जूता और चमड़ा उद्योग के लिये विशेष पैकेज | 12 Oct 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने चमड़ा और जूता उद्योग के क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित करने के लिये एक विशेष पैकेज को मंज़ूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- इस पैकेज में वर्ष 2017-20 के लिये 2600 करोड़ रुपए की लागत की मंज़ूरी से केंद्रीय क्षेत्र की योजना-इंडियन फुटवियर, लेदर और एसेसरीज डेवलपमेंट प्रोग्राम (IFLADP) का कार्यान्वयन शामिल है।
- इस योजना का लक्ष्य चमड़ा उद्योग के लिये आधारभूत सुविधाओं का विकास करना, चमड़ा उद्योग से जुड़ी पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान करना, अतिरिक्त निवेश को आसान बनाना, रोज़गार सृजन और उत्पादन में वृद्धि करना है।
- IFLADP के तहत तमिलनाडु के लिये औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा 117.33 करोड़ रुपए की कुल लागत से चार परियोजनाएँ मंज़ूर की गई हैं, ताकि आधारभूत सुविधाओं का विकास होने के साथ-साथ रोज़गार का सृजन हो और कचरा शोधन संयंत्रों (CETP) की स्थापना से पर्यावरण की स्थिति में निरंतर सुधार हो।
- तमिलनाडु के लिये मंज़ूर की गई परियोजनाओं के अंतर्गत त्रिची में ताला त्रिची कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP), नागलकेनी क्रोमपेट में पल्लावरम CETP, रानीपेट में सिडको फेज़-1 CETP और इरोड़ में पेरुंदुरई लेदर इंडस्ट्रिज़ इको सिक्यूरिटी प्राइवेट लिमिटेड का उन्नयन शामिल है।
योजना से लाभ
- विशेष पैकेज मिलने से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होंगे और श्रम कानून में सुधार होने से अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ेगा।
- उद्योग नीति और संवर्द्धन विभाग ने पश्चिम बंगाल के बनतला में एक वृहद लेदर कलस्टर के लिये अपनी सैद्धांतिक मंज़ूरी भी दी है। इससे लगभग 7000 लोगों को रोज़गार मिलेगा और 400 से 500 करोड़ रुपए का निवेश संभव होगा।