भारतीय अर्थव्यवस्था
चावल के निर्यात हेतु प्रोत्साहन सब्सिडी 5 फीसदी
- 26 Nov 2018
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चर्चा में क्यों?
धान के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 13 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते चालू वित्त वर्ष में भारत के चावल के निर्यात में कमी आई है जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्र ने अनाज के निर्यात को बढ़ावा देने की घोषणा की है।
महत्त्वपूर्ण तथ्य
- वाणिज्य मंत्रालय के एक नोट में कहा गया है कि गैर-बासमती चावल के निर्यात को 26 नवंबर से लेकर 25 मार्च, 2019 तक भारत से वस्तुओं की निर्यात योजना (MEIS) के तहत 5 फीसदी सब्सिडी मिलेगी।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में निर्यात की अनुमति दिये जाने के बाद पहली बार गैर-बासमती चावल के निर्यात हेतु केंद्र द्वारा सब्सिडी देने की घोषणा की गई है।
- 2011 में निर्यात हेतु खोले जाने के बाद पहली बार गैर-बासमती चावल के निर्यात को सब्सिडी देने की केंद्र की घोषणा एक महत्त्वपूर्ण कदम है क्योंकि कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश में चावल का उत्पादन लगभग 99.24 मिलियन टन होने की उम्मीद है।
- MEIS के अंतर्गत दी जाने वाली 5 प्रतिशत सब्सिडी निश्चित रूप से विश्व बाज़ार में प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ाएगा।
- केंद्र सरकार ने धान की फसल पर MSP प्रति क्विंटल ₹200 बढ़ाते हुए सामान्य वैराइटी वाले धान के लिये ₹ 1,750 और ए ग्रेड वाली धान के लिये 1,770 रुपए MSP का निर्धारण किया है।
- 2011 में गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति मिलने से इसने भारत को पिछले कई वर्षों से सबसे बड़े चावल निर्यातक के रूप में उभारा है।
- उल्लेखनीय है कि गैर-बासमती चावल के लिये प्रमुख बाज़ार अफ्रीकी और एशियाई देश हैं।
सब्सिडी (Subsidy)
- सब्सिडी एक प्रकार की वित्तीय मदद है जो कि सरकार द्वारा किसानों, उद्योगों, उपभोक्ताओं को उपलब्ध करायी जाती हैl
- यह आम तौर पर आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों को लाभ पहुँचाने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से दी जाती है।
भारत से वस्तुओं के निर्यात योजना (MEIS) के बारे में
- MEIS वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा लागू भारत सरकार की एक प्रमुख निर्यात संवर्द्धन योजना है।
- इस योजना की घोषणा विदेश व्यापार नीति 2015-20 में की गई।
- यह योजना भारत में निर्मित/उत्पादित एवं अधिसूचित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देती है।
- 1 अप्रैल, 2015 को घोषित नई विदेश व्यापार नीति में कहा गया है कि देश से वस्तुओं को निर्यात योजना के अंतर्गत जिन प्रमुख क्षेत्रों को समर्थन दिया जाएगा उनमें प्रसंस्कृत, पैकेजिंग, कृषि और ग्रामोद्योग से संबंधित वस्तुएँ शामिल हैं।
- MEIS के अंतर्गत प्रोत्साहन देने के लिये देशों को तीन समूहों में श्रेणीबद्ध किया गया है, इसके अंतर्गत प्रोत्साहन की दरें 2 से लेकर 5 फीसदी तक हैं।