अंतरिक्ष के मलबे और कचरे की सफाई करेगा ‘रिमूव डिब्री’ | 29 Jun 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतरिक्ष में फैले रॉकेटों और उपग्रहों के टुकड़ों को हटाने के लिये इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रिमूव डिब्री (Remove DEBRIS) नामक स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया गया।
प्रमुख बिंदु
- 100 किलोग्राम वज़न वाले इस स्पेसक्राफ्ट का निर्माण एयरबस की सहायक ‘सरे सेटेलाइट टेक्नोलॉजी’ द्वारा किया गया है।
- यह स्पेसक्राफ्ट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से छोड़ा जाने वाला सबसे बड़ा स्पेसक्राफ्ट है।
- यह यूरोपीय संघ की अनुसंधान परियोजना है जो भविष्य में सक्रिय मलबे को हटाने से संबंधित मिशनों के लिये आवश्यक प्रौद्योगिकियों के परीक्षण में मददगार साबित हो सकता है।
- अंतरिक्ष में फैले कचरे को हटाने के लिये इस स्पेसक्राफ्ट में तीन एयरबस प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया गया है।
- यह स्पेस क्राफ्ट अंतरिक्ष में तैर रहे छोटे लेकिन खतरनाक टुकड़ों को हटाने का प्रयास करेगा जो उपग्रहों या इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को क्षति पहुँचा सकते हैं।
- यह परियोजना वैश्विक/यूरोपीय ADR (Active Debris Removal) रोडमैप में योगदान देने के उद्देश्य पर आधारित है।
पृष्ठभूमि
- पृथ्वी की कक्षा में भेजे जाने वाले कई मानव-निर्मित उपग्रह वहीं नष्ट हो जाते हैं और छोटे-छोटे टुकड़ों के रूप में पृथ्वी की कक्षा में घूमते रहते हैं।
- नासा द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, यह मलबा पृथ्वी के चारों ओर काफी तेज़ रफ़्तार से घूम रहा है। इसमें नष्ट हो चुके स्पेस क्राफ्ट, रॉकेट, उपग्रह प्रक्षेपण यानों के अवशेष, मिसाइल शार्पनेल व अन्य निष्क्रिय इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अवशेष शामिल हैं।
- अंतरिक्ष में बिखरा यह कचरा न केवल उपग्रहों की कक्षा में बल्कि हमारे वायुमंडल के लिये भी काफी खतरनाक हो सकता है। यदि कोई बड़ा टुकड़ा पूरी तरह नष्ट हुए बिना हमारे वायुमंडल में प्रवेश कर जाए तो विनाशक प्रभाव पैदा कर सकता है।