शासन व्यवस्था
आयुष्मान भारत के तहत COVID-19 का मुफ्त परीक्षण और उपचार
- 06 Apr 2020
- 6 min read
प्रीलिम्स के लियेआयुष्मान भारत योजना मेन्स के लियेआपदा/महामारी प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भूमिका |
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत कोरोनावायरस का मुफ्त परीक्षण और उपचार प्रदान करने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- सरकार द्वारा की गई यह घोषणा आयुष्मान भारत योजना के 50 करोड़ लाभार्थियों को निर्दिष्ट निजी अस्पतालों में मुफ्त परीक्षण और उपचार की सुविधा प्राप्त करने में मदद करेगी।
- इस संदर्भ में प्रस्तुत किये गए आधिकारिक विवरण के अनुसार, इस योजना के तहत निर्दिष्ट अस्पताल या तो अपनी स्वयं की अधिकृत परीक्षण सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं अथवा योजना के लिये अधिकृत परीक्षण सुविधा के साथ टाई अप (Tie Up) कर सकते हैं।
- सभी परीक्षण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council for Medical Research-ICMR) द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार ICMR द्वारा पंजीकृत निजी प्रयोगशालाओं द्वारा ही किये जाएंगे।
- सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य परीक्षण और उपचार सुविधाओं की आपूर्ति में वृद्धि करना और ICMR दिशा-निर्देशों के अनुसार आयुष्मान योजना के माध्यम से आम लोगों की निजी क्षेत्र में पहुँच में वृद्धि करना है।
निर्णय के लाभ
- योजना के लाभार्थियों को मुफ्त परीक्षण और उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने का यह निर्णय COVID-19 महामारी के प्रति भारत के प्रयासों को और मज़बूत करेगा।
- साथ ही इस घोषणा के कारण लाभार्थियों को समयबद्ध तथा मानक उपचार प्राप्त हो सकेगा।
निजी क्षेत्र की भागीदारी
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के अनुसार, ‘इस गंभीर संकट के समय कोरोनावायरस (COVID-19) के विरुद्ध लड़ाई में निजी क्षेत्र को एक महत्त्वपूर्ण भागीदार और हितधारक के रूप में सक्रिय रूप से शामिल करना आवश्यक है।’
- आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी क्षेत्र के अस्पतालों और प्रयोगशालाओं को शामिल करके लोगों को मुफ्त परीक्षण और उपचार सुविधा उपलब्ध कराना हमारी क्षमताओं का काफी विस्तार करेगा और गरीबों पर इस भयावह वायरस के प्रतिकूल प्रभाव को कम करेगा।
- स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, कई राज्य निजी क्षेत्र के अस्पतालों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में थे जिन्हें केवल COVID-19 अस्पतालों में परिवर्तित किया जा सकता था।
आयुष्मान भारत योजना
- आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है जिसे यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (Universal Health Coverage-UHC) के उद्देश्य की प्राप्ति हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 द्वारा की गई अनुशंसा के आधार पर लागू किया गया था।
- आयुष्मान भारत के तहत दो अंतर-संबंधित घटकों से युक्त देखभाल के दृष्टिकोण को अपनाया गया है, जो हैं-
- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (HWCs)
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY)
- यह पहल सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals-SDGs) और इनके तहत रेखांकित प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये तैयार की गई है।
- इस योजना का उद्देश्य प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की बाधाओं को समाप्त करना है। साथ ही इस योजना के माध्यम से देश की 40 प्रतिशत जनसंख्या को स्वास्थ्य कवर के दायरे में लाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
कोरोनावायरस और भारत
- कोरोनावायरस मौजूदा समय में विश्व के समक्ष एक गंभीर चुनौती बन गया है और दुनिया भर में इसके कारण अब तक 69000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है और तकरीबन 1200000 लोग इसकी चपेट में हैं।
- भारत में भी स्थिति काफी गंभीर है और इस खतरनाक वायरस के कारण अब तक देश में 109 लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा देश में 4000 से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं।
- भारत सरकार द्वारा कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिये कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, ध्यातव्य है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में 21 दिवसीय लॉकडाउन की घोषणा की थी।
- इसके अलावा गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 21,064 राहत शिविर बनाए गए हैं और लगभग 6,66,291 लोगों को शरण दी गई है।
- रिपोर्ट के अनुसार, हवाई अड्डों पर 15.25 लाख यात्रियों की जाँच की गई, 12 प्रमुख बंदरगाहों पर 40,000 लोगों की जाँच की गई और भूमि सीमाओं पर 20 लाख लोगों की जाँच की गई है।