विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
मासिक धर्म वाले रक्त में स्टेम कोशिकाएँ
- 20 Feb 2024
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:स्टेम कोशिकाएँ, मासिक धर्म रक्त की स्टेम कोशिकाएँ, इंसुलिन, पात्रे निषेचन (इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन) मेन्स के लिये:मासिक धर्म के रक्त पर शोध और अध्ययन का महत्त्व, महिला स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे, जैव प्रौद्योगिकी |
स्रोत: द हिंदू
चर्चा में क्यों?
हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने लगभग दो दशक पूर्व किये गए अध्ययनों पर आधारित मासिक धर्म के रक्त में स्टेम कोशिकाओं/स्टेम सेल की पुनर्योजी क्षमता का खुलासा किया है।
- इस खोज ने महिला प्रजनन प्रणाली और पुनर्योजी प्रक्रियाओं के बीच जटिल अंतः क्रिया को समझने के लिये नए रास्ते खोले हैं।
मासिक धर्म रक्त स्टेम सेल क्या हैं?
- परिचय:
- मासिक धर्म रक्त-व्युत्पन्न स्टेम कोशिकाएँ (MenSC), जिन्हें एंडोमेट्रियल स्ट्रोमल मेसेनकाइमल स्टेम कोशिकाओं के रूप में जाना जाता है, में बहुशक्तिशाली गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें कोमल मांसपेशी कोशिकाओं, वसा कोशिकाओं और अस्थि-कोशिकाओं सहित ऊतक के कई रूपों में विकसित होने की क्षमता होती है।
- MenSC वयस्क स्टेम कोशिकाओं का एक नैतिक रूप से स्वीकार्य स्रोत (Ethical Source) है जिसे महिलाओं से दर्द रहित तरीके से एकत्र किया जा सकता है।
- मेनस्ट्रूअल कप का उपयोग मासिक धर्म के दौरान होने वाले रक्तस्राव को एकत्रित करने के लिये किया जा सकता है, जो सर्जिकल बायोप्सी के लिये कम कष्टकर विकल्प साबित हो सकता है।
- MenSC को महिलाओं के एंडोमेट्रियम (गर्भाशय के अंदर का मार्ग) से प्राप्त मासिक धर्म रक्त से प्राप्त किया जा सकता है।
- महिला स्वास्थ्य में भूमिका:
- पुनर्योजी क्षमता (Regenerative Potential):
- MenSC बहुसंभावी विशेषताओं का प्रदर्शन करते हैं। इसका मतलब है कि ये न्यूरॉन्स, उपास्थि, वसा, अस्थि, हृदय, यकृत और त्वचा की कोशिकाओं सहित विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं के रूपों में विकसित हो सकते हैं।
- एंडोमेट्रियोसिस का उपचार:
- MenSC एंडोमेट्रियोसिस और बाँझपन जैसे स्त्रीरोग संबंधी विकारों के उपचार के लिये संभावित मार्ग प्रशस्त करते हैं।
- एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसा रोग है जिसमें गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) के समान ऊतक गर्भाशय के बाह्य भाग में बढ़ने लगते हैं। इससे श्रोणि में गंभीर दर्द हो सकता है और गर्भधारण करना कठिन हो सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस किसी महिला के प्रथम मासिक धर्म से भी शुरू हो सकता है और रजोनिवृत्ति (मासिक धर्म चक्र के अंत) तक भी बना रह सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस के सामान्य लक्षणों में श्रोणि में दर्द, विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान, पीड़ादायक संसर्ग, बाँझपन, मासिक धर्म के दौरान अति रक्तस्राव और दस्त या कब्ज़ जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएँ शामिल हैं।
- एंडोमेट्रियोसिस का कारण और रोकथाम के तरीके अज्ञात हैं। इसका कोई उपचार नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों का उपचार दवाओं या कुछ मामलों में सर्जरी से किया जा सकता है।
- एंडोमेट्रियोसिस का कारक एक महिला की फैलोपियन ट्यूब में मासिक धर्म के रक्त का प्रति प्रवाह/उल्टा प्रवाह (Backflow) है।
- यह उल्टा प्रवाह रक्त को श्रोणि गुहा में ले जाता है, जो श्रोणि की हड्डियों के बीच एक कीप के आकार का स्थान होता है।
- इन क्षेत्रों में जमा एंडोमेट्रियल स्टेम कोशिकाएँ गर्भाशय के बाहर एंडोमेट्रियल जैसे ऊतक के विकास को प्रेरित कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप गहरा घाव तथा बाँझपन भी हो सकता है।
- पुनर्योजी क्षमता (Regenerative Potential):
- व्यापक उपचारात्मक अनुप्रयोग:
- मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं में स्त्री रोग संबंधी रोगों से परे संभावित चिकित्सीय अनुप्रयोग होते हैं।
- मधुमेह से पीड़ित चूहों में मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं को इंजेक्ट करने से इंसुलिन उत्पादक कोशिकाओं के पुनर्जनन में वृद्धि हुई और रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हुआ।
- स्टेम कोशिकाओं या उनके स्रावों के घावों का उपचार करने से चूहों के घावों को ठीक करने में मदद मिली।
- मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं को प्रतिकूल दुष्प्रभावों के बिना मनुष्यों में प्रत्यारोपित किया जा सकता है।
- चुनौतियों:
- मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं को इकट्ठा करने की सुविधा के बावजूद, इस क्षेत्र में अनुसंधान समग्र स्टेम कोशिकाएँ अनुसंधान के एक छोटे से अंश का प्रतिनिधित्व करता है।
- वर्ष 2020 में मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं के अनुसंधान सभी मेसेनकाइमल कोशिकाओं के अनुसंधान का केवल 0.25% था, जबकि अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाएँ 47.7% का प्रतिनिधित्व करती थी।
- नैदानिक अनुप्रयोगों के लिये MenSCs का सुसंगत एवं स्केलेबल उत्पादन सुनिश्चित करना एक चुनौती बनी हुई है।
- सांस्कृतिक वर्जनाएँ एवं महिलाओं के स्वास्थ्य अनुसंधान में सीमित निवेश मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं के अध्ययन हेतु धन सुरक्षित करने में महत्त्वपूर्ण चुनौतियाँ उत्पन्न करता है।
- मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं के अनुसंधान को मासिक धर्म के साथ इसके संबंध से परे, पुनर्योजी चिकित्सा में एक आशाजनक वृद्धि के लिये अनुसंधान निधि में लिंग पूर्वाग्रह को संबोधित करना महत्त्वपूर्ण है।
- मासिक धर्म स्टेम कोशिकाओं को इकट्ठा करने की सुविधा के बावजूद, इस क्षेत्र में अनुसंधान समग्र स्टेम कोशिकाएँ अनुसंधान के एक छोटे से अंश का प्रतिनिधित्व करता है।
एंडोमेट्रियोसिस एवं फ्यूसोबैक्टीरियम बैक्टीरिया:
- फ्यूसोबैक्टीरियम बैक्टीरिया और एंडोमेट्रियोसिस के बीच एक महत्त्वपूर्ण संबंध है।
- स्वस्थ व्यक्तियों में केवल 7% की तुलना में 64% एंडोमेट्रियोसिस रोगियों में फ्यूसोबैक्टीरियम पाया गया। अध्ययनों से पता चलता है कि फ्यूसोबैक्टीरियम एंडोमेट्रियल घावों में वृद्धि कर देता है।
- वर्ष 2022 के एक शोध पत्र में पाया गया कि एंडोमेट्रियोसिस वाले लोगों की आँत में माइक्रोबियल की अधिकता से असंतुलन होता है, जिसे गट डिस्बिओसिस के रूप में जाना जाता है।
- यह परिवर्तित माइक्रोबायोटा एंडोमेट्रिओसिस की प्रगति में योगदान दे सकता है।
स्टेम कोशिकाएँ क्या हैं?
- परिचय:
- स्टेम कोशिकाएँ विशेष मानव कोशिकाएँ होती हैं जिनमें विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ, जैसे मांसपेशी कोशिकाएँ या मस्तिष्क कोशिकाएँ विकसित करने की क्षमता होती है।
- उनमें क्षतिग्रस्त ऊतकों की मरम्मत करने की क्षमता है, जिससे पक्षाघात तथा अल्ज़ाइमर रोग जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार की आशा होती है।
- स्टेम सेल के प्रकार:
- स्टेम सेल को आमतौर पर मल्टीपोटेंट (एक वंश के अंतर्गत कई कोशिकाओं को जन्म देने में सक्षम), प्लुरिपोटेंट (एक वयस्क में सभी प्रकार की कोशिकाओं को जन्म देने में सक्षम) और टोटिपोटेंट (सभी भ्रूण और वयस्क वंशों को जन्म देने में सक्षम) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
स्टेम सेल के प्रकार |
स्रोत |
स्टेम सेल की क्षमता |
भ्रूणीय टोटिपोटेंट स्टेम सेल |
ये स्टेम कोशिकाएँ निषेचित भ्रूण के शुरुआती चरणों में पाई जाती हैं, आमतौर पर निषेचन के बाद पहले कुछ दिनों के अंतर्गत। |
शरीर में किसी भी कोशिका का निर्माण हो सकता है, यहाँ तक कि प्लेसेंटा (गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय में एक अंग जो बढ़ते बच्चे को ऑक्सीजन और पोषक तत्त्व प्रदान करता है) भी बन सकता है। |
भ्रूण प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल |
यह थोड़े अधिक विकसित भ्रूण (निषेचन के लगभग 4-5 दिन बाद) के आंतरिक कोशिका द्रव्यमान से प्राप्त होती हैं। |
शरीर में कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाएँ बन सकती हैं लेकिन प्लेसेंटा नहीं बन सकता। |
वयस्क मल्टीपोटेंट स्टेम सेल |
मानव शरीर में विभिन्न ऊतकों में पाया जाता है, जैसे: अस्थि मज्जा या त्वचा। |
मल्टीपोटेंट स्टेम कोशिकाएँ अधिक विशिष्ट होती हैं। ये केवल ऊतकों के अनुसार विशिष्ट प्रकार की कोशिकाओं में ही विकसित हो सकती हैं जिनमें वे पाई जाती हैं। उदाहरण के लिये, अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाएँ विभिन्न रक्त कोशिका प्रकारों में विकसित हो सकती हैं, लेकिन त्वचा कोशिकाओं में नहीं। |
चिकित्सा में स्टेम सेल:
- अस्थि मज्जा में पाई जाने वाली हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल, वर्तमान में नई रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करके कैंसर और एनीमिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिये उपयोग की जाती हैं।
- संभावित भविष्य के अनुप्रयोगों में क्रोनिक हृदय रोग, टाइप 1 मधुमेह, रीढ़ की हड्डी की चोटें और अल्ज़ाइमर रोग का इलाज शामिल है।
- प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल नई दवाओं के परीक्षण और नए ऊतकों के निर्माण के अवसर प्रदान करती हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न.1 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) प्रश्न 2. अक्सर सुर्खियों में रहने वाली 'स्टेम कोशिकाओं' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)
नीचे दिये गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न.1 ल्यूकेमिया, थैलेसीमिया, क्षतिग्रस्त कॉर्निया गंभीर दाह सहित सुविस्तृत चिकित्सीय दशाओं के उपचार करने के लिये भारत में स्टेम कोशिका चिकित्सा लोकप्रिय होती जा रही है। संक्षेप में वर्णन कीजिये कि स्टेम कोशिका उपचार क्या होता है और अन्य उपचारों की तुलना में उसके क्या लाभ हैं? (2017) प्रश्न.2 भारत में महिलाओं के समक्ष समय और स्थान संबंधित निरंतर चुनौतियाँ क्या-क्या हैं? (2019) |