भारतीय अर्थव्यवस्था
जीएसटी संग्रहण में बढ़ोतरी
- 02 Nov 2020
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प्रिलिम्स के लियेवस्तु एवं सेवा कर, क्षतिपूर्ति उपकर मेन्स के लियेGST क्षतिपूर्ति का मुद्दा और जीएसटी संग्रहण में बढ़ोतरी का कारण |
चर्चा में क्यों?
वित्त मंत्रालय के आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, अक्तूबर 2020 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रहण 1.05 लाख करोड़ रुपए से अधिक का है, जो कि फरवरी 2020 के बाद इस वर्ष सबसे अधिक कर राजस्व है।
प्रमुख बिंदु
- अक्तूबर 2020 में वस्तु एवं सेवा कर (GST) के रूप में एकत्र किया गया कुल कर राजस्व अक्तूबर 2019 में एकत्र किये गए कुल राजस्व से 10 प्रतिशत अधिक है।
- केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अक्तूबर माह में अर्जित कुल राजस्व क्रमशः 44,285 करोड़ रुपए और 44,839 करोड़ रुपए है।
- राज्यों में आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने इस वर्ष अक्तूबर माह में बीते वर्ष इसी अवधि की तुलना में जीएसटी संग्रह में सबसे अधिक 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसके बाद झारखंड (23 प्रतिशत) और राजस्थान (22 प्रतिशत) का स्थान है।
- जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी का पैटर्न औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों में काफी मिश्रित रूप में देखने को मिला और जहाँ गुजरात तथा तमिलनाडु में क्रमशः 15 प्रतिशत और 13 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है, वहीं महाराष्ट्र में यह बढ़ोतरी केवल 5 प्रतिशत रही।
- अक्तूबर 2019 की तुलना में अक्तूबर 2020 में राजधानी दिल्ली में जीएसटी संग्रह में 8 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है।
कारण
- कई अर्थशास्त्रियों ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह के इस मौजूदा पैटर्न की स्थिरता को लेकर चिंता ज़ाहिर की है, क्योंकि उनका मानना है कि राजस्व में हो रही बढ़ोतरी का मुख्य कारण त्योहार का सीज़न है और उन्होंने इस बात को लेकर आशंका जताई है कि जब यह सीज़न समाप्त होगा तो राजस्व कर संग्रह के मामले में पहले जैसी स्थिति में आ सकती है।
निहितार्थ
- सरकार द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष (वर्ष 2020-21) में पहली बार वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह का आँकड़ों का 1 लाख रुपए के पार जाने को अर्थव्यवस्था में सुधार के एक संकेत के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि इससे पूर्व पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में भारतीय अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत का संकुचन दर्ज किया गया था।
- यदि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कर संग्रहण में वृद्धि इसी प्रकार जारी रहती है तो राज्यों के लिये वस्तु एवं सेवा कर (GST) मुआवज़े में अपेक्षित कमी 2.35 लाख करोड़ रुपए के मौजूदा अनुमान से कम हो सकती है।
जीएसटी (GST) उपकर संग्रह
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) अपनाने के लिये राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने हेतु प्रयोग होने वाला जीएसटी (GST) उपकर संग्रह 8,011 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है, जिसमें माल के आयात पर एकत्रित किये गए 932 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
- यह बीते वर्ष अक्तूबर माह की तुलना में 5 प्रतिशत और बीते माह की तुलना में 12.5 प्रतिशत अधिक है।
क्षतिपूर्ति उपकर
नियम के अनुसार, वर्ष 2022 यानी GST कार्यान्वयन शुरू होने के बाद पहले पाँच वर्षों तक GST कर संग्रह में 14 प्रतिशत से कम वृद्धि (आधार वर्ष 2015-16) दर्शाने वाले राज्यों के लिये क्षतिपूर्ति की गारंटी दी गई है। केंद्र द्वारा राज्यों को प्रत्येक दो महीने में क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जाता है।
- क्षतिपूर्ति उपकर एक ऐसा उपकर है जिसे 1 जुलाई, 2022 तक चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर संग्रहीत किया जाएगा, ताकि राज्यों को क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा सके।
- संग्रहण के बाद केंद्र सरकार इसे राज्यों को वितरित कर देती है।
आगे की राह
- सरकार द्वारा जीएसटी संग्रहण से संबंधित इन आँकड़ों को आर्थिक सुधार के एक संकेतक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, हालाँकि कई जानकार यह मान रहे हैं कि इस संबंध में किसी भी प्रकार का निर्णय लेने से पूर्व सरकार को आगामी महीनों के आँकड़ों का भी इंतज़ार कर लेना चाहिये।