जैव विविधता और पर्यावरण
स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स फॉरेस्ट्स 2022
- 05 May 2022
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:विश्व के वनों की स्थिति 2022, एफएओ। मेन्स के लिये:भारत में वन संसाधनों की स्थिति और संबंधित चिंताएंँ। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (United Nations Food and Agriculture Organization- FAO) द्वारा स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स फॉरेस्ट्स 2022 (SOFO 2022) रिपोर्ट जारी की गई।
- जनवरी 2022 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 जारी की।
- वन और भूमि उपयोग पर ग्लासगो नेताओं की घोषणा में 140 देशों द्वारा वर्ष 2030 तक वनों को समाप्त होने से रोकने तथा उनकी बहाली और टिकाऊ उत्पादन एवं खपत का समर्थन करने का संकल्प लिया।
प्रमुख बिंदु
स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स फॉरेस्ट्स रिपोर्ट के बारे में:
- इस रिपोर्ट का प्रकाशन द्वि-वार्षिक तौर पर किया जाता है तथा इसे व्यापक रूप से वन पारिस्थितिकी तंत्र पर सबसे महत्त्वपूर्ण डेटा या स्टॉक में से एक के रूप में माना जाता है।
- SOFO का 2022 संस्करण हरित पुनर्प्राप्ति, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के क्षरण सहित पृथ्वी पर बहुआयामी संकटों से निपटने हेतु तीन वन मार्गों की क्षमता का निरीक्षण करता है। ये हैं:
- वनों की कटाई को रोकना और वनों को बनाए रखना।
- निम्नीकृत भूमि को बहाल करना और कृषि वानिकी का विस्तार करना।
- वनों का सतत् उपयोग और हरित मूल्य शृंखला का निर्माण।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएंँ:
- वनों का क्षरण:
- वनों की कटाई के कारण वर्ष 1990 और वर्ष 2020 के बीच 420 मिलियन हेक्टेयर (mha) वन नष्ट हो गए हैं, हालांँकि वन पृथ्वी के भौगोलिक क्षेत्र के 4.06 बिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं।
- हालांँकि वनों की कटाई की दर में गिरावट आई है लेकिन वर्ष 2015 और वर्ष 2020 के मध्य हर वर्ष 10 मिलियन हेक्टेयर वन नष्ट हुए है।
- वर्ष 2016 से वर्ष 2050 के बीच अकेले उष्णकटिबंध में अनुमानित 289 मिलियन हेक्टेयर वनों की कटाई की जाएगी, यदि अतिरिक्त कार्रवाई नहीं की गई तो इसके परिणामस्वरूप 169 GtCO2e का उत्सर्जन होगा।
- ग्रीनहाउस गैस का कुल योग वैश्विक वार्षिक CO2 समकक्ष उत्सर्जन (GtCO2e/वर्ष) के आधार पर बिलियन टन के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- वनों की कटाई के कारण वर्ष 1990 और वर्ष 2020 के बीच 420 मिलियन हेक्टेयर (mha) वन नष्ट हो गए हैं, हालांँकि वन पृथ्वी के भौगोलिक क्षेत्र के 4.06 बिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं।
- संक्रामक रोगों में वृद्धि:
- 250 उभरते संक्रामक रोगों में से 15% वनों से जुड़े हैं।
- उदाहरण: कोविड-19, ड्रग रेसिस्टेंट इन्फेक्शन (रोगाणुरोधी), जीका वायरस आदि।
- 1960 के बाद से रिपोर्ट की गई 30% नई बीमारियों हेतु वनों की कटाई और भूमि-उपयोग-परिवर्तन को ज़िम्मेदार ठहराया जा सकता है।
- 250 उभरते संक्रामक रोगों में से 15% वनों से जुड़े हैं।
- गरीबी के स्तर में वृद्धि:
- अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकने, भूमि उपयोग परिवर्तन से बचने और निगरानी बढ़ाने के आधार पर महामारी को रोकने हेतु वैश्विक रणनीतियों की लागत का अनुमान 22 अरब अमेरिकी डॉलर बढ़कर 31 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।
- कोविड-19 के बाद लगभग 124 मिलियन से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी से ग्रस्त हो गए तथा महामारी के दौरान कुछ देशों में लकड़ी आधारित ईंधन (जैसे- जलाऊ लकड़ी, लकड़ी का कोयला) के उपयोग में वृद्धि हुई है, जिसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है।
- प्राकृतिक संसाधनों की खपत:
- वर्ष 2050 तक विश्व की जनसंख्या 9.7 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है, जिससे भूमि के लिये प्रतिस्पर्द्धा मे वृद्धि होगी, क्योंकि वर्ष 2050 तक इस बड़ी आबादी के लिये भोजन की मांग 35 से 56% तक बढ़ जाएगी।
- जनसंख्या के आकार और संपन्नता में वृद्धि के कारण संयुक्त रूप से सभी प्राकृतिक संसाधनों की वार्षिक वैश्विक खपत वर्ष 2017 के 92 बिलियन टन से दोगुना होकर वर्ष 2060 में 190 बिलियन टन होने की उम्मीद है।
- वार्षिक बायोमास निष्कर्षण (Annual biomass extraction) वर्ष 2017 में 24 अरब टन से बढ़कर वर्ष 2060 तक 44 अरब टन तक पहुँचने की उम्मीद है।
- मुख्य रूप से निर्माण और पैकेजिंग के कारण वन आधारित बायोमास की मांग में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।
- वनों पर जीडीपी की निर्भरता:
- यह अनुमान है कि दुनिया के आधे से अधिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) (वर्ष 2020 में 84.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) जंगलों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर मामूली रूप से (प्रतिवर्ष 31 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) या अत्यधिक (प्रतिवर्ष 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) निर्भर करता है।
- पारिस्थितिक तंत्र सेवाएँ मानव जीवन को संभव बनाती हैं, उदाहरण के लिये पौष्टिक भोजन और स्वच्छ पानी प्रदान करना, रोग एवं जलवायु को नियंत्रित करना, फसलों के परागण तथा मिट्टी के निर्माण का समर्थन करना व मनोरंजक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक लाभ प्रदान करना इसमें शामिल हैं।
- यह अनुमान है कि दुनिया के आधे से अधिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) (वर्ष 2020 में 84.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) जंगलों द्वारा प्रदान की जाने वाली पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर मामूली रूप से (प्रतिवर्ष 31 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) या अत्यधिक (प्रतिवर्ष 13 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) निर्भर करता है।
सुझाव:
- संरक्षण, बहाली और कृषि वानिकी:
- वन संरक्षण (जैसे कि अवैध वन्यजीव व्यापार को रोकना और भूमि-उपयोग परिवर्तन से बचना) भविष्य मे आने वाली महामारी तथा लागत नुकसान का एक अंश है जो कि वास्तविक महामारी का कारण होगा, को रोकने में मदद कर सकता है।
- कृषि वानिकी में जैव विविधता, खाद्य सुरक्षा और यहाँ तक कि फसल उत्पादन को बढ़ावा देने की विशेष संभावनाएँ हैं।
- सतत् उपयोग:
- वन उत्पादों को शामिल करने वाली आपूर्ति शृंखला सतत् विकास को वास्तविकता प्रदान करने का एक और तरीका है, विशेष रूप से दुनिया की आबादी वर्ष 2060 तक दोगुनी होने का अनुमान है जिसके तहत प्राकृतिक संसाधनों की मांग दोगुनी होकर 190 बिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी।
- वित्तपोषण:
- वित्तपोषण में भारी वृद्धि के लिये विशेष रूप से वर्ष 2030 तक तीन गुना वृद्धि की आवश्यकता होगी।
- उदाहरण के लिये वनों की स्थापना और रखरखाव पर वर्ष 2050 तक प्रत्येक वर्ष 203 बिलियन अमेरिकी डॉलर का खर्च हो सकता है।
- वित्तपोषण में भारी वृद्धि के लिये विशेष रूप से वर्ष 2030 तक तीन गुना वृद्धि की आवश्यकता होगी।
- स्थानीय निर्माताओं द्वारा संगठनों का समर्थन:
- छोटे समुदायों और स्वदेशी समूहों को अपने वनों का निरंतर प्रबंधन जारी रखने के लिये स्थानीय उत्पादक संगठनों का समर्थन करने के साथ भूमि स्वामित्व अधिकारों की रक्षा करना भी महत्त्वपूर्ण है।
- इसके लिये सरकारें छोटे किसानों को उनके वृक्ष उत्पादों पर दीर्घकालिक अधिकार प्रदान कर सकती हैं, जिससे कृषि वानिकी के ज़ोखिम को कम करने के साथ-साथ प्रथागत भूमि अधिकारों की मान्यता को औपचारिक रूप प्रदान करने में मदद मिलेगी।
- छोटे समुदायों और स्वदेशी समूहों को अपने वनों का निरंतर प्रबंधन जारी रखने के लिये स्थानीय उत्पादक संगठनों का समर्थन करने के साथ भूमि स्वामित्व अधिकारों की रक्षा करना भी महत्त्वपूर्ण है।
खाद्य और कृषि संगठन (FAO):
- परिचय:
- FAO संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो भुखमरी से बचने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्त्व करती है।
- वर्ष 1945 में FAO की स्थापना की वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये हर वर्ष 16 अक्तूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
- यह रोम (इटली) में स्थित संयुक्त राष्ट्र के खाद्य सहायता संगठनों में से एक है। इसकी सहयोगी संस्थाएँ विश्व खाद्य कार्यक्रम और कृषि विकास हेतु अंतर्राष्ट्रीय कोष (IFAD) हैं।
- FAO की पहलें:
- विश्व स्तरीय महत्त्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली (GIAHS)।
- विश्व में मरुस्थलीय टिड्डी की स्थिति पर नज़र रखना।
- FAO और WHO के खाद्य मानक कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के मामलों के संबंध में कोडेक्स एलेमेंट्रिस आयोग (CAC) उत्तरदायी निकाय है।
- खाद्य और कृषि के लिये प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेज़ पर अंतर्राष्ट्रीय संधि को वर्ष 2001 में FAO के 31वें सत्र में अपनाया गया था।
- फ्लैगशिप पब्लिकेशन (Flagship Publications):
- वैश्विक मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर की स्थिति (SOFIA)।
- स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स फॉरेस्ट्स।
- वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण की स्थिति (SOFI)।
- खाद्य और कृषि की स्थिति (SOFA)।
- कृषि कोमोडिटी बाज़ार की स्थिति (SOCO)।
'वनों पर न्यूयॉर्क घोषणा' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। (a) केवल 1, 2 और 4 उत्तर: (a)
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