अंतर्राष्ट्रीय संबंध
आधारभूत ढाँचे के सुदृढ़ीकरण हेतु लिये गए कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय : पार्ट – 2
- 21 Feb 2018
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा देश के आधारभूत ढाँचे को बल प्रदान करने के उद्देश्य से कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए है। मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्ग -275 के नीदागट्टा – मैसूर सेक्शन, जेपोर-मलकानगिरी नई लाइन परियोजना सहित भटनी-और्निहर लाइन के विद्युतीकरण और दोहरीकरण को मंज़ूरी देने जैसे निर्णय लिये गए हैं। इन परियोजनाओं से होने वाले लाभ एवं अन्य प्रमुख बिंदुओं के विषय में संक्षिप्त विवरण दिया गया है।
कर्नाटक में राष्ट्रीय राजमार्ग – 275 का नीदागट्टा- मैसूर सेक्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति द्वारा कर्नाटक में हाईब्रिड एन्यूइटी मोड के 74.200 किलोमीटर से 135.304 किलोमीटर तक राष्ट्रीय राजमार्ग-275 के नीदागट्टा –मैसूर सेक्शन को छह लेन करने को मंज़ूरी दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस परियोजना के निर्माण पर तकरीबन 2919.81 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है।
- परियोजना सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग-275 का एक हिस्सा है जो कर्नाटक के दो प्रमुख शहरों व्यावसायिक राजधानी बैंगलुरु और सांस्कृतिक राजधानी मैसूरु को जोड़ेगी। साथ ही यह महत्त्वपूर्ण स्थलों मेंगलोर, कोडागू, केरल के कुछ हिस्सों आदि को बैंगलुरु से जोड़ेगी।
- इस परियोजना में दोनों तरफ करीब 60.35 किलोमीटर सर्विस रोड़ का निर्माण होगा, जिससे बसे हुए/शहरी इलाकों में स्थानीय यातायात का आवागमन सरल हो सकेगा।
- बसों के शैल्टर 21 स्थानों पर बनाए जा रहे हैं जिससे सार्वजनिक परिवहन की सुविधा में सुधार होगा।
इससे क्या-क्या लाभ होंगे?
- इस परियोजना के निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। राजमार्ग को चौड़ा करने और उसमें सुधार के साथ, इन क्षेत्रों का आर्थिक विकास भी होगा जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
- दोनों तरफ सात मीटर की सर्विस रोड़ पर छह लेन के उन्नयन और मद्दूर, मांडया और श्रीरंगपटना पर बाईपास के निर्माण और राष्ट्रीय राजमार्ग के इस हिस्से को अलग करने के ढाँचे के तैयार हो जाने पर यात्रा के समय और खर्च की बचत होगी।
- इस क्षेत्र में यातायात वर्तमान में 41433 से 52163 यात्री कार यूनिट है और निकट भविष्य में यातायात में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बड़े अच्छे समय पर छह लेन के विस्तार का कदम उठाया है।
जेपोर-मलकानगिरी नई लाइन परियोजना
- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा 130 किलोमीटर लंबी जेपोर-मलकानगिरी नई लाइन परियोजना को 2676.11 करोड़ की संपूर्ण लागत पर अनुमोदित किया गया है। इस परियोजना के वर्ष 2021-22 तक पूरा होने की संभावना है।
प्रमुख बिंदु
- इस परियोजना के तहत ओडिशा राज्य के कोरापुट और मलकानगिरी ज़िलों को कवर किया जाएगा।
- मलकानगिरी और कोरापुट ज़िले देश के चिन्हित वामपंथी उग्रवाद प्रभावित ज़िलों में शामिल हैं। ये क्षेत्र 115 आकांक्षापूर्ण ज़िलों में भी शामिल हैं।
- प्रस्तावित नई लाइन मलकानगिरी, बोईपरिगुडा, तंजिनीगुडा, मैथिली, पौंडरीपनी रोड और अन्य प्रमुख शहरों को मौजूदा कोट्टावलासा-किरंदूललाइन पर जेपोर स्टेशन से जोड़ेगी।
इसके क्या-क्या लाभ होंगे?
- वर्तमान में मलकानगिरी का रेलवे के साथ कोई संपर्क नहीं है। नई लाइन विशाल सामाजिक-आर्थिक असर वाले इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास सहित समग्र विकास के लिये आधारभूत संरचना प्रदान करेगी।
- यह परियोजना इस क्षेत्र में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी और इससे इन क्षेत्रों के लोगों को आर्थिक अवसर प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इससे विकास के ज़रिये वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला करने में भी सहायता मिलेगी।
- इसके अलावा, इस परियोजना के क्रियान्वयन से महत्त्वपूर्ण शहरों यथा कोरापुट, जेपोर, जगदलपुर, दंतेवाड़ा तक कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। इसके परिणामस्वरूप ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कई अन्य स्थानों तक आवाजाही में आसानी होगी।
- इसके अलावा, इस परियोजना से निर्माण के दौरान लगभग 31.2 लाख कार्य दिवसों का प्रत्यक्ष रोज़गार भी सृजित होगा।
भटनी - और्निहर लाइन का विद्युतीकरण एवं दोहरीकरण
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति द्वारा 1300.9 करोड रुपए की लागत से 116.95 किलोमीटर लंबी भटनी-और्निहर रेल लाइन के विद्युतीकरण के साथ दोहरीकरण की योजना को मंज़ूरी प्रदान की गई है। इसके 2021-22 तक तैयार
- इस परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के देवरिया, बलिया, मऊ और गाजीपुर ज़िलों को कवर किया जाएगा।
- भटनी-और्निहर, वाराणसी रेल संभाग का एक जंक्शन है, जो और्निहर-छपरा, और्निहर-भटनी, और्निहर-जौनपुर तथा और्निहर-वाराणसी मार्गों से चार तरफ से जुड़ा हुआ है।
- वर्तमान में इस मार्ग की कुल परिवहन क्षमता 118 प्रतिशत है जिससे यह मार्ग काफी व्यस्त रहता है और इस पर गाड़ियों की रफ्तार धीमी रहती है।
इससे क्या-क्या लाभ होंगे?
- दोहरीकरण परियोजना से इस मार्ग पर रेल लाइनों और ब्लाकों की मरम्मत के लिये अधिक समय मिलेगा जिससे रेल गाड़ियों की गति बढ़ सकेगी, उनका देरी से चलना कम होगा और रेल यातायात सुरक्षा में भी बढोतरी होगी।
- उत्तर मध्य रेलवे का इलाहबाद-मुगलसराय रेलमार्ग काफी व्यस्त रेल मार्ग है। ऐसे में दोहरीकरण से मुगलसराय-इलाहबाद मार्ग से रेल यातायात के अतिरिक्त भार को दूसरी ओर स्थानांतरित किया जा सकेगा। इससे देश के पूर्वी हिस्सों खासतौर से बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर की ओर जाने वाले यात्रियों को लाभ मिलेगा।
- भारत की आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाले वाराणसी ज़िले के लिये संपर्क सुगम होने से तीर्थाटन, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- रेल लाइन के विद्युतीकरण से रेलगाड़ियों की गति बढ़ेगी, कार्बन उत्सर्जन घटेगा और टिकाऊ पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा। इससे ईंधन आयात पर निर्भरता भी घटेगी, जिससे रेलवे के बिजली खर्च तथा देश के लिये विदेशी मुद्रा की बचत होगी।