भारतीय अर्थव्यवस्था
PFMS का एकल नोडल एजेंसी (SNA) डैशबोर्ड
- 08 Jun 2022
- 6 min read
प्रिलिम्स के लिये:सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, आाज़ादी का अमृत महोत्सव, केंद्र प्रायोजित योजनाएँ मेन्स के लिये:सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, पारदर्शिता एवं जवाबदेही |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री ने PFMS (सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली) के एकल नोडल एजेंसी (NSA) डैशबोर्ड का शुभारंभ किया।
- इसे वित्त मंत्रालय द्वारा आज़ादी का अमृत महोत्सव (AKAM) समारोह के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था।
- वित्त मंत्रालय आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिये 6 से 12 जून 2022 तक 'आइकॉनिक वीक' समारोह मना रहा है।
- इसके अतिरिक्त, मिशन कर्मयोगी के हिस्से के रूप में व्यय विभाग के लिये प्रशिक्षण मॉड्यूल शुरू किये गए थे।
मिशन कर्मयोगी:
- भारतीय सिविल सेवकों को और भी अधिक रचनात्मक, सृजनात्मक, विचारशील, नवाचारी, अधिक क्रियाशील, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी एवं प्रौद्योगिकी समर्थ बनाते हुए भविष्य के लिये तैयार करना।
- कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण के लिये व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रिया स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र में व्यापक सुधार।
SNA डैशबोर्ड:
- परिचय:
- यह केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) के लिये धन जारी करने, वितरित करने और निगरानी करने के तरीके के संबंध में 2021 में शुरू किया गया एक बड़ा सुधार है।
- इस संशोधित प्रक्रिया जिसे अब SNA मॉडल के रूप में संदर्भित किया जाता है, के लिये प्रत्येक राज्य को प्रत्येक योजना हेतु एक SNA की पहचान करने और उसे नामित करने की आवश्यकता होती है।
- किसी विशेष योजना में उस राज्य के लिये सभी निधियांँ अब इस बैंक खाते में जमा की जाती हैं, इसमें शामिल अन्य सभी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा किये गए सभी व्यय इस खाते से प्रभावित होते हैं।
- महत्त्व:
- निधियों का आवंटन:
- SNA मॉडल यह सुनिश्चित करता है कि CSS के लिये राज्यों को निधियों का आवंटन समय पर और विभिन्न शर्तों को पूरा करने के बाद किया जाए।
- अधिक दक्षता लाना:
- इस मॉडल के प्रभावी कार्यान्वयन से CSS निधि के उपयोग, निधियों की ट्रैकिंग, व्यावहारिक और राज्यों को निधियों को समय पर जारी करने में अधिक दक्षता प्राप्त हुई है; अंततः सभी सरकार के उचित नकद प्रबंधन में योगदान दे रहे हैं।
- निधियों का आवंटन:
- आवश्यकता:
- SNA मॉडल के हितधारकों को योजनाओं के संचालन में आवश्यक प्रतिक्रिया और निगरानी उपकरण देने के लिये।
- डैशबोर्ड में मंत्रालयों द्वारा विभिन्न राज्यों को जारी की गई विज्ञप्ति, राज्य के कोषागारों द्वारा SNA खातों में जारी की गई आगे की रिलीज, एजेंसियों द्वारा रिपोर्ट किये गए व्यय, बैंकों द्वारा SNA खातों में भुगतान किये गए ब्याज आदि को सुगम, सूचनात्मक व आकर्षक ग्राफिक्स में दर्शाया गया है।
सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली:
- परिचय:
- PFMS, जिसे पहले ‘सेंट्रल प्लान स्कीम मॉनिटरिंग सिस्टम’ (CPSMS) के नाम से जाना जाता था, एक वेब-आधारित ऑनलाइन सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है, जिसे वित्त मंत्रालय के लेखा महानियंत्रक (CGA) के कार्यालय द्वारा विकसित और कार्यान्वित किया जाता है।
- PFMS को शुूरुआत में 2009 के दौरान योजना आयोग की केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य भारत सरकार की सभी योजनाओं के तहत जारी राशि को ट्रैक करना और कार्यक्रम कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग करना था।
- इसके बाद वर्ष 2013 में योजना और गैर-योजनागत दोनों योजनाओं के तहत लाभार्थियों को सीधे भुगतान को कवर करने के लिये इसका दायरा बढ़ाया गया था।
- वर्ष 2017 में सरकार ने योजना और गैर-योजना व्यय के बीच के अंतर को समाप्त कर दिया।
- उद्देश्य:
- एक कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ-साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना करके भारत सरकार के लिये एक ठोस सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करना।
- कवरेज:
- वर्तमान में PFMS कवरेज के दायरे में केंद्रीय क्षेत्र और केंद्र प्रायोजित स्कीमों के साथ-साथ वित्त आयोग अनुदान सहित अन्य व्यय शामिल हैं।
- PFMS भारत सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के हिस्से के रूप में विभिन्न हितधारकों को एक वास्तविक समय पर, विश्वसनीय और सार्थक प्रबंधन सूचना प्रणाली व एक प्रभावी निर्णय सहायता प्रणाली प्रदान करता है।
- PFMS को देश में कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है।