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भारतीय राजव्यवस्था

राज्य स्तरीय राजनीतिक दल

  • 30 Nov 2019
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये

राज्य स्तरीय राजनीतिक दल,

मेन्स के लिये

राज्य स्तरीय और राष्ट्र स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें, राष्ट्रीय तथा राज्य राजनीतिक स्तरीय दल होने के लाभ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India-ECI) ने हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (JJP) को राज्य स्तरीय दल का दर्जा प्रदान किया।

मुख्य बिंदु:

  • JJP का गठन दिसंबर 2018 में इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के विभाजन के बाद हुआ था।
  • हाल ही में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनावों में JJP ने दस सीटों पर जीत हासिल की तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ मिलकर सरकार बनाई।
  • ध्यातव्य है कि JJP अब तक एक गैर-मान्‍यता प्राप्‍त पंजीकृत दल था जिसे सभी शर्तों को पूरा करने के बाद, निर्वाचन आयोग ने राज्य स्तरीय दल के तौर पर मान्यता प्रदान की।

राज्य स्तरीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें:

  • किसी राजनीतिक दल को राज्य स्तरीय दल के रूप में तब मान्यता दी जाएगी जब वह निम्नलिखित अहर्ताओं में से किसी एक को पूरा करता हो-
    • दल ने राज्य की विधानसभा के लिये हुए चुनावों में कुल सीटों का 3 प्रतिशत या 3 सीटें, जो भी अधिक हो, प्राप्त किया हो।
    • लोकसभा के लिये हुए आम चुनाव में दल ने राज्य के लिये निर्धारित प्रत्येक 25 लोकसभा सीटों में 1 सीट पर जीत दर्ज की हो।
    • राज्य में हुए लोकसभा या विधानसभा के चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त किये हों तथा इसके अतिरिक्त उसने 1 लोकसभा सीट या 2 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की हो।
    • राज्य में लोकसभा या विधानसभा के लिये हुए चुनावों में दल ने कुल वैध मतों के 8 प्रतिशत मत प्राप्त किये हों।

राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में मान्यता के लिये शर्तें:

  • किसी राजनीतिक दल को राष्ट्रीय दल के रूप में तब मान्यता दी जाएगी जब वह निम्नलिखित अहर्ताओं में से किसी एक को पूरा करता हो-
    • लोकसभा चुनावों में कुल लोकसभा सीटों की 2 प्रतिशत (11 सीट) सीटों पर जीत हासिल करता हो तथा ये सीटें कम-से-कम तीन अलग-अलग राज्यों से हों।
    • लोकसभा या राज्यों के विधानसभा चुनावों में 4 अलग-अलग राज्यों से कुल वैध मतों के 6 प्रतिशत मत प्राप्त करे तथा इसके अतिरिक्त 4 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करे।
    • यदि कोई दल चार या इससे अधिक राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करे।

किसी भी राजनीतिक दल के लिये राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दलों की श्रेणी में बने रहने हेतु यह आवश्यक है कि वह आगामी चुनावों में भी उपरोक्त अहर्ताओं को पूरा करे अन्यथा उससे वह दर्जा वापस ले लिया जाएगा।

राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय दल होने के लाभ:

  • अगर किसी पंजीकृत दल को राज्‍य स्‍तरीय दल की मान्यता प्राप्त है तो उसे जिस राज्‍य में मान्‍यता प्राप्‍त है, वहाँ अपने उम्‍मीदवारों को दल के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्ह आवंटित करने का विशेषाधिकार प्राप्त होता है।
  • यदि किसी दल को राष्‍ट्रीय दल का दर्जा हासिल है तो उसे पूरे भारत में अपने उम्‍मीदवारों को दल के लिये सुरक्षित चुनाव चिन्‍ह आवंटित करने का विशेष अधिकार प्राप्‍त होता है।
  • मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍यस्‍तरीय उम्‍मीदवारों को नामांकन-पत्र दाखिल करते वक्‍त सिर्फ एक ही प्रस्‍तावक की ज़रूरत होती है।
  • इसके अलावा उन्‍हें मतदाता सूचियों में संशोधन के वक्‍त मतदाता सूचियों के दो सेट नि:शुल्क पाने का अधिकार भी होता है। आम चुनाव के दौरान उनके उम्‍मीदवारों को भी मतदाता सूची का एक सेट नि:शुल्क पाने का हक होता है।
  • इसके अलावा आम चुनाव के दौरान उन्‍हें आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारण की सुविधा भी मिलती है।
  • ऐसे राजनीतिक दलों को आम चुनाव के दौरान अपने स्‍टार-प्रचारक (Star Campaigner) नामित करने की सुविधा भी प्राप्‍त होती है।
  • एक मान्‍यता प्राप्‍त राष्‍ट्रीय या राज्‍य स्‍तरीय दल अपने लिये अधिकतम 40 स्‍टार-प्रचारक रख सकता है, जबकि एक गैर मान्‍यता प्राप्‍त पंजीकृत दल अधिकतम 20 स्‍टार-प्रचारक ही रख सकता है। इन स्‍टार प्रचारकों की यात्रा का खर्च उस उम्‍मीदवार या दल के खर्च में नहीं जोड़ा जाता जिसके पक्ष में ये प्रचार करते हैं।

स्रोत: द हिंदू, पी.आई.बी.

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