अंतर्राष्ट्रीय संबंध
तुर्की एवं ग्रीस के मध्य तनाव
- 13 Aug 2020
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प्रिलिम्स के लिये:उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, हागिया सोफिया संग्रहालय मेन्स के लिये:तुर्की और ग्रीस के मध्य उत्पन्न विवाद |
चर्चा में क्यों?
उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के सहयोगी तुर्की और ग्रीस पिछले दो सप्ताह में दो बार आपसी विरोध जता चुके हैं।
प्रमुख बिंदु:
- ये दोनों मामले तुर्की द्वारा 1500 वर्ष पुराने हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में परिवर्तित करना और पूर्वी भू-मध्य सागर में हाइड्रोकार्बन की खोज करने के मुद्दे से संबंधित हैं।
- इस वर्ष दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों में गिरावट देखी गई है। फरवरी में, तुर्की ने हज़ारों प्रवासियों को ग्रीस और यूरोपीय संघ में प्रवेश करने की अनुमति दी थी, जिसके कारण तनाव उत्पन्न हुआ।
भूमध्य सागरीय पड़ोसी
- सदियों से, तुर्की और ग्रीस ने एक विविध प्रकार का इतिहास साझा किया है। वर्ष 1830 में ग्रीस ने आधुनिक तुर्की के प्रणेता ओटोमन साम्राज्य से स्वतंत्रता हासिल की। वर्ष 1923 में, दोनों देशों ने अपनी मुस्लिम और ईसाई आबादी का आदान-प्रदान किया- यह दूसरा सबसे बड़ा मानव प्रवासन था केवल भारत के विभाजन के समय हुआ प्रवासन ही इतिहास में इससे बड़ा था।
- दोनों देशों के मध्य दशकों पुराने साइप्रस संघर्ष पर विरोध जारी है, और ईजियन सागर में अन्वेषण अधिकारों को लेकर दो बार तो बात युद्ध तक चली गई है।
- हालाँकि, दोनों देश 30-सदस्यीय नाटो गठबंधन का हिस्सा हैं, और तुर्की आधिकारिक तौर पर यूरोपीय संघ की पूर्ण सदस्यता के लिये एक उम्मीदवार है, ग्रीस जिसका एक भाग है।
पूर्वी भूमध्यसागरीय विवाद
- 40 वर्षों तक तुर्की और ग्रीस ने पूर्वी भूमध्य सागर और ईजियन सागर के अधिकारों पर असहमति जताई है, जहाँ तेल एवं गैस के भंडार होने की संभावनाएँ हैं।
- 21 जुलाई को, तुर्की ने घोषणा की कि ड्रिलिंग जहाज ओरुक रीस तेल और गैस के लिए समुद्र के एक विवादित हिस्से की खोज करेगा। ग्रीस ने अपनी वायु सेना, नौसेना और कोस्टगार्ड को हाई अलर्ट पर रखकर इसका प्रत्युत्तर दिया।
हागिया सोफिया संग्रहालय से संबंधित विवाद
- विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति रेसेप एरदोगन ने तुर्की की राजनीति में प्रवेश किया था तो उनके प्रमुख एजेंडे में हागिया सोफिया की तत्कालीन स्थिति शामिल नहीं थी।
- तुर्की के आधुनिक इतिहासकारों के अनुसार, रेसेप एरदोगन ने अपनी राजनीति के शुरुआत दौर में एक बार हागिया सोफिया को मस्जिद के रूप में बदलने की मांग पर आपत्ति भी ज़ाहिर की थी।
- हालाँकि राष्ट्रपति रेसेप एरदोगन ने इस्तांबुल में नगरपालिका चुनावों में हार के बाद अपना पक्ष पूरी तरह से बदल दिया।
- इसके पश्चात् जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा येरुशलम को इज़राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी गई, तब रेसेप एरदोगन ने भी हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद में बदलने के पक्ष में बोलना शुरू कर दिया।
- जानकार मानते हैं कि हागिया सोफिया संग्रहालय को मस्जिद के रूप में बदलने को लेकर रेसेप एरदोगन का पक्ष राजनीतिक प्रतिष्ठा प्राप्त करने की इच्छा से काफी हद तक जुड़ हुआ है। अपने इस कदम के माध्यम से वह पुनः अपना राजनीतिक समर्थन प्राप्त करना चाहते हैं, जो इस्तांबुल के नगरपालिका चुनावों के बाद लगातार कम हो रहा है।
हागिया सोफिया-
- इस्तांबुल की इस प्रतिष्ठित संरचना का निर्माण तकरीबन 532 ईस्वी में बाइज़ेंटाइन साम्राज्य (Byzantine Empire) के शासक जस्टिनियन (Justinian) के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ, उस समय इस शहर को कॉन्सटेनटिनोपोल (Constantinople) या कस्तुनतुनिया (Qustuntunia) के रूप में जाना जाता था।
- इस प्रतिष्ठित इमारत को बनाने के लिये काफी उत्तम किस्म की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया था और इस कार्य में उस समय के सबसे बेहतरीन कारीगरों को लगाया गया था, वर्तमान में यह एक संग्रहालय के रूप में तुर्की के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- गिरजाघर के रूप में इस ढाँचे का निर्माण लगभग पाँच वर्षों यानी 537 ईस्वी में पूरा हो गया। यह इमारत उस समय ऑर्थोडॉक्स इसाईयत (Orthodox Christianity) के लिये एक महत्त्वपूर्ण केंद्र थी, और कुछ ही समय में यह बाइज़ेंटाइन साम्राज्य की स्थापना का प्रतीक बन गया।
- यह इमारत लगभग 900 वर्षों तक ऑर्थोडॉक्स इसाईयत के लिये एक महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित रही, किंतु वर्ष 1453 में जब इस्लाम को मानने वाले ऑटोमन साम्राज्य (Ottoman Empire) के सुल्तान मेहमत द्वितीय (Sultan Mehmet II) ने कस्तुनतुनिया पर कब्ज़ा कर लिया, तब इसका नाम बदलकर इस्तांबुल कर दिया गया।
- हमलावर ताकतों ने हागिया सोफिया में काफी तोड़फोड़ की और कुछ समय बाद इसे मस्जिद में बदल दिया गया, मस्जिद के रूप में परिवर्तन होने के पश्चात् स्मारक की संरचना में कई आंतरिक और बाह्य परिवर्तन किये गए और वहाँ से सभी रूढ़िवादी प्रतीकों को हटा दिया गया था, साथ ही इस संरचना के बाहरी हिस्सों में मीनारों का निर्माण किया गया।
- एक लंबे अरसे तक हागिया सोफिया इस्तांबुल की सबसे महत्त्वपूर्ण मस्जिद रही।
- 1930 के दशक में आधुनिक तुर्की गणराज्य के संस्थापक मुस्तफा कमाल अतातुर्क (Mustafa Kemal Ataturk) ने तुर्की को अधिक धर्मनिरपेक्ष देश बनाने के प्रयासों के तहत मस्जिद को एक संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया।
- वर्ष 1935 में इसे एक संग्रहालय के रूप में आम जनता के लिये खोल दिया गया।