अंतर्राष्ट्रीय संबंध
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये सर क्रीक की महत्ता
- 13 Sep 2017
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चर्चा में क्यों?
पिछले कुछ समय से भारत एवं पाकिस्तान के मध्य सर क्रीक सीमा रेखा विवाद को लेकर कोई विशेष गरमा-गरमी का माहौल नहीं देखा गया है। हालाँकि, इसका अर्थ यह नहीं है कि यह विवाद समाप्त हो गया है। हाल ही में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के साथ गुजरात राज्य की सीमा पर स्थित सर क्रीक सीमा रेखा न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा का एक बहुत अहम् हिस्सा है बल्कि यह गुजरात राज्य की सुरक्षा के संदर्भ में भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।
सर क्रीक क्या है?
- सर क्रीक, कच्छ मार्शलैंड के रण में भारत और पाकिस्तान के बीच विवादित पानी की एक 96 किलोमीटर लंबी पट्टी है। जल की इस धारा को मूल रूप से बान गंगा के नाम से जाना जाता है।
- सर क्रीक सीमा रेखा का यह नाम एक ब्रिटिश प्रतिनिधि के नाम पर रखा गया है।
- सर क्रीक की यह धारा पाकिस्तान के सिंध प्रांत को गुजरात के कच्छ क्षेत्र से विभाजित करती हुई अरब सागर में जा गिरती है।
विवाद क्या है?
- सर क्रीक सीमा रेखा विवाद वस्तुतः कच्छ और सिंध के बीच समुद्री सीमा रेखा की अस्पष्ट व्याख्या के कारण उपजा है।
- स्वतंत्रता से पहले, यह प्रांतीय क्षेत्र ब्रिटिश भारत के बॉम्बे प्रेसीडेंसी का भाग था। वर्ष 1947 में भारत की आज़ादी के बाद सिंध पाकिस्तान का हिस्सा बन गया, जबकि कच्छ भारत का ही हिस्सा रहा।
- पाकिस्तान द्वारा प्रस्तुत दावों के अनुसार, वर्ष 1914 में तत्कालीन सिंध सरकार और कच्छ के राव महाराज के बीच हस्ताक्षरित ‘बंबई सरकार संकल्प’ (Bombay Government Resolution) के अनुच्छेद 9 एवं 10 के अनुसार पूरे क्रीक क्षेत्र पर उसी का अधिकार है।
- ध्यातव्य है कि इस संकल्प-पत्र में इन दोनों क्षेत्रों के बीच की सीमाओं को सीमांकित किया गया। इसमें क्रीक को सिंध के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है। तब से क्रीक के पूर्वी भाग की सीमा को ग्रीन लाइन (Green Line) के रूप में जाना जाता है।
- इस संबंध में भारत का दावा यह है कि वर्ष 1925 में बनाए गए एक अन्य मानचित्र में दोनों देशों के मध्य एक मध्य-चैनल (Mid-Channel) को दर्शाया गया था, जिसे वर्ष 1924 में एक मध्य-चैनल पिलर (Mid-Channel Pillars) की स्थापना के माध्यम से कार्यान्वित किया गया था।
सर क्रीक का क्या महत्त्व है?
- सर क्रीक का इसकी सामरिक अवस्थिति के अलावा भी बहुत महत्त्व है। यह क्षेत्र मछुआरों के संदर्भ में भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। ध्यातव्य है कि सर क्रीक एशिया के सबसे बड़े मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों में से एक है।
- इसके अलावा इस क्षेत्र में समुद्र के नीचे तेल और गैस के विशाल भंडार उपस्थित होने के कारण (सीमा विवाद के चलते इनका अभी तक अधिक दोहन नहीं किया गया है) भी इस क्षेत्र का अपना अलग महत्त्व है।