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स्टरलाइट विवाद और मानवाधिकार

  • 25 May 2018
  • 6 min read

संदर्भ

तमिलनाडु के तूतीकोरिन में वेदांता समूह द्वारा संचालित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को बंद करने की मांग को लेकर हज़ारों प्रदर्शनकारियों पर पुलिसकर्मियों द्वारा गोलीयाँ चलाई गई जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को अपनी जान गवानी पड़ी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना उकसावे के ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल का प्रयोग किया। अतः इस घटनाक्रम को मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामले रूप में देखा जा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ तूतीकोरिन में हिंसा पर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
  • तूतीकोरिन में प्रदर्शनकारी स्टरलाइट के तांबा गलाने वाले संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं।
  • प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह इलाके को प्रदूषित कर रहा है और जल स्तर को कम करने के अलावा इससे निवासियों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो रही हैं।
  • समान रूप से मानवाधिकारों के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए, यह एक ऐसे समुदाय का मामला है जिसके पास विरोध करने, उत्तर देने तथा एक ऐसा व्यवसाय करने का हर वो अधिकार है, जो कानून के नियमों के अनुसार हो।
  • विशेष रूप से प्रदर्शनकारियों ने हमेशा यह बात ध्यान में रखी है कि वे उद्योगों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि संदिग्ध प्रथाओं वाले खतरनाक लोगों के खिलाफ हैं।
  • ध्यातव्य है कि स्टरलाइट प्लांट से कथित रूप से जहरीले गैस रिसाव के बाद वर्ष 2013 में उन्होंने विरोध प्रारंभ किया था।
  • वर्ष 1997 से 2012 तक इस कंपनी से पर्यावरण को होने वाले नुकसान और काफी लंबी अवधि से वैध नवीनीकरण के बिना संयंत्र का संचालित  रखने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने स्टरलाइट पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
  • गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट, बहुपक्षीय एजेंसियों, व्यवसायों और नागरिक समाज समूहों की एक सभा जिसमें वेदांता कंपनी भी एक हस्ताक्षरकर्ता है। अतः भारत सरकार के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को वेदांता समूह पर कठोर कार्यवाही करनी चाहिए।
  • संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट में 10 सिद्धांत शामिल हैं, जो मानव अधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार के प्रमुखों नीतियों को कवर करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट क्या है ?

संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट
UN GLOBAL COMPACT

यह दुनिया का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट स्थिरता पहल है, जो कंपनियों को आह्वान करता है कि सार्वभौमिक सिद्धांतों मानव अधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार विरोधी आदि पर एक साथ रणनीति और संचालन संरेखित कार्यों को सामाजिक लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ाएं।

लक्ष्य

  • संयुक्त राष्ट्र वैश्विक कॉम्पैक्ट का लक्ष्य सतत कंपनियों और हितधारकों की एक वैश्विक आंदोलन को संगठित करना है।
  • समग्र रणनीतियों और संचालन संरेखित करके व्यापार करने हेतु संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट में मानव अधिकार, श्रम, पर्यावरण और भ्रष्टाचार विरोधी दस सिद्धांतों पर कार्य करना है।
  • इसके साथ ही व्यापक सामाजिक लक्ष्यों जैसे संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों , सहयोग और नवाचार पर जोर देते हुए व्यापार को बढ़ावा देना है।

संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट के दस सिद्धांतमानवाधिकार (human rights)

  • सिद्धांत 1:  व्यापार का समर्थन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषणा मानव अधिकारों के संरक्षण का सम्मान करना चाहिए; तथा
  • सिद्धांत 2:  यह सुनिश्चित करना कि वे मानव अधिकारों के हनन में भागीदारी नहीं कर रही हैं।

श्रम (labour)

  • सिद्धांत 3: व्यापार संघ और सामूहिक सौदेबाजी के अधिकार के प्रभावी मान्यता की स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहिए;
  • सिद्धांत 4: अनिवार्य श्रम के सभी रूपों का उन्मूलन;
  • सिद्धांत 5: बाल श्रम का प्रभावी उन्मूलन; तथा
  • सिद्धांत 6: रोज़गार और व्यवसाय के संबंध में भेदभाव का उन्मूलन।

पर्यावरण (Environment)

  • सिद्धांत 7: व्यापार पर्यावरणीय चुनौतियों के लिये एक एहतियाती दृष्टिकोण का समर्थन करना चाहिए;
  • सिद्धांत 8: अधिक पर्यावरणीय पहल जिम्मेदारी को बढ़ावा देने के लिये कार्य; तथा
  • सिद्धांत 9: विकास और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों के प्रसार प्रोत्साहित करना।

भ्रष्टाचार निरोधक (Corruption)

  • सिद्धांत 10: व्यापार, जबरन वसूली और रिश्वतखोरी सहित अपने सभी रूपों में भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करना चाहिए।
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