अंतर्राष्ट्रीय संबंध
तेलंगाना और असम “उदय” योजना में शामिल
- 07 Jan 2017
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पृष्ठभूमि
3 जनवरी, 2017 को तेलंगाना और असम ने “उदय” (Ujwal Discom Assurance Yojna - UDAY) योजना के समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिये हैं| इन राज्यों के साथ ही तमिलनाडु ने भी 6 जनवरी, 2017 को इस योजना में शामिल होने के लिये सहमति दे दी है| अब, 9 जनवरी को तमिलनाडु विद्युत वितरण कंपनी TANGENDCO द्वारा समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाने हैं| उपर्युक्त राज्यों के इस योजना में शामिल हो जाने से इस के अंतर्गत शामिल राज्यों की कुल संख्या 21 हो जाएगी| तमिलनाडु के योजना में शामिल हो जाने से अब इस योजना के अंतर्गत शामिल सभी राज्य कुल डिस्कॉम ऋण का 90% ऋण चुकता करेंगे|
- नवीन और न्वीकरानीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, इस योजना में शामिल किये जाने पर तेलंगाना और असम को क्रमशः लगभग 6116 करोड़ और 1663 करोड़ रुपए का लाभ होगा| वस्तुतः इस योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य द्वारा संचालित विद्युत वितरण कंपनियों के कार्य-निष्पादन को बेहतर बनाना है|
- उदय योजना के तहत तेलंगाना सरकार को कुल डिस्कॉम ऋण 11,897 करोड़ में से 8923 करोड़ वहन करना होगा|
- असम सरकार को कुल डिस्कॉम ऋण 1510 करोड़ में से 928 करोड़ वहन करना होगा (जैसा कि उदय योजना में उल्लिखित है कि योजना के अंतर्गत शामिल राज्य सरकार को 30 सितम्बर, 2015 तक के अपने बकाया डिस्कॉम ऋण का 75 % वहन करना होगा )|
- तमिलनाडु सरकार विद्युत वितरण कंपनी के कुल बकाया ऋण 80,000 करोड़ के 75% का भुगतान करेगी|
- इससे तेलंगाना और असम को प्रतिवर्ष ब्याज भुगतान में क्रमशः 387 करोड़ और 37 करोड़ रुपए की बचत होगी|
- भविष्य में लिये गए ऋण पर इन राज्यों के लिये ब्याज दर में कटौती का प्रावधान किया गया है |
- तेलंगाना के सन्दर्भ में, यदि वह समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (AT&C) और संचार हानि (transmission loss) में उसे दी गई समयावधि में क्रमशः 9.95% और 3% कटौती करने में कामयाब होता है, तो उसे 1476 करोड़ के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति होगी| इसी तरह, यदि असम क्रमशः 15% और 3.4% कटौती करने में कामयाब होता है तो उसे 669 करोड़ प्राप्त होंगे|
- सरकार ने डिस्कॉम के कार्य में पारदर्शिता लाने के लिये उदय पोर्टल और मोबाइल एप भी लॉन्च किया है|
उदय योजना
- 5 नवम्बर, 2015 को शुरू की गई यह भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका लक्ष्य भारत की विद्युत् वितरण कंपनियों का आर्थिक पुनरुत्थान करना तथा विद्युत वितरण की समस्या का सतत् और स्थायी हल सुनिश्चित करना है| योजना के अनुसार, राज्य सरकारों को डिस्कॉम के पुराने क़र्ज़ को अपने ऊपर लेना है, यानी इस योजना के तहत डिस्कॉम के घाटे को राज्य सरकार ही वहन करेगी|
- केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2015-16 और 2016-17 के अंतर्गत संबंधित राज्य के होने वाले राजकोषीय घाटे में डिस्कॉम के उस पुराने ऋण को शामिल नहीं करेगी जिसे राज्य सरकार द्वारा योजनानुसार वहन किया जाना है| भारत में वितरण प्रणाली के उचित रूप में कार्य न कर पाने के कारण वितरण कंपनियाँ 3.8 लाख करोड़ रुपए के घाटे के साथ लगभग 4.3 लाख करोड़ के क़र्ज़ में हैं| जब तक डिस्कॉम ब्यापक रूप से व सस्ती दरों पर विद्युत उर्जा देने में सफल नहीं हो जाता है, तब तक ऊर्जा क्षेत्र में अत्मनिर्भरता, गॉंवों में 100% विद्युतीकरण 24×7 बिजली और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता है |
- उदय योजना का मुख्य लक्ष्य परिचालन कौशल में सुधार करते हुए बिजली की लागत में कमी लाना है|
डिस्कॉम(Distribution Companies)
- डिस्कॉम विद्युत वितरण कम्पनियाँ हैं|
- भारत की विद्युत व्यवस्था को तीन भागो में बाँटा गया है-
1.विद्युत उत्पादन (Power Production)
2.विद्युत संचरण (Power transmission)
3.विद्युत वितरण (Power Distribution)
- तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (Aggregate Technical and commercial losses) हानि वितरण व्यापार की समग्र दक्षता का पारदर्शी मापन है, जो तकनीकी हानि के साथ-साथ वाणिज्यिक हानि का भी मापन करता है|