शासन व्यवस्था
भारत में सामाजिक सुरक्षा की स्थिति
- 07 Sep 2022
- 11 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2020-22: एशिया और प्रशांत के लिये क्षेत्रीय सहयोग रिपोर्ट), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (MGNREGA)। मेन्स के लिये:भारत में सामाजिक सुरक्षा। |
चर्चा में क्यों?
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा सामाजिक सुरक्षा पर नवीनतम रिपोर्ट (वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2020-22: एशिया और प्रशांत के लिये क्षेत्रीय सहयोग रिपोर्ट) के अनुसार, बांग्लादेश के 28.4% स्तर से भी कम केवल 24.4% भारतीयों को किसी भी प्रकार के सामाजिक संरक्षण लाभ मिलता है।
सामाजिक सुरक्षा:
- सामाजिक सुरक्षा प्रणालियाँ व्यक्तियों और परिवारों, विशेष रूप से गरीब तथा कमज़ोर लोगों, संकटों व समस्याओं का सामना करने, नौकरी खोजने, उत्पादकता में सुधार करने, अपने बच्चों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा में निवेश करने तथा बढ़ती उम्र की आबादी की रक्षा करने में मदद करती हैं।
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
- परिचय: रिपोर्ट ILO की 'वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट 2021-22' की सहयोगी है, जो एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा का एक क्षेत्रीय अवलोकन प्रदान करती है।
- वैश्विक:
- सामाजिक सुरक्षा: यह बताती है कि मंगोलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया में 100% सामाजिक सुरक्षा नेटवर्क है, जबकि म्याँमार और कंबोडिया में यह 10% से भी कम है।
- कम कवरेज: रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में चार श्रमिकों में से तीन काम के दौरान बीमारी या चोट लगने की स्थिति में सुरक्षित नहीं हैं।
- प्रति व्यक्ति कम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वाले देशों में कार्य क्षति कवरेज निम्न स्तर का होता हैं, उदाहरण के लिये अफगानिस्तान, भारत, नेपाल और पाकिस्तान अपने श्रमिकों के 5% से कम कार्य क्षति कवरेज कवर करते हैं।
- असमान कवरेज: रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 तक वैश्विक आबादी का केवल 9% कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ से प्रभावी रूप से कवर किया गया था, जबकि शेष 53.1% 4.1 बिलियन लोगों को पूरी तरह से असुरक्षित छोड़ दिया गया था।
- असमान कवरेज: रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक, वैश्विक आबादी का केवल 46.9% प्रभावी रूप से कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ द्वारा कवर किया गया था, जबकि शेष 53.1% 1 बिलियन लोगों को पूरी तरह से असुरक्षित छोड़ दिया गया था।
- रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि दुनिया में कामकाजी उम्र की आबादी का बड़ा हिस्सा 4% या 4 बिलियन लोग केवल आंशिक रूप से संरक्षित हैं या बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।
- लैंगिक असमानता: सामाजिक सुरक्षा कवरेज में अंतर्निहित लैंगिक असमानता को उज़ागर करते हुए, रिपोर्ट में महिलाओं के कवरेज में पुरुषों के मुकाबले 8% अंकों की कमी दर्ज की गई है।
- भारतीय परिप्रेक्ष्य:
- सामाजिक सुरक्षा में कम निवेश: रिपोर्ट में कहा गया है कि सामाजिक सुरक्षा में अपेक्षाकृत कम निवेश के कारण, यानी भारतीय आबादी का केवल 4%, गैर-अंशदायी लाभों के तहत हस्तांतरित राशि आमतौर पर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिये बहुत कम है।
- कवरेज में असमानता: अंशदायी योजनाओं के साथ आम तौर पर औपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों और गैर-अंशदायी योजनाओं तक सीमित होने के कारण, भारत के सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के 5% से कम हैं।
- हाल की पहल: इसने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Programme-MGNREGA) जैसे सामाजिक सुरक्षा के विभिन्न स्तरों के अपने प्रगतिशील विस्तार से अंशदायी और गैर-अंशदायी योजनाओं के संयोजन के माध्यम से प्राप्त भारत की उच्च कवरेज दर की सराहना की, जो अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों के लिये 100 दिनों तक कार्य सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है।
सामाजिक सुरक्षा के संबंध में भारत सरकार की विभिन्न पहलें:
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना (Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-Dhan Yojana (PM-SYM)
- राष्ट्रीय पेंशन योजन (National Pension Scheme-NPS)
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना (Pradhan Mantri Jeevan Jyoti Yojana-PMJJBY)
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana-PMSBY)
- अटल पेंशन योजना
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (National Safai Karamcharis Finance and Development Corporation-NSKFDC)
- हाथ से मैला उठाने वालों के पुनर्वास हेतु स्वरोज़गार योजना
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन International Labour Organisation (ILO):
- यह संयुक्त राष्ट्र की एकमात्र त्रिपक्षीय संस्था है। यह श्रम मानक निर्धारित करने, नीतियाँ को विकसित करने एवं सभी महिलाओं तथा पुरुषों के लिये सभ्य कार्य को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम तैयार करने हेतु 187 सदस्य देशों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिकों को एक साथ लाता है।
- वर्ष 1969 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया।
- वर्ष 1919 में वर्साय की संधि द्वारा राष्ट्र संघ की एक संबद्ध एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना हुई।
- वर्ष 1946 में यह संयुक्त राष्ट्र से संबद्ध पहली विशिष्ट एजेंसी बन गया।
- मुख्यालय: इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
- अन्य रिपोर्ट:
- सामाजिक संरक्षण रिपोर्ट
- विश्व रोजगार और सामाजिक आउटलुक
- विश्व रोज़गार और सामाजिक दृष्टिकोण
- विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट
- वैश्विक वेतन रिपोर्ट
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:प्रिलिम्स: प्रश्न . 'अटल पेंशन योजना' के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: C व्याख्या:
मेन्स: प्र. क्या दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 समाज में इच्छित लाभार्थियों के सशक्त्तिकरण और समावेशन के लिये प्रभावी तंत्र सुनिश्चित करता है? चर्चा कीजिये। (2017) |