अंतर्राष्ट्रीय संबंध
कृषि शिक्षा बजट में वितीय वर्ष 2013-14 की तुलना में 47.4 प्रतिशत की वृद्धि
- 08 Dec 2017
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, स्कूली बच्चों से लेकर नौजवानों तक को कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कृषि शिक्षा बजट में वृद्धि की गई| इसी क्रम में भारत सरकार ने कृषि से संबंधित अनेक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने शुरू किये है, ताकि कृषि का समग्र और तीव्र गति से विकास सुनिश्चित किया जा सके।
राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस
भारत सरकार द्वारा प्रथम केंद्रीय कृषि मंत्री एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्म-दिवस को दो वर्ष पूर्व 3 दिसंबर को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
उद्देश्य
► कृषि में दीर्घकालीन व स्थायी प्रगति के लिये कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार को सुदृढ़ करना।
► कृषि क्षेत्र की उत्कृष्टता हेतु नए केन्द्रों की स्थापना करना।
► पिछड़े राज्यों में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देना।
► प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता विकास।
► कृषि पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ
- इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा उच्च कृषि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये कई नए कार्यक्रम आरंभ किये गए हैं|
- इसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा इस वर्ष कृषि शिक्षा बजट में वित्तीय वर्ष 2013-14 की तुलना में 47.4 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
- उच्च कृषि शिक्षा में गुणवत्ता व समग्र दृष्टिकोण अपनाने के लिये पाँचवीं डीन समिति रिपोर्ट सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू कर दी गई है।
- इस नए पाठ्यक्रम के माध्यम से कृषि आधारित समस्त स्नातक कोर्सों को पहली बार प्रोफेशनल कोर्सों की श्रेणी में तब्दील किया गया है। इससे कृषि स्नातकों को भविष्य में प्रोफेशनल कार्य से नौकरी मिलने में मदद मिलगी।
- पाँचवीं डीन समिति रिपोर्ट के अंतर्गत कृषि शिक्षा में निहित विषयों के लिये समसामयिक पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं उनके क्रियान्वयन के लिये आवश्यक प्रशासनिक शैक्षिक मानकों हेतु दिशा-निर्देश तैयार किये गए हैं।
स्टूडेंट रेडी कार्यक्रम
- इसके अतिरिक्त उद्यमिता विकास एवं रोज़गार सुनिश्चित करने के लिये स्टूडेंट रेडी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसमें वर्ष 2016-17 में सभी छात्रों की फेलोशिप को एक हज़ार रुपए से बढ़ाकर तीन हज़ार रुपए किया गया है।
- इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि स्नातक छात्रों को शैक्षणिक अध्ययन के दौरान कौशल युक्त बनाते हुए उन्हें रोज़गार के अनुकूलन प्रशिक्षण देना है।
कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु आरंभ की गई पहलें
- इसके अलावा एक अन्य योजना ‘आर्या’ को भी संचालित किया जा रहा है।
- वर्ष 2016 में कृषि शिक्षा को बढावा देने के लिये ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन्नत कृषि शिक्षा’ योजना भी प्रारंभ की गई।