ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटर्नल डिस्प्लेसमेंट, 2020 | 30 Apr 2020
प्रीलिम्स के लिये:इंटरनेशनल डिस्प्लेसमेंट मॉनिटरिंग सेंटर, ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटर्नल डिस्प्लेसमेंट-2020 मेन्स के लिये:ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटर्नल डिस्प्लेसमेंट 2020 से संबंधित मुद्दे |
चर्चा में क्यों:
हाल ही में ‘इंटरनेशनल डिस्प्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर’ (Internal Displacement Monitoring Centre-IDMC) ने ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटर्नल डिस्प्लेसमेंट-2020’ (Global Report on Internal Displacement-2020) शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है।
प्रमुख बिंदु:
- उल्लेखनीय है कि ग्लोबल रिपोर्ट ऑन इंटर्नल डिस्प्लेसमेंट-2020 के अनुसार, वर्ष 2019 में वैश्विक स्तर पर ‘संघर्ष और हिंसा’ तथा ‘प्राकृतिक आपदा’ के कारण 50.8 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं।
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में 140 देशों और विभिन्न प्रांतों में कम-से-कम 33.4 मिलियन नए लोगों का विस्थापन हुआ है।
- वर्ष 2019 में ‘संघर्ष और हिंसा’ के कारण विस्थापित लोगों की संख्या वर्ष 2012 की तुलना में तीन गुना हो गई है।
- नाइजर और सोमालिया जैसे देशों में राजनीतिक प्रतिबद्धता के कारण आंतरिक विस्थापन हेतु नीतिगत रूपरेखा में सुधार हुआ है। साथ ही अफगानिस्तान, इराक और फिलीपींस जैसे अन्य देशों ने अपनी विकास योजनाओं में विस्थापन से संबंधित मुद्दे शामिल किये हैं।
प्राकृतिक आपदा से विस्थापन:
- वर्ष 2019 में 140 देशों और प्रांतों में प्राकृतिक आपदाओं से 24.9 मिलियन नए लोग विस्थापित हुए जिसमें 23.9 मिलियन लोग प्राकृतिक आपदा के कारण, जबकि शेष आगामी आपदा को देखते हुए विस्थापित हुए।
- भारत और बांग्लादेश में चक्रवात ‘फानी’ और ‘बुलबुल’ के कारण पाँच मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए।
‘संघर्ष और हिंसा’ के कारण विस्थापन:
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में तकरीबन 50 देशों में उत्पन्न नए संघर्षों के कारण लोग विस्थापित हुए हैं।
- सीरिया, यमन और लीबिया में लंबे समय से चल रहे संघर्षों के कारण मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका में लोगों के विस्थापन में वृद्धि हुई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, संघर्ष के कारण कम और मध्यम आय वाले देशों के अधिकांश हिस्सों में लोगों का विस्थापन हुआ है, जिसमें सीरिया, लोकतांत्रिक गणराज्य कांगो तथा इथियोपिया शामिल हैं।
- वर्ष 2019 में ‘संघर्ष और हिंसा’ के कारण विस्थापित कुल 45.7 मिलियन लोगों में से तीन-चौथाई (34.5 मिलियन) विस्थापित लोग केवल 10 देशों से संबंधित हैं।
भारत के संदर्भ में:
- रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में भारत में लगभग पाँच मिलियन लोग विस्थापित हुए।
- भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण 2.6 मिलियन से अधिक लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा।
- गौरतलब है कि रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1901 के बाद वर्ष 2019 सातवाँ सबसे गर्म वर्ष था साथ ही भारत ने वर्ष 2019 में आठ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का सामना किया।
- उत्तर पश्चिमी मानसून के कारण चक्रवात ‘माहा’ से केरल और लक्षद्वीप क्षेत्र अत्यधिक प्रभावित हुए, जबकि चक्रवात ‘बुलबुल’ से ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल क्षेत्र अत्यधिक प्रभावित हुए। इन चक्रवातों के कारण 1.86 लाख लोगों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा।
- ‘त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल’ में ‘राजनीतिक और चुनावी हिंसा’ के कारण 7600 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा।
‘इंटरनेशनल डिस्प्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर’
(Internal Displacement Monitoring Centre-IDMC):
- ‘इंटरनेशनल डिस्प्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर’ को ‘नार्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल’ (Norwegian Refugee Council-NRC) के एक अन्य भाग के रूप में वर्ष 1998 में स्थापित किया गया था।
- ‘इंटरनेशनल डिस्प्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर’ के उद्देश्य:
- विस्थापित लोगों का आँकड़ा एकत्रित कर उसका विश्लेषण करना।
- विश्लेषित आँकड़ों की मदद से नीति निर्माण में देशों की मदद करना ताकि भविष्य में विस्थापन के जोखिम को कम किया जा सके।
- दुनिया भर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के जीवन में सुधार करना।