अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सेंट क्वीन केटेवन के अवशेष: जॉर्जिया
- 15 Jul 2021
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प्रिलिम्स के लियेसेंट क्वीन केटेवन, सेंट ऑगस्टीन चर्च मेन्स के लियेभारत-जॉर्जिया संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने 17वीं सदी की सेंट क्वीन केटेवन के पवित्र अवशेषों का एक हिस्सा जॉर्जिया की सरकार को उपहार में दिया है।
- ये अवशेष भारत के विदेश मंत्री की जॉर्जिया की पहली यात्रा के अवसर पर उपहार में दिये गए हैं।
- जॉर्जिया रणनीतिक रूप से एक महत्त्वपूर्ण देश है, जो पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के इंटरसेक्शन पर स्थित है।
प्रमुख बिंदु
सेंट क्वीन केटेवन के विषय में
- रानी केटेवन पूर्वी जॉर्जिया के एक राज्य काखेती से थीं।
- ऐसा माना जाता है कि वर्ष 1624 में शिराज (आधुनिक ईरान) में इस्लाम में परिवर्तित न होने के कारण उनकी हत्या कर दी गई थी।
- उनके अवशेषों के कुछ हिस्सों को 1627 में ऑगस्टीन भिक्षुओं द्वारा गोवा लाया गया था।
- क्वीन केटेवन के यही अवशेष भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा वर्ष 2005 में गोवा में सेंट ऑगस्टीन चर्च के खंडहर में खोजे गए थे।
- जॉर्जिया के लोगों की कई ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक भावनाएँ सेंट क्वीन केटेवन से जुड़ी हुई हैं।
सेंट ऑगस्टीन चर्च
- सेंट ऑगस्टीन चर्च गोवा में स्थित एक खंडहर चर्च परिसर है।
- इस चर्च का निर्माण कार्य वर्ष 1602 में ऑगस्टीन भिक्षुओं द्वारा पूरा किया गया था, जो वर्ष 1587 में गोवा पहुँचे थे।
- वर्ष 1835 में गोवा की पुर्तगाली सरकार द्वारा अपनाई गई नवीन दमनकारी नीतियों के तहत गोवा में कई धार्मिक पवित्र स्थानों में धार्मिक गतिविधियों को बंद कर दिया गया और इसका प्रभाव सेंट ऑगस्टीन चर्च पर भी पड़ा।
- इसके परिणामस्वरूप यह परिसर वह वर्ष 1842 में खंडहर में परिवर्तित हो गया।
- यह गोवा के चर्चों और मठों का एक हिस्सा है, जो कि यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।
भारत-जॉर्जिया संबंध:
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: ऐसा माना जाता है कि भारत के पंचतंत्र की दंतकथाओं ने जॉर्जियाई लोक कथाओं को प्रभावित किया है।
- मध्ययुगीन काल में मिशनरियों, यात्रियों और व्यापारियों द्वारा उन संपर्कों को और मज़बूत किया गया था।
- हाल की यात्रा: भारत, जॉर्जिया में और अधिक निवेश करने को तैयार था, जो ईज ऑफ डूइंग सूचकांक में उच्च स्थान पर है।
- जॉर्जिया ने यूरोपीय संघ की सदस्यता के लिये भी आवेदन किया है, जिसे अगर स्वीकार कर लिया जाता है तो यह भारत को यूरोप के लिये एक और प्रवेश द्वार तथा काकेशस में कदम जमाने का अवसर देगा।
- रूस और जॉर्जिया के बीच शत्रुतापूर्ण संबंधों को देखते हुए इस यात्रा का राजनीतिक महत्त्व भी है।
- भारत ने रूस को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह रूस के विदेश मंत्री की हाल की पाकिस्तान यात्रा से खुश नहीं है।
काकेशस (Caucasus):
- यह पर्वत प्रणाली और क्षेत्र, काला सागर (पश्चिम) एवं कैस्पियन सागर (पूर्व) के बीच स्थित है तथा रूस, जॉर्जिया, अज़रबैजान एवं आर्मेनिया के कब्ज़े में है।