‘स्टार्टअप भारत’ की धीमी गति से सरकार चिंतित | 12 Jul 2017
संदर्भ
स्टार्टअप भारत कार्यक्रम की धीमी प्रगति से केंद्र सरकार चिंतित है। इस कार्यक्रम के आरंभ से अब तक केवल 39 स्टार्ट-अप्स ही कर छूट का लाभ उठा पाए हैं।
प्रमुख बिंदु
- स्टार्टअप भारत कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य नवाचार के माध्यम से देश में अधिक से अधिक रोज़गार सृजन करना है।
- इस कार्यक्रम की उच्च महत्त्वाकांक्षा के मद्देनज़र अब तक मात्र 39 स्टार्ट-अप्स का कर छूट के लिये पात्र होना इसकी धीमी प्रगति को दर्शाता है।
- इस योजना के तहत कर में रियायतें प्राप्त करने के लिये कुछ निर्दिष्ट मानदंड बनाए गए हैं जैसे – छूट प्राप्त करने वाली पात्र कंपनी को एक निजी सीमित कंपनी या सीमित देयता भागीदारी कंपनी होनी चाहिये, जिसकी स्थापना 1 अप्रैल 2016 को या उसके पश्चात हुई हो।
मानदंडों में छूट
- हाल ही में इसके मानदंडों में छूट दी गई है। पहले की तरह अब किसी कंपनी को स्टार्टअप या कर लाभ प्राप्त करने के रूप में पहचाने जाने के लिये किसी एक इंडस्ट्री एसोसिएशन से 'सिफारिश पत्र' की आवश्यकता को हटा दिया गया है। सरकार का उद्देश्य सितंबर के अंत तक इनकी संख्या में 100 से अधिक की बढ़ोतरी करना है।
स्टार्टअप
- स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य देश में स्टार्ट-अप्स और नए विचारों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है, जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोज़गार के अवसर उत्पन्न हों।
- स्टार्टअप एक ऐसी इकाई को कहा जाता है, जो भारत में पाँच साल से अधिक समय से पंजीकृत नहीं है और जिसका वार्षिक कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं है।
- यह एक ऐसी इकाई है, जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नए उत्पादों या सेवाओं के नवाचार, विकास, विस्तारण व व्यावसायीकरण की दिशा में काम करती है।