जैव विविधता और पर्यावरण
भारत में स्किंक की प्रजातियाँ
- 19 Oct 2020
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प्रिलिम्स के लिये:स्किंक की प्रजातियाँ, भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण, जैव-भौगोलिक क्षेत्र मेन्स के लिये:जैव-भौगोलिक क्षेत्र |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 'भारतीय प्राणी विज्ञान सर्वेक्षण' (Zoological Survey of India-ZSI) द्वारा भारत में स्किंक की प्रजातियों के वितरण पर ‘स्किंक इन इंडिया’ नामक पुस्तक जारी की गई।
प्रमुख बिंदु:
- यह पुस्तक भारत के सभी 11 ‘जैव-भौगोलिक क्षेत्रों’ (Bio-geographic Zone) में क्लिंक्स की प्रजातियों के वितरण का एक जातिवृत्तीय (Phylogenetic) और जैव-भौगोलिक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
- पुस्तक में क्लिंक्स की प्रजातियों पर ब्रिटिश युग से लेकर वर्तमान तक के ऐतिहासिक अध्ययनों पर विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया है।
स्किंक (Skinks) प्रजातियाँ:
- परिवार: स्किनकेड, फाइलम: कॉर्डेटा, क्रम: स्क्वामाटा, वर्ग: रेप्टिलिया।
- यह छोटे या अनुपस्थित अंगों के साथ चिकना शरीर वाली छिपकली है।
- इसकी प्रजातियाँ आमतौर पर रेतीले मैदानों, उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में पाई जाती हैं।
- स्किंक अत्यधिक सतर्क, फुर्तीली प्रजाति है जो विभिन्न प्रकार के कीड़ों और छोटे अकशेरुकी जीवों को भोजन के रूप में प्राप्त करने के लिये तेज़ी से आगे हैं।
सर्पों से भिन्नता :
- स्किंक प्रजातियों में कम अंग या पूरी तरह से अंगों का अभाव पाया जाता है, अत: ये सर्पों के समान रेंगकर चलती हैं।
- सर्पों से मिलती-जुलती चाल के कारण लोगों की इसके प्रति गलत धारणा है कि ये विषैले होते हैं। इसी कारण इन प्राणियों में से कई को लोगों द्वारा मार दिया जाता है।
भारत में स्किंक्स प्रजातियाँ:
- विश्व भर में स्किंक्स की 1,602 प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें से 4% से भी कम प्रजातियाँ भारत में पाई जाती हैं।
- भारत में स्किंक्स की 62 प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें से 57% (33 प्रजातियाँ) स्थानिक हैं।
- पश्चिमी घाट में स्किंक्स की कुल 24 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 18 प्रजातियाँ स्थानिक हैं।
- दक्कन प्रायद्वीपीय क्षेत्र में कुल 19 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से 13 स्थानिक हैं।
- उत्तर-पूर्व में स्किंक की कुल 14 कंकाल प्रजातियों को रिकॉर्ड किया गया हैं जिनमें से दो प्रजातियाँ स्थानिक हैं।
स्किंक्स के जेनेरा:
- भारत में पाए जाने वाले स्किंक्स के 16 जेनेरा में से चार जेनेरा स्थानिक हैं।
- जेनेरा, समान लक्षणों वाले पशुओं, पौधों आदि का वर्ग होता है, जो परिवार (Family) से छोटा और प्रजाति (Species) से बड़ा होता है।
- सित्सोफिस (एक प्रजाति के साथ) और बरकुड़िया (दो प्रजातियों के साथ) पूर्वी तट की पहाड़ियों और तटीय मैदानों में पाए जाने वाले जेनेरा हैं।
- ओडिशा के चिल्का झील में बरकुड द्वीप (Barkud Island) में बरकूडिया इंसुलिरिस जेनेरा पाया जाता है।
- कैस्टलिया (Kaestlea) जेनेरा की पाँच प्रजातियाँ पश्चिमी घाट और रिस्टेला की चार प्रजातियाँ पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में स्थानिक हैं।
महत्त्व:
- स्किंक्स की प्रजातियों के वर्गीकरण के दृष्टिकोण से पुस्तक का प्रकाशन महत्त्वपूर्ण है और पुस्तक का प्रकाशन प्रकृति के प्रति उत्साही लोगों के बीच रुचि पैदा करेगी।
- स्किंक्स की प्रजातियों के बारे में लोगों को सटीक जानकारी प्रदान करने से इन प्रजातियों के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी।