सनरेफ (SUNREF) आवास भारत कार्यक्रम | 19 Aug 2017
चर्चा में क्यों ?
राष्ट्रीय आवास बैंक ने भारत में हरित आवास परियोजनाओं को बढ़ाने के लिये उद्देश्य से एसयूएनआरईएफ (SUNREF) हाउसिंग इंडिया कार्यक्रम को शुरू करने के लिये फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एफडीए) और यूरोपीय संघ के साथ हाथ मिलाया है।
प्रमुख बिंदु
- सनरेफ ( SUNREF- Sustainable Use of Natural Resources and Energy Finance ) हाउसिंग इंडिया, राष्ट्रीय आवास बैंक को € 112 मिलियन का वित्तपोषण करेगा जिसमें एफडीए के माध्यम से € 100 मिलियन तथा यूरोपीय संघ द्वारा € 12 मिलियन का वित्तपोषण किया जाएगा।
- राष्ट्रीय आवास बैंक के साथ क्रेडिट सुविधा और अनुदान समझौतों पर जुलाई 2017 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- गुरुवार को तीनों भागीदारों ने भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत टॉमस कोज़्लोस्की और भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंड्रा जिग्लर की मौजूदगी में आवास क्षेत्र के हितधारकों के लिये सनरेफ आवास भारत कार्यक्रम का ब्यौरा प्रस्तुत किया।
हरित आवास
- हरित आवास एक विचार है जिसका समय आ गया है। दरअसल, यह पर्यावरण के अनुकूल जीवन जीने की नई शैली है।
- यह पहली बार नहीं है कि राष्ट्रीय आवास बैंक देश में हरित आवास को बढ़ावा देने के लिये विदेशी फंडों का लाभ उठा रहा है। पाँच साल पहले, राष्ट्रीय आवास बैंक ने जर्मनी के केएफडब्ल्यू के साथ € 50 मिलियन की धनराशि के लिये करार किया था।
- राष्ट्रीय आवास बैंक, एसयूएनआरईएफ कार्यक्रम के माध्यम से, ग्रीन हाउसिंग सेक्टर के लिये बैंकों और आवास वित्त निगमों के माध्यम से वित्तपोषण प्रदान करेगा ।
- € 100 मिलियन का ऋण तीन साल की अवधि के लिये उपलब्ध होगी, जो जुलाई 2017 से शुरू हुई है। राष्ट्रीय आवास बैंक 2018 से 2020 के मध्य इनको वितरण करने की उम्मीद करता है।
- भारतीय आवास क्षेत्र के विकास की पृष्ठभूमि में जहाँ 2030 तक 70 प्रतिशत आवास इकाइयों का निर्माण किया जाना है, इस परियोजना का उद्देश्य पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करना है।
- यह ऐसे हरित आवासीय भवनों के विकास को प्रोत्साहित करना चाहता है, जो ऊर्जा, जल और भवन निर्माण सामग्री के उपयोग में अधिक कुशलता प्रदर्शित करते हैं।