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‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ रिपोर्ट

  • 15 Apr 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जारी ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ (State of World Population- SWOP) रिपोर्ट के अनुसार, भारत के स्कूलों में प्राथमिक और माध्यमिक दोनों स्तरों पर लड़कों की तुलना में लड़कियों की नामांकन दर अधिक है।

प्रमुख बिंदु

  • ज्ञातव्य है कि ‘विश्व जनसंख्या की स्थिति- 2019’ रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) द्वारा प्रकाशित की गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लड़कियों के नामांकन की दर प्राथमिक स्कूलों में लड़कों की तुलना में कम है, जबकि माध्यमिक स्तर पर बराबर है।
  • 2009-18 के लिये समायोजित आँकड़ों के अनुसार, भारत के प्राथमिक विद्यालयों में लड़कियों की नामाकन दर 98%, जबकि लड़कों की नामांकन दर 97% थी।
  • वैश्विक स्तर पर लड़कियों और लड़कों की नामांकन दर क्रमश: 90% और 92% है।
  • अध्ययन के अनुसार, इस मामले में भारत का लैंगिक समानता सूचकांक (Gender Parity Index) 1.01 है, जबकि विश्व का 0.98 है।
  • माध्यमिक स्तर पर भारत में लड़कियों और लड़कों की नामांकन दर दुनिया भर की तुलना में कम है।
  • हालाँकि भारत में लड़कियों और लड़कों की नामांकन क्रमश: 62% और 61% है, इस मामले में भारत का लैंगिक समानता सूचकांक 1.01 है जो दुनिया भर के सूचकांक (1.0) से अधिक है।
  • भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका ने स्कूली शिक्षा के दोनों स्तरों पर नामांकन में उच्च स्कोर प्राप्त किया हैं।

UNFPA

  • संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund- UNFPA) की स्थापना विकासशील देशों को जनसंख्या वृद्धि के सामाजिक और आर्थिक निहितार्थों के बारे में सलाह देने और राष्ट्रीय जनसंख्या कार्यक्रमों को समर्थन देने के लिये 1969 में की गई थी।

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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