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जैव विविधता और पर्यावरण

विशेष बाघ संरक्षण बल

  • 07 Sep 2019
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व (Corbett Tiger Reserve) के लिये एक विशेष बाघ संरक्षण बल (Special Tiger Protection Force- STPF) बनाने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु:

  • विशेष बाघ संरक्षण बल कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व के समीप के क्षेत्रों से मानव की अवैध घुसपैठ को रोककर बाघों को सुरक्षा प्रदान करेगा।
  • यह निर्णय भारत सरकार के बाघों को त्रि-स्तरीय संरक्षण प्रदान करने के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
  • विशेष बाघ संरक्षण बल को कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व की अत्यंत संवेदनशील दक्षिणी, उत्तर प्रदेश से स्पर्श करती सीमा पर तैनात किया जाएगा जिसके माध्यम से आपराधिक तत्त्व आरक्षित क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश करते रहते हैं।

विशेष बाघ संरक्षण बल की आवश्यकता क्यों?

  • वन्यजीव विशेषज्ञों और जैव विविधता संरक्षणवादियों द्वारा इस तरह के बल की आवश्यकता को लंबे समय से इंगित किया जा रहा था।
  • कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या बढ़कर 250 हो गई है जिससे घुसपैठ की संभावना और बढ़ गई है, इसलिये इस प्रकार के समर्पित बल की स्थापना की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।

सुरक्षा के विभिन्न स्तर:

  • बीट स्तर के वन रक्षकों द्वारा नियमित गश्त के माध्यम से आंतरिक श्रेणी में सुरक्षा का पहला स्तर प्रदान किया जाएगा। सुरक्षा का दूसरा स्तर विशेष बाघ संरक्षण बल द्वारा प्रदान किया जाएगा।
  • सुरक्षा का तीसरा स्तर वन, पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के एक एकीकृत तंत्र द्वारा प्रदान किया जाएगा जिसका उद्देश्य बाघों के अवैध शिकार को रोकना है।

कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) :

  • कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett National Reserve) भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क है जिसकी स्थापना वर्ष 1936 में हुई थी।
  • स्थापना के समय इसका नाम हैली नेशनल पार्क (Hailey National Park) था, जिसे वर्ष 1957 में बदलकर कॉर्बेट नेशनल पार्क कर दिया गया। महान प्रकृतिवादी और संरक्षणवादी स्वर्गीय जिम कॉर्बेट की याद में इसे यह नाम दिया गया।
  • यह पार्क कुल 521 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • पार्क से बहने वाली प्रमुख नदियाँ रामगंगा, सोनानदी, मंडल और पलायन हैं।

स्रोत: द हिंदू

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