‘तेज़’- भारत में गूगल की भुगतान सेवा एप | 15 Sep 2017
चर्चा में क्यों ?
दुनिया की दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल अब भारत में भी अपनी भुगतान सेवा एप शुरू करने जा रही है। माना जा रहा है कि 18 सितंबर को गूगल यू.पी.आई. (UPI) आधारित भुगतान एप को शुरू करेगा। ये एप गूगल स्टोर से अन्य एप्स की तरह ही डाउनलोड किया जा सकेगा।
प्रमुख बिंदु
- एक अंग्रेज़ी वेबसाइट ‘द केन डॉटकॉम’ की खबर के मुताबिक गूगल ने अपनी भुगतान सेवा को ‘तेज़’(Tez) नाम दिया गया है। इसके पीछे तेज़ी से काम करने वाला यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस मुहैया कराने की गूगल की मंशा है।
- गूगल भुगतान एप में एक खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि एन.पी.सी.आई. (NPCI) ने किसी स्थानीय डिजिटल भुगतान की मोबाइल एप के लिये बहु-बैंक साझेदारी की मंज़ूरी दी हो।
गूगल के भुगतान एप की खासियत
- यह एप एंड्रायड-पे की तरह होगा, परंतु गूगल वॉलेट या एंड्रॉयड-पे जैसी मौजूदा भुगतान सेवाओं से अलग भुगतान का विकल्प प्रदान करेगा।
- इसमें दूसरे ग्राहक भुगतान सेवाओं जैसे पेटीएम, मोबिक्विक, फ्रीचार्ज के लिये भी सपोर्ट होगा।
- ‘तेज’ एप में सरकार द्वारा संचालित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के लिये भी सपोर्ट होगा।
- उल्लेखनीय है कि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई भुगतान प्रणाली शुरू की है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक विनियमित करता है।
- मोबाइल से दो बैंक खातों के बीच पैसे के शीघ्र ट्रांसफर की सहूलियत यू.पी.आई. के ज़रिये मिल पाती है और कई बैंक भी अपने यू.पी.आई. के माध्यम से ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुविधा दे रहे हैं।
- गूगल ने दो साल पहले अमेरिका में अपना भुगतान एप एंड्रॉयड-पे शुरू किया था। गूगल की भुगतान सेवा अमेरिका में काफी लोकप्रिय है।
भुगतान सेवा एप बाज़ार में उतरने का कारण
- भारत में गूगल द्वारा अपनी मोबाइल पेमेंट सेवा उतारने का कारण ऑनलाइन बाज़ार का तेज़ी से बढ़ता विकास, मोबाइल इंटरनेट यूज़र्स की बढ़ती संख्या और स्मार्टफोन की बिक्री है। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्मार्टफोन बाज़ार है।
- गूगल और रिसर्च एजेंसी बीसीजी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक भारत में डिजिटल भुगतान बाज़ार 32 लाख करोड़ रुपए तक हो जाएगा। यह देश की जी.डी.पी. (G.D.P.) का 15% होगा। इसलिये गूगल इस बाज़ार को खोना नहीं चाहती है।
- वहीं, देश में डिजिटल भुगतान का इंफ्रास्ट्रक्चर 2017 के आखिर तक तीन गुना बढ़ने की उम्मीद है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष के अंत तक देश में करीब 50 लाख इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें हो जाएंगी।
- गौरतलब है कि पिछले वर्ष 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद भारत में ऑनलाइन भुगतान, मोबाइल भुगतान एप और सेवाओं के लिये एक बड़ा बाज़ार तैयार हो गया था।
- नोटबंदी का सबसे अधिक लाभ निजी मोबाइल वॉलेट कंपनी पेटीएम को मिला था और इसके साथ ही कई और ऑनलाइन भुगतान एवं मोबाइल वॉलेट कंपनियों के लिये भी अपार संभावनाओं के अवसर खुल गए थे।
- यहाँ तक कि हाल ही में प्रमुख मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने भी नेशनल भुगतान कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस के लिये अनुमति मांगी थी।
- इन्हीं कारणों से गूगल ने भी भारत के तेज़ी से बढ़ते ऑनलाइन भुगतान सेवा और बेहद प्रतिस्पर्धी डिजिटल भुगतान बाज़ार में प्रवेश करने का मन बनाया है।