स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) | 28 Dec 2019
प्रीलिम्स के लिये:
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी, ODF, ODF+ और ODF++ प्रोटोकॉल, वाटर+ प्रोटोकॉल, कचरा मुक्त शहरों के लिये स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल
मेन्स के लिये
स्वच्छ भारत मिशन तथा इसका महत्त्व
चर्चा में क्यों?
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के तहत भारत ने ODF (खुले में शौच मुक्त) बनाने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है।
प्रमुख बिंदु:
- 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी क्षेत्रों को ODF घोषित किया गया है और अन्य शहर भी इसे हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
- 35 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के शहरी क्षेत्र ODF बन गए हैं। कुल मिलाकर 4,320 शहरों (4,372 में से) ने खुद को ODF घोषित किया है, जिनमें से 4,167 शहरों को तीसरे पक्ष के सत्यापन के माध्यम से प्रमाणित किया गया है।
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) को एक सफल परियोजना बनाने के लिये विभिन्न पहलें शुरू की हैं।
स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के तहत प्रमुख परियोजनाएँ:
ODF, ODF+ और ODF++ प्रोटोकॉल:
- ODF मानदंड के तहत सामुदायिक व सार्वजनिक शौचालयों के नियमित इस्तेमाल के लिये उनकी कार्यात्मकता और उचित रखरखाव को सुनिश्चित करते हुए इनके संचालन व रख-रखाव पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये।
- ODF+ मानदंड के तहत व्यक्ति को खुले में शौच या मूत्रत्याग नहीं करना चाहिये। सभी सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का रखरखाव और साफ-सफाई की जानी चाहिये।
- ODF++ मानदंड के तहत शौचालयों से मल और कीचड़ का सुरक्षित निस्तारण करने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाता है कि ऐसा कोई भी अशोधित कीचड़ खुले नालों, जल निकायों या खुले में न बहा दिया जाए।
अब तक 819 शहरों को ODF+ और 312 शहरों को ODF++ से प्रमाणित किया गया है।
वाटर+
हाल ही में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा (MoHUA) वाटर+ प्रोटोकॉल को यह सुनिश्चित करने के लिये डिज़ाइन किया गया कि किसी भी अनुपचारित अपशिष्ट जल को खुले वातावरण या जल निकायों में न बहाया जाए।
गूगल के साथ भागीदारी
MoHUA ने सभी सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग करने के लिये Google के साथ भागीदारी की है ताकि नागरिकों को स्वच्छता सुविधाओं तक पहुँचने में आसानी हो।
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन:
वर्तमान में 96% वार्डों में डोर-टू-डोर संग्रह द्वारा कुल उत्पन्न अपशिष्ट का लगभग 60% संसाधित किया जा रहा है।
अपशिष्ट मुक्त शहरों के लिये स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल: यह 12 मापदंडों पर आधारित है जो एक स्मार्ट फ्रेमवर्क का पालन करते हैं-
- रेटिंग के अनुसार 4 शहरों इंदौर (मध्य प्रदेश), अंबिकापुर (छत्तीसगढ़), नवी मुंबई (महाराष्ट्र) और मैसूर (कर्नाटक) को 5-स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया है।
- 57 शहरों को 3-स्टार और 4 शहरों को 1-स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया है।
प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन:
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने सड़क निर्माण के लिये प्लास्टिक अपशिष्ट का उपयोग करने हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India- NHAI) के साथ भागीदारी की है।
- इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट को जमा करना, गीले अपशिष्ट की प्रसंस्करण की सुविधाओं की क्षमता का उपयोग करना, साथ ही पुनः उपयोग की सुविधा स्थापित करने के लिये कहा गया है।
- MoHUA ने अलग-अलग शहरी स्थानीय निकाय से 100 - 200 किमी के दायरे में स्थित 46 सीमेंट संयंत्रों का नक्शा बनाने के लिये सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (CMA) के साथ भागीदारी की है, जहाँ सीमेंट मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन संग्रह केन्द्रों पर प्लास्टिक अपशिष्ट भेजा जा सकता है तथा बाद में वैकल्पिक ईंधन के रूप में उपयोग के लिये सीमेंट संयंत्रों को भेजा जा सकता है।
- 2019 के ‘स्वछता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत 3,200 शहरों में 1,06,000 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें 7 करोड़ से अधिक शहरी निवासियों ने भागीदारी की, और 7,700 मीट्रिक टन से अधिक प्लास्टिक कचरा एकत्र किया गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण:
- स्वच्छ सर्वेक्षण (2020) 4 जनवरी, 2020 से शुरू होने वाला है और यह 31 जनवरी, 2020 तक जारी रहेगा।
- आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने स्वच्छ सर्वेक्षण (SS 2020) लीग 2020 की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत भारत के शहरों एवं कस्बों में स्वच्छता अथवा साफ-सफाई का तिमाही आकलन किया जाएगा।
- स्वच्छ सर्वेक्षण एक अभिनव सर्वेक्षण है जो स्वच्छ भारत मिशन - शहरी के तहत आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा किया जाता है, ताकि विभिन्न सफाई और स्वच्छता संबंधी मापदंडों पर शहरों की रैंकिंग की जा सके।
- यह सर्वेक्षण स्वच्छता की अवधारणा के प्रति स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना वाले शहरों को प्रोत्साहित करने में सफल रहा है।
- वर्ष 2016 में अपने पहले दौर में 'स्वच्छ सर्वेक्षण' का आयोजन 10 लाख और उससे अधिक आबादी वाले 73 शहरों में किया गया था।
- 2017 में 434 शहरों का सर्वेक्षण किया गया था। स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में 4,203 शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Bodies- ULB) और स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में 4,237 शहर शामिल किये गए।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 इस मायने में अद्वितीय था, इसमें सेवा स्तर का मूल्यांकन पूरी तरह से ऑनलाइन और पेपरलेस था।
- यह वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 43 करोड़ शहरी नागरिकों को प्रभावित करता है और दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है।
आगे की राह
स्वच्छ भारत मिशन, मल कीचड़ प्रबंधन और 100% अपशिष्ट जल उपचार और पुन: उपयोग के माध्यम से समग्र और स्थायी स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करेगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में मिशन का उद्देश्य स्रोत पर ही अपशिष्ट का निष्पादन उसका संग्रहण, परिवहन और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना है। इसके साथ ही मिशन द्वारा अपशिष्ट प्रबंधन तथा अपशिष्ट भराव क्षेत्र एवं अपशिष्ट युक्त स्थलों का वैज्ञानिक तरीके से उपचार पर भी ज़ोर दिया जाएगा।