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भारतीय अर्थव्यवस्था

तकनीकी वस्त्र

  • 13 Dec 2019
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

तकनीकी वस्त्र क्या हैं? इनके प्रयोग

मेन्स के लिये

तकनीकी वस्त्रों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये सरकार के प्रयास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुंबई में टेकटेक्सटिल इंडिया (Techtextil India) के सातवें संस्करण का आयोजन हुआ जिसमें तकनीकी वस्त्रों (Technical Textile) की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इसके अलावा भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय (Ministry of Textiles) ने भी देश में उत्पादित तकनीकी वस्त्रों की खरीद पर ज़ोर दिया है।

मुख्य बिंदु:

  • तकनीकी वस्त्र (Technical Textile) उन वस्त्रों को कहते हैं जिनका निर्माण गैर-सौंदर्यपूर्ण (Non-Aesthetics) कार्यों के स्थान पर तकनीकी तथा उससे संबंधित आवश्यकताओं के लिये किया जाता है। इनके निर्माण का मुख्य उद्देश्य कार्य-संपादन (Functionality) होता है।
  • तकनीकी वस्त्रों का उपयोग कृषि, वैज्ञानिक शोध, चिकित्सा, सैन्य क्षेत्र, उद्योग तथा खेलकूद के क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर होता है।
  • तकनीकी वस्त्रों के उपयोग से कृषि, मछलीपालन तथा बागवानी की उत्पादकता में वृद्धि होती है।
  • ये सेना, अर्द्ध-सैनिक बल, पुलिस एवं अन्य सुरक्षा बलों की बेहतर सुरक्षा के लिये भी अहम हैं। इसके अलावा यातायात अवसंरचना (Transportation Infrastructure) को मज़बूत और टिकाऊ बनाने के लिये इनका प्रयोग रेलवे, बंदरगाहों तथा हवाई जहाज़ों में किया जाता है।
  • भारत में तकनीकी वस्त्र का विकास उद्योगों तथा अन्य प्रायोगिक आवश्यकताओं की आर्थिक उत्पादकता और दक्षता बढ़ाने के लिये अत्यंत आवश्यक है।
  • ये अपने वाणिज्यिक उपयोग के अलावा सरकार द्वारा संचालित कई महत्त्वपूर्ण मिशनों जैसे- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission), जल जीवन मिशन (Jal Jivan Mission), राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission) तथा राजमार्गों, रेलवे एवं बंदरगाहों के विकास के लिये आवश्यक हैं।
  • भारत में तकनीकी वस्त्रों को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं।
    • विदेशी व्यापार नीति के तहत तकनीकी वस्त्र्रों के 207 उत्पादों को हार्मोनाइज़्ड सिस्टम ऑफ़ नॉमेनक्लेचर (Harmonised System of Nomenclature-HSN) कोड प्रदान किया गया है।
    • विविध क्षेत्रों में तकनीकी वस्त्रों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिये वर्तमान में 10 केंद्रीय मंत्रालयों के अधीन 92 अनुप्रायोगिक क्षेत्रों (Application Araes) की पहचान की गई है जहाँ तकनीकी वस्त्रों का प्रयोग अनिवार्य है।
    • भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards-BIS) ने तकनीकी वस्त्रों के 348 उत्पादों के लिये मानक निर्धारित किया है।
    • वस्त्र मंत्रालय ने कौशल विकास कार्यक्रम (Skill Development Programme) के अंतर्गत संचालित समर्थ (Samarth) योजना के तहत 6 अतिरिक्त पाठ्यक्रम जोड़े हैं।
    • सरकार ने तकनीकी वस्त्रों पर नए बेसलाइन सर्वेक्षण (Baseline Survey) हेतु आईआईटी दिल्ली को चुना है।

स्रोत: पी.आई.बी.

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