अंतर्राष्ट्रीय संबंध
स्पेशल 301 रिपोर्ट
- 26 Apr 2019
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में अमेरिका ने अपनी वार्षिक स्पेशल 301 रिपोर्ट जारी की है। गौरतलब है कि अमेरिका ने रिपोर्ट के इस संस्करण में कुल 36 देशों को निगरानी सूची में डाला है।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अंतर्गत, अमेरिका अपने व्यापारिक भागीदारों का बौद्धिक संपदा की रक्षा और प्रवर्तन संबंधी ट्रैक रिकॉर्ड पर आकलन करता है।
- यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रेज़ेंटेटिव (USTR) के अनुसार, भारत को बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के कथित उल्लंघनों के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका (US) की ‘प्रायोरिटी वाच लिस्ट’ में बरकरार रखा गया है।
- ‘प्रायोरिटी वाच लिस्ट' में भारत के साथ ही चीन, इंडोनेशिया, रूस, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला जैसे कुल 11 देशों को रखा गया है।
- तुर्की और पाकिस्तान जैसे कुल 25 देशों को अमेरिका ने ‘वाच लिस्ट’ में शामिल किया है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बौद्धिक संपदा की चुनौतियाँ लंबे समय से बरकरार हैं और भारत बौद्धिक संपदा के संरक्षण तथा उनके प्रवर्तन के संबंध में दुनिया की सबसे चुनौतीपूर्ण प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
भारत पर प्रभाव
- अमेरिकी सरकार विश्व व्यापार संगठन (WTO) या अन्य प्रासंगिक व्यापार समझौते पर विवाद निपटान की कार्यवाहियाँ शुरू कर सकती है।
- अमेरिकी सरकार एकतरफा टैरिफ प्राथमिकताओं जैसे कि सामान्यीकृत प्रणाली (GSP) को भी समाप्त कर सकती है।
बौद्धिक संपदा अधिकार
- बौद्धिक संपदा अधिकार, निजी अधिकार हैं जो किसी देश की सीमा के भीतर मान्य होते हैं तथा औद्योगिक, वैज्ञानिक, साहित्य और कला के क्षेत्र में व्यक्ति (व्यक्तियों) अथवा कानूनी कंपनियों को उनकी रचनात्मकता अथवा नवप्रयोग के संरक्षण के लिये दिये जाते हैं।
- बौद्धिक संपदा अधिकार किसी भी प्रकार या आकार की अर्थव्यवस्थाओं में रोज़गार, नवाचार, सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।