प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर कर लगाना कितना जायज़ | 10 May 2017

संदर्भ
चिकित्सा और पोषण विशेषज्ञों की एक समिति ने अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और चीनी की मिठास वाले पेय पदार्थों पर कर लगाने की अनुसंशा की है| भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of  India - FSSAI) ने भी टी.वी. शो के दौरान दिखाए जाने वाले उच्च वसा, नमक और चीनी युक्त खाद्य विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने की अनुसंशा की है| 

प्रमुख बिंदु

  • 11 सदस्यीय समिति ने खाद्य पदार्थों में वसा, सोडियम और चीनी के उपयोग के संबंध में मौजूदा वैज्ञानिक साहित्य का अध्ययन किया तथा यह निष्कर्ष निकाला कि खाद्य पदार्थों में इनका अनुपात विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research -ICMR) द्वारा निर्धारित मानदंडों से अधिक नहीं होना चाहिये|
  • शहरी जनसंख्या पर किये गए एक अध्ययन में यह पाया गया था कि कम आय वाले लोग उच्च आय वाले लोगों की तुलना में तली हुई चीज़ों और मिठाइयों का उपभोग अधिक करते हैं| इसके अलावा, मलिन बस्तियों में बेकरी के उत्पादों का उपभोग अधिक होता है|
  • पैनल ने यह भी अनुसंशा की कि डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों (packaged food) के डिब्बों पर खाद्य पदार्थों में सम्मिलित तत्त्वों का विवरण (जैसे- कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा की मात्रा) लिखा होना चाहिये| इसके अतिरिक्त, इसमें ऐसे पोषक तत्त्वों की मात्रा भी लिखी होनी चाहिये जिनके आधार पर अच्छे स्वास्थ्य का दावा किया जा सकता है| यदि संभव हो तो इसमें वसीय अम्ल, कोलेस्ट्रोल (मिलीग्राम) ,संतृप्त वसीय अम्ल, असंतृप्त वसीय अम्ल तथा बहु-असंतृप्त वसीय अम्लों (ग्राम में) की मात्रा भी लिखी होनी चहिये| वस्तुतः आज भी कई कम्पनियाँ प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पोषक तत्त्वों की उपस्थिति का दावा करती हैं|   
  • विदित हो कि कर लगाने का अधिकार भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के पास नहीं है, परंतु इसकी अनुशंसाओं पर विचार किया जा रहा है| शीघ्र ही एफएसएसएआई एक  आदेश पारित करने वाला है जिससे तहत खाद्य कंपनियों को यह सुनिश्चित कराना होगा कि प्रतिदिन उनके उत्पादों में उत्पाद की आवश्यकता के अनुसार 5% से अधिक वसा का उपयोग नहीं हो रहा है|

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण 

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की स्थापना भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में की गई है|
  • इसे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत स्थापित किया गया है| यह भारत में खाद्य सुरक्षा और विनियमन से संबंधित मामलों की निगरानी करता है|
  • इसका मुख्यालय दिल्ली में है| इसके 6 अन्य क्षेत्रीय कार्यालय क्रमशः दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, कोलकाता, कोचीन और चेन्नई में हैं| 
  • इसका उद्देश्य खाद्य सामग्री के लिये विज्ञान पर आधारित मानकों का निर्माण करना तथा खाद्य पदार्थों के भंडारण, वितरण, ब्रिक्री तथा आयात को नियंत्रित करना है ताकि मानव के उपभोग हेतु सुरक्षित तथा सम्पूर्ण आहार की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके|

निष्कर्ष
वास्तव में भारत को ऐसे पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का प्रचार करने वाले ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों को भी हतोत्साहित किया जाना चाहिये| विदित हो कि चिली जैसे देश में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है|