बहुत जल्द एकल-बिंदु सैन्य सलाहकार की नियुक्ति की जाएगी | 13 Feb 2017

पृष्ठभूमि

भारत सरकार ने सैन्य सेवाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा प्रदान करने के उद्देश्य से इस वर्ष के भीतर ही एक एकल-बिंदु सैन्य सलाहकार को नियुक्त करने का निर्णय लिया है| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हाल ही में हुए कमांडरों के संयुक्त सम्मेलन के दौरान इस मुद्दे पर विस्तार में विचार विमर्श किया गया था|

  • ध्यातव्य है कि सरकार द्वारा सैन्य सेवाओं के अंतर्गत अधिक से अधिक अंतर के लिये थिएटर आदेशों (theatre commands) (महत्त्वपूर्ण सैन्य अभियान) का सृजन करने पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है| संभवतः इस सन्दर्भ में यह एक वृद्धिशील कदम (incremental step) सिद्ध होगा|
  • रक्षा मंत्रालय के स्रोतों के मुताबिक, सामान्यतः यह दिशानिर्देश जारी किये गए हैं कि यह कार्य इस वर्ष के अंत तक पूर्ण हो जाएगा|
  • हालाँकि इस संबंध में पहले एक स्थायी अध्यक्ष, स्टाफ कमिटी (Chiefs of Staff Committee -COSC) के प्रमुखों से युक्त समिति की गठन के सम्बन्ध में आम सहमति बनी थी, परन्तु कुछ आशंकाओं के कारण यथा; यह सेना प्रमुखों के ऊपर स्पष्ट भूमिका और प्राधिकार की अनुपस्थिति में अन्य औपचारिक पद की समाप्ति कर देगा, इस मुद्दे को विचार-विमर्श का मुद्दा बना दिया गया|
  • हालाँकि,  वर्तमान में इस मुद्दे पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है कि इसे विशेष क्रियाकलापों के साथ स्थायी स्टाफ कमिटी अथवा रक्षा स्टाफ के प्रमुख का भी प्रमुख बनाया जाना चाहिये |

कुछ अंतर

  • इस संबंध में आम सहमति के अनुसार, यही वह समय है जब भारत को तीनों सेवाओं में एकल बिंदु-सैन्य सलाहकार और अधिकाधिक समन्वय की आवश्यकता है| अत: अब भारत को इस विषय में और अधिक गहनता से विचार करना चाहिये|
  • सैन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अभी भी सीडीएस (Chief of Defence Staff) की सेवाओं के मध्य कुछ विशेष अंतर विद्यमान हैं परन्तु ये अंतर सदैव विद्यमान रहने वाले अंतर है| संभवतः ये अंतर एक राजनीतिक मांग का परिणाम है, वस्तुतः यह मुद्दा विचार-विमर्श के साथ-साथ विवाद का भी मुद्दा है|
  • ध्यातव्य है कि सीडीएस के अतिरिक्त भारत सरकार अन्य सैन्य सेवाओं के मध्य तालमेल बिठाने के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श कर रही है ताकि इस संबंध में विभिन्न उपायों की ओर भी ध्यान दिया जा सके|
  • इन उपायों के अंतर्गत वायु सेना, जल सेना तथा थल सेना को एकीकृत करने के लिये एक थिएटर आदेश (theatre commands) तथा एक परिचालन इकाई की स्थापना करके, इसके माध्यम से सेनाओं की कार्यक्षमता में सुधार करने तथा यहाँ तक कि इस संबंध में संसाधनों के उपयोग को अधिकतम करने के लिये भूमि और समुद्री सम्पत्ति के उपयोग को भी शामिल किया गया है|
  • निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि सैन्य क्षेत्र में वास्तविक प्रगति के लिये देश के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों से प्राप्त होने वाले आदेशों को सीडीएस के साथ एकीकृत किया जाना चाहिये|
  • स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें कोई संदेह नहीं है कि यहाँ पर थिएटर आदेश प्रदान किये जाएंगे परन्तु यह एक ऐसा वृद्धिशील कदम होगा जिसकी शुरुआत एक संरचनागत आकार लेने से पूर्व अधिकाधिक सहयोग और संचार से होगी|
  • इसके अंतर्गत इसमें विशेष अभियानों, अंतरिक्ष और साइबर डोमेनों के लिये विशेष आदेशों से संबंधित लम्बे समय से लंबित पड़े मुद्दों को भी शामिल किया गया है|