आम बजट 2018-19 का सार (भाग -2) | 03 Feb 2018
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा संसद में आम बजट 2018-19 पेश करते हुए कहा गया कि सरकार विनिर्माण सेवाओं और निर्यातों के क्षेत्र में 8 प्रतिशत से अधिक की आर्थिक विकास दर प्राप्त करने के प्रति वचनबद्ध है। वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर ने अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण बदलाव आने के संकेत दिये थे। वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में सकल घरेलू उत्पाद में 7.2 प्रतिशत से 7.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने की आशा है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा
- वर्ष 2018-19 के लिये स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर बजटीय व्ययों का अनुमान 2017-18 के 1.22 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 1.38 लाख करोड़ रुपए है।
- शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2022 तक खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा 50 प्रतिशत से ज़्यादा की अनुसूचित जनजाति आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई है।
- सरकार सामाजिक-आर्थिक जातीय जनगणना के अनुसार वृद्धों, विधवाओं, बेसहारा बच्चों, दिव्यांगजनों और वंचित लोगों के प्रत्येक परिवार तक पहुँचने के लिये एक व्यापक सामाजिक सुरक्षा तथा संरक्षण कार्यक्रम कार्यांवित कर रही है।
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के लिये वर्ष 2018-19 में 9975 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- वर्ष 2022 तक शिक्षा में आधारभूत सुविधाओं और प्रणालियों को पुन: मज़बूत बनाने के लिये अगले चार वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश का प्रावधान किया गया है।
- प्रधानमंत्री अनुसंधान अध्येता पहल के तहत श्रेष्ठ संस्थानों से हर वर्ष एक हज़ार उत्कृष्ट बीटैक छात्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें आईआईटी, आईआईएससी में पीएचडी करने के लिये सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- 10 करोड़ से अधिक गरीब और कमज़ोर परिवारों को दायरे में लाने के लिये एक फ्लैगशिप राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना को प्रारंभ करने की घोषणा की गई है, जिसके तहत द्वितीयक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती होने के लिये प्रति परिवार को पाँच लाख रुपए का प्रतिवर्ष कवरेज प्रदान किया जाएगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 की परिकल्पना के अनुसार 1.5 लाख केंद्र स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को घर तक पहुँचाएंगे। इस कार्यक्रम के लिये 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- गंगा स्वच्छता के मामले में नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 16,713 करोड़ रुपए की लागत से कुल 187 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 47 परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और 4465 ग्रामों को खुले मे शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिये रियायत
- बैंकों तथा डाकघरों में जमा राशि पर ब्याज आय में छूट 10 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए की गई है तथा आयकर धारा 194ए के तहत स्रोत पर आयकर की कटौती नहीं की जाएगी। यह लाभ सावधिक जमा योजनाओं तथा आवर्ती जमा योजनाओं में प्राप्त होने वाले ब्याज के लिये भी उपलब्ध होगा।
- धारा 80डी के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सा व्यय हेतु कटौती सीमा को 30 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 50 हज़ार रुपए कर दिया गया है। अब सभी वरिष्ठ नागरिक किसी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या किसी चिकित्सा के संदर्भ में 50 हज़ार रुपए प्रतिवर्ष तक कटौती के लाभ का दावा कर सकेंगे।
- धारा 80डीडीबी के अंतर्गत गंभीर बीमारी से संदर्भ में चिकित्सा खर्च के लिये कटौती सीमा को वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 60 हज़ार रुपए से और अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में 80 हज़ार रुपए से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिये एक लाख रुपए का प्रस्ताव किया।
- टैक्स रियायतों के अतिरिक्त प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को मार्च 2020 तक बढ़ाया गया है। इस योजना के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 8 प्रतिशत निश्चित प्रति लाभ (Return) प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत प्रति वरिष्ठ नागरिक 7.5 लाख रुपए की मौजूदा निवेश सीमा को बढ़ाकर 15 लाख रुपए किया जा रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में स्थित स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार बढ़ाने के उद्देश्य से आईएफएससी के लिये दो अन्य रियायतों का प्रस्ताव है।
- अनिवासी भारतीयों द्वारा डेरिवेटिव और कुछ प्रतिभूतियों के हस्तांतरण को पूंजीगत लाभ में रियायत की घोषणा की है।
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में कार्य करने वाले गैर-कॉरपोरेट कर प्रदाताओं पर 9 प्रतिशत का वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) लगेगा, जो कॉरपोरेट पर लगने वाले न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के समान होगा।