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सूखे से निपटने के लिये नया टूलबॉक्स

  • 20 Jun 2019
  • 4 min read

संदर्भ

सूखे के स्थिति का निर्धारण करने की प्रक्रिया लगभग सभी देशों में बहुत ही बोझिल एवं जटिल है और कई बार इसके प्रतिकूल परिणाम भी देखने को मिलते हैं। इस जटिल प्रक्रिया को समाप्त करने के लिये सभी देशों द्वारा वैश्विक स्तर पर अथक प्रयास किये गए हैं जिसके परिणामस्वरूप विशेषज्ञों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने आसानी-से-प्रयोग होने वाला एक सूखा निगरानी और पूर्वानुमान तंत्र विकसित किया है।

प्रमुख बिंदु :

  • वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन (The United Nations Convention to Combat Desertification - UNCCD) इस टूलबॉक्स का परीक्षण कर रहा है।
  • UNCCD के अनुसार यह टूलबॉक्स सूखे के खतरे और उस भौगोलिक क्षेत्र की संवेदनशीलता की जाँच करने के लिये कुल 15 से 30 मापदंडों का प्रयोग करता है।
  • UNCCD इस टूलबॉक्स को डिज़ाइन करने के लिये अमरीका स्थित नेब्रास्का विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के अतिरिक्त कई अन्य संयुक्त राष्ट्र संगठनों जैसे- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organisation) और खाद्य और कृषि संगठन सहित (Food and Agriculture Organisation) आदि के साथ भी काम कर रहा है।
  • यह टूलबॉक्स एक ऑनलाइन वेब प्लेटफॉर्म है जहाँ सूखे से बचाव के लिये सभी उपाय मौजूद होंगे और साथ ही इससे संबंधित सभी अन्य संगठनों के लिंक भी मौजूद होंगे।
  • इस टूलबॉक्स को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है

1. निर्णयकर्त्ताओं द्वारा उपयोग होना वाला निगरानी, पूर्व चेतावनी और पूर्वानुमान यंत्र (monitoring, early warning and forecasting tools)

2. हॉटस्पॉट ज्ञात करने के लिये संवेदनशीलता मूल्यांकन यंत्र (vulnerability assessment tools)

3. प्रमुख नीतियों और उपायों के साथ जोखिम न्यून उपकरण (risk mitigation tools)

  • उपकरण की आवश्यकता
    • इसका उपयोग सभी देशों द्वारा सूखे की संवेदनशीलता का आकलन और मूल्यांकन करने के लिये किया जाएगा।
    • यह देशों को सूखे से निपटने के लिये उनकी तैयारियों को मज़बूत करने में भी मदद करेगा।

‘संयुक्‍त राष्‍ट्र मरुस्‍थलीकरण रोकथाम कन्‍वेंशन’

  • संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम कन्वेंशन संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत तीन रियो समझौतों (Rio Conventions) में से एक है। अन्य दो समझौते हैं-
    • जैव विविधता पर समझौता (Convention on Biological Diversity- CBD)।
    • जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क समझौता (United Nations Framework Convention on Climate Change (UNFCCC)।
  • UNCCD एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जो पर्यावरण एवं विकास के मुद्दों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है।
  • मरुस्थलीकरण की चुनौती से निपटने के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से इस दिवस को मनाने की घोषणा वर्ष 1994 में की गई थी।
  • तब से प्रत्येक वर्ष 17 जून को ‘विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस’ मनाया जाता है।

स्रोत: द हिंदू बिज़नेस लाइन

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