिया की प्रमुख उन्नत और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है। G20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G20 के सम्मेलनों में संयुक्त राष्ट्र (United Nation), IMF और विश्व बैंक भी भाग लेते हैं।
G20 समूह में शामिल अर्थव्यवस्थाएँ
G20 समूह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत, वैश्विक निवेश का 80% तथा पूरे विश्व की जनसंख्या के दो-तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
G20 समूह के उद्देश्य
- वैश्विक आर्थिक स्थिरता और सतत् आर्थिक संवृद्धि हासिल करने हेतु सदस्यों के मध्य नीतिगत समन्वय स्थापित करना।
- वित्तीय विनियमन (Financial Regulations) को बढ़ावा देना जो कि जोखिम (Risk) को कम करते हैं तथा भावी वित्तीय संकट (Financial Crisis) को रोकते हैं।
- एक नया अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय आर्किटेक्चर बनाना।
G20 समूह की उत्पति और विकास
- 1997 में आए बड़े वित्तीय संकट के पश्चात् यह निर्णय लिया गया था कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर एकत्रित होना चाहिये।
- G20 समूह की स्थापना 1999 में 7 देशों-अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, फ़्राँस और इटली के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में की गई थी।
- संयुक्त राष्ट्र (United Nation), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) तथा विश्व बैंक (World Bank) के स्टाफ स्थायी होते हैं और इनके हेड क्वार्टर भी होते हैं, जबकि G20 का न तो स्थायी स्टाफ होता है और न ही हेड क्वार्टर, यह एक फोरम मात्र है।
- G20 समूह के सहभागी संस्थान
G20 शिखर सम्मेलन 2018
- G20 का 13वाँ शिखर सम्मेलन 30 नवंबर से 1 दिसंबर, 2018 तक अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित किया गया।
- यह शिखर सम्मेलन कई मायनों में काफी खास था। इस सम्मेलन के दौरान समूह के नेताओं ने 10 साल पहले अस्तित्व में आए G20 के कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ आने वाले दशक की नई चुनौतियों से निपटने के तरीके और समाधान पर भी चर्चा की।
- इस सम्मेलन में भारत ने भगौड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिये 9 सूत्रीय एजेंडा प्रस्तुत किया तथा कई अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय एवं त्रिपक्षीय बैठकें भी कीं।
- ब्यूनस आयर्स में आयोजित इस सम्मेलन की थीम ‘BUILDING CONSENSUS FOR FAIR AND SUSTAINABLE DEVELOPMENT’ थी।
- इस सम्मेलन के दौरान भ्रष्टाचार से मुक्ति, महिला सशक्तीकरण, वित्तीय शासन का सुदृढ़ीकरण, वैश्विक अर्थव्यवस्था, श्रम बाज़ारों का भविष्य और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होनी थी।
- इसके अलावा जलवायु परिवर्तन को लेकर उचित कार्रवाई, व्यापार एवं निवेश पर सहयोग, वैश्विक कर प्रणाली में निष्पक्षता जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जानी थी।
- इस सम्मेलन का मुख्य ध्यान ‘फ्यूचर ऑफ वर्क (The future of work), विकास हेतु अवसंरचना और सतत् खाद्य सुरक्षा’ पर था।