महाराष्ट्र में आपदा प्रबंधन उपकरण | 12 Sep 2019

चर्चा में क्यों?

महाराष्ट्र सरकार, संयुक्त राज्य व्यापार और विकास एजेंसी (United States Trade and Development Agency-USTDA) की मदद से 140 करोड़ रुपए की लागत से आपदा प्रबंधन उपकरण लगाने का प्रयास कर रही है ताकि राज्य में बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।

प्रमुख बिंदु:

  • ज्ञातव्य है कि हाल ही में पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों ने भारी बाढ़ का सामना किया, जिससे वहाँ जान-माल का काफी नुकसान हुआ था।
  • USTDA जो कि अमेरिका स्थिति विशेषज्ञों का एक समूह है, ने मुंबई महानगर क्षेत्र (Mumbai Metropolitan Region-MMR) में बाढ़ से होने वाले नुकसान का आकलन किया है, जिसके अनुसार बीते एक दशक में 4,355 वर्ग किमी. के क्षेत्र में लगभग 2 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।
  • USTDA द्वारा राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2005 से वर्ष 2015 के बीच मुंबई महानगर क्षेत्र में बाढ़ से लगभग 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि 150000 से अधिक लोग बाढ़ के बाद बीमार पड़ गए।
  • महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में कोल्हापुर, सांगली और सतारा में आई बाढ़ में 6,813 करोड़ रुपए की क्षति का अनुमान लगाया है। साथ ही केंद्र सरकार से पीड़ितों को मुआवज़ा देने में सहायता करने का भी आग्रह किया है।

रिपोर्ट में निहित चिंताएँ:

  • रिपोर्ट में क्षेत्र विशेष के अंतर्गत बाढ़ प्रबंधन की कमी को इंगित किया गया है।
  • साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई परियोजनाओं को मंज़ूरी देते समय प्राकृतिक आपदाओं मुख्यतः बाढ़ और भूकंप को ध्यान में नहीं रखा जा रहा है, इसके अतिरिक्त प्रशासन की अन्य खामियों को भी ज़िम्मेदार ठहराया गया है।

USTDA का सुझाव

  • USTDA ने आँकड़े एकत्रित एवं प्रसारित करने हेतु एक प्लेटफॉर्म की व्यवस्था किये जाने का सुझाव दिया है, इस प्लेटफॉर्म की सुविधा आपदा के दौरान एवं आपदा के बाद भी जारी रहेगी, साथ ही इसके तहत डिज़ास्टर वल्नेरेबिलिटी रिस्क इंडेक्स (Disaster Vulnerability Risk Index) भी तैयार किया जाएगा।
    • उल्लेखनीय है कि इस प्रकार के उपकरण को प्रारंभिक चेतावनी और पूर्वानुमान के लिये जीआईएस-आधारित बाढ़ मानचित्र और ज़ोनिंग (GIS-based Flood Maps and Zoning) के आधार पर ब्राज़ील और थाईलैंड में तैयार किया गया था।
    • इसे सर्वप्रथम थाईलैंड की चाओ फ्राया नदी (Thailand Chao Phraya) पर स्थापित किया गया था, जहाँ 1,60,000 वर्ग किमी. क्षेत्र के बाढ़ प्रबंधन में काफी सुधार देखने को मिला है।
    • यह प्रणाली छोटी और मध्यम अवधि की बाढ़ का पूर्वानुमान प्रदान करती है, जिससे बाढ़ के दौरान नुकसान कम होता है।

स्रोत: द हिंदू