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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

केंद्र के पशुधन बिक्री नियम पर रोक

  • 12 Jul 2017
  • 5 min read

संदर्भ
उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की 26 मई की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी है, जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा पशुधन बाज़ारों में मवेशियों को वध एवं धार्मिक प्रयोजनों में बलि के लिये क्रय–विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। 

इस अधिसूचना पर इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय  के फैसले पर मुहर लगा दी है। फिलहाल इस अधिसूचना के नियम लागू नहीं होंगे।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके मवेशी बाज़ार से पशुओं के वध के लिये  उनकी क्रय–विक्रय पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना जारी की थी। 
  • केंद्र सरकार की इस अधिसूचना का केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी सरकारों ने विरोध किया था। साथ ही कई गैर-भाजपाई दलों ने भी केंद्र के इस फैसले का विरोध किया था।
  • हैदराबाद के एक वकील फहीम कुरैशी ने केंद्र की अधिसूचना के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने दलील दी थी कि यह अधिसूचना ‘भेदभाव पूर्ण और असंवैधानिक’ है, क्योंकि यह पशु व्यापारियों के अधिकारों का हनन करती है। 
  • कुरैशी ने पशु क्रूरता रोकथाम (ज़ब्त पशुओं की देखभाल) कानून, 2017 और पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाज़ार विनियमन) कानून, 2017 को चुनौती देते हुए इसे मनमाना, अवैध तथा असंवैधानिक बताया था।
  • कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि वध के लिये मवेशियों के क्रय–विक्रय पर प्रतिबंध लगाने संबंधी केंद्र की अधिसूचना पर मद्रास उच्च न्यायालय  की अंतरिम रोक बरकरार रहेगी और यह पूरे देश पर लागू होगी।
  • अब सरकार ने भी माना है कि पशु क्रूरता रोकथाम (ज़ब्त पशुओं की देखभाल) कानून, 2017 और पशु क्रूरता रोकथाम (मवेशी बाज़ार विनियमन ) नियम  2017 के लोगों की आजीविका पर संभावित प्रभाव को लेकर राज्यों की ओर से विरोध तथा सार्वजानिक आपत्तियों के मद्देनज़र इसमें कुछ में फेरबदल की आवश्यकता महसूस की जा रही है ।
  • इस मामले में विभिन्न पक्षों की तमाम आपत्तियों और सुझावों के मद्देनजर अधिसूचना पर पुनर्विचार किया जा रहा है और वह अब एक संशोधित अधिसूचना लाएगी।

क्या कहा गया था इस  अधिसूचना में 

  • इस अधिसूचना में कहा गया था कि पशु बाज़ार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति बाज़ार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिये न लेकर आए।
  • किसी भी व्यक्ति को पशु बाज़ार में मवेशी को लाने की अनुमति नहीं होगी, जब तक कि वहाँ पहुँचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो। 
  • इसमें मवेशी की पहचान का पूरा ब्यौरा देने के साथ यह भी स्पष्ट करना होगा कि मवेशी को बाज़ार में बिक्री के लिये लाने का उद्देश्य उसका वध करना नहीं है।
  • सरकार ने मवेशियों से जुड़ी क्रूर परंपराओं पर भी प्रतिबंध लगाया है, जिनेमें उनके सींग रंगना तथा उन पर आभूषण या सजावट के सामान लगाना शामिल है।

कारोबार प्रभावित

  • सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने से निर्यात एवं मांस तथा चमड़ा कारोबार के प्रभावित होने की संभावना है। 
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