फ्रेट विलेज़ | 07 Dec 2018

चर्चा में क्यों?


जहाज़रानी मंत्रालय (Shipping Ministry) ने गंगा नदी पर अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल के समीप वाराणसी में 156 करोड़ रुपए की लागत से एक फ्रेट विलेज़ (Freight Village) विकसित करने के प्रस्‍ताव को मंज़ूरी दी है।


प्रमुख बिंदु

  • वाराणसी फ्रेट विलेज़ का विकास भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के द्वारा किया जाएगा।
  • यह एक कार्गो हब के रूप में काम करेगा और माल एकत्रित करने एवं उसके मूल्यवर्द्धन का भी एक केंद्र होगा। यह वाराणसी में एक पेशेवर लॉजिस्टिक्‍स उद्योग के विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
  • फ्रेट विलेज़ की भूमि का मालिक IWAI (Inland Waterways Authority of India) होगा लेकिन इसका कुछ हिस्सा लॉजिस्टिक्‍स कंपनियों और जलमार्ग से संबंधित विनिर्माण एवं व्यापारिक कंपनियों को बाज़ार स्थितियों के अनुसार तय मूल्यों एवं निर्धारित शर्तों पर पट्टे पर दिया जाएगा ताकि वे अपना कारोबार स्‍थापित कर सकें।
  • यह फ्रेट विलेज़ कंटेनर, बल्‍क एवं ब्रेक-बल्क कार्गो, तरल थोक और बैग वाले कार्गो सहित विविध कार्गो प्रोफाइल को अपनी सेवाएँ मुहैया करा सकता है।

क्या होता है फ्रेट विलेज़?

  • फ्रेट विलेज़ एक ऐसा निर्दिष्ट क्षेत्र है जहाँ परिवहन के विभिन्न साधन, माल वितरण और अन्य लॉजिस्टिक्‍स सुविधाएँ सिंक्रनाइज तरीके से बड़े पैमाने पर उपलब्ध होती हैं।
  • फ्रेट विलेज़ का मुख्य कार्य परिवहन के विभिन्न साधनों का प्रबंधन एवं उनकी उपयोगिता सुनिश्चित करना, उनमें तालमेल बिठाना और मौजूदा परिवहन साधनों में भीड़भाड़ को कम करना है।
  • फ्रेट विलेज़ बुनियादी तौर पर एक कार्गो एग्रीगेटर होता है जो शिपर/कार्गो मालिक को विभिन्‍न लॉजिस्टिक विकल्‍प यानी रेल-सड़क, रेल-जलमार्ग, सड़क-जलमार्ग आदि प्रदान करता है।
  • यह पसंदीदा लॉजिस्टिक विकल्‍प कम इष्‍टतम/ सबसे कम लॉजिस्टिक लागत पर आधारित होता है जो शिपर/कार्गो मालिक से वसूला जा सकता है।
  • माल ढुलाई संबंधी विभिन्‍न गतिविधियाँ एक ही छत के नीचे उपलब्‍ध होने और उनमें समन्‍वय से कारोबारी सुगमता सुनिश्चित होती है। साथ ही इससे माल की ढुलाई के लिये ट्रक क्षमता का बेहतर उपयोग संभव हो पाता है और कारोबारी गतिविधियों एवं आर्थिक दक्षता में सुधार हो सकता है।

वाराणसी ही क्यों?

  • विश्व बैंक (World Bank) के एक पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन में पाया गया कि वाराणसी, फ्रेट विलेज़ के लिये एक उपयुक्त जगह है।
  • यह शहर सामरिक दृष्टि से भी उपयुक्‍त जगह पर स्थि‍त है और यह ईस्‍टर्न ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की लॉजिस्टिक्‍स श्रृंखला का मध्‍य बिंदु है जहाँ से राष्‍ट्रीय जलमार्ग-1, ईस्‍टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ईडीएफसी), राष्‍ट्रीय राजमार्ग-7 और राष्ट्रीय राजमार्ग-2 गुज़रते हैं।
  • जल मार्ग विकास परियोजना के तहत बन रहे मल्‍टी मोडल टर्मिलन के चालू होने पर वाराणसी के अंतर्देशीय जलमार्ग पर यातायात में वृद्धि होने की उम्मीद है।

स्रोत : पी.आई.बी