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अपशिष्ट मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग

  • 20 May 2020
  • 6 min read

प्रीलिम्स के लिये:

अपशिष्ट मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग

मेन्स के लिये:

अपशिष्ट मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग तथा इसका महत्त्व 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा वर्ष 2019-20 के ‘अपशिष्ट मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग’ परिणाम प्रकाशित किये गए।

प्रमुख बिंदु:

  • उल्लेखनीय है कि 6 शहरों को 5 स्टार, 65 शहरों को 3 स्टार और 70 शहरों को 1 स्टार दिया गया है।
  • अंबिकापुर, राजकोट, सूरत, मैसूर, इंदौर और नवी मुंबई को 5 स्टार रेटिंग दिया गया।
  • स्टार रेटिंग मूल्यांकन हेतु 1435 शहरों ने आवेदन किया था जिनका मूल्यांकन कर 141 शहरों को स्टार रेटिंग के साथ प्रमाणित किया गया है।
  • स्टार रेटिंग संबंधी नियमों को समग्र रूप से तैयार किया गया है जिसमें नालियों और जल निकायों की सफाई, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, निर्माण तथा विध्वंस अपशिष्ट इत्यादि जैसे घटक शामिल हैं। गौरतलब है कि ये घटक किसी शहर को अपशिष्ट मुक्त बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • COVID-19 से उत्पन्न समस्याओं से निपटने हेतु स्वच्छता और प्रभावी ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को भी अत्यधिक महत्त्व दिया गया है।
  • स्टार रेटिंग को तीन चरणों की मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर तैयार किया गया है।
    • प्रथम चरण- शहरी स्थानीय निकाय एक विशेष समय-सीमा के तहत स्टार रेटिंग संबंधी दस्तावेज़ों को पोर्टल पर अपलोड करते हैं।
    • द्वितीय चरण- मंत्रालय द्वारा चयनित और नियुक्त तृतीय पक्ष एजेंसी से मूल्यांकन कराया जाता है।
    • तृतीय चरण- क्षेत्र में जाकर एक स्वतंत्र पर्यवेक्षक द्वारा इन्हें सत्यापित किया जाता है।
  • अपशिष्ट मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग हेतु एक संशोधित प्रोटोकॉल भी लॉन्च किया गया है।
  • इस नए संशोधित प्रोटोकॉल में ‘वार्ड-वाइज़ जिओ-मैपिंग’ (Ward-wise Geo-mapping), सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की निगरानी करना तथा 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को कई क्षेत्रों में विभाजित कर रेटिंग की जाएगी।
  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने तथा कम-से-कम प्रत्येक शहर को 3 स्टार रेटिंग में लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
  • ध्यातव्य है कि जनवरी 2018 में शहरों को अपशिष्ट मुक्त बनाने, शहरों के तंत्र को संस्थागत रूप देने और स्वच्छता के उच्च स्तर को प्राप्त करने हेतु शहरों को प्रेरित करने को ध्यान में रखते हुए स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल लॉन्च किया गया था।

स्टार-रेटिंग प्रोटोकॉल का लक्ष्य:

  • सभी शहरों को अपशिष्ट मुक्त बनाना, ताकि किसी भी सार्वजनिक, वाणिज्यिक या आवासीय स्थानों पर (कूड़े के डिब्बे या स्थानांतरण स्टेशनों को छोड़कर) किसी भी प्रकार का कूड़ा-अपशिष्ट न मिलने पाए।
  • अपशिष्ट का 100% वैज्ञानिक रूप से प्रबंधन सुनिश्चित करना।
  • सभी प्रकार के अपशिष्ट को उपचारित करना।
  • सभी शहरों को वैज्ञानिक तरीके से ठोस अपशिष्ट, प्लास्टिक अपशिष्ट और निर्माण गतिविधियों संबंधी अपशिष्ट का प्रबंधन करने योग्य बनाना।

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की अन्य पहलें:

  • COVID-19 के मद्देनज़र मंत्रालय ने सभी राज्यों को सार्वजनिक स्थानों की विशेष सफाई करने के साथ ही संक्रमण को रोकने हेतु एकांतवास में रखे गए लोगो के घरों से जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के संग्रहण और निपटान हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
  • बेहद लोकप्रिय नागरिक शिकायत निवारण मंच, स्वच्छता एप (Swachhata App) को भी संशोधित किया गया है। 
  • मंत्रालय ने सफाई कर्मचारियों के लिये व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, स्वास्थ्य जाँच और नियमित मज़दूरी के भुगतान के संबंध में भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
  • लगभग 50 लाख विक्रेताओं (स्ट्रीट वेंडर्स) की मदद हेतु माइक्रो-क्रेडिट की भी सुविधा शुरू की जा रही है।  
  • विनिर्माण उद्योग में काम कर रहे प्रवासी श्रमिकों को मदद हेतु ‘अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स’ (Affordable Rental Housing Complexes- AHRCs) लॉन्च किया जाएगा।

स्रोत: पीआईबी

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