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शासन व्यवस्था

श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन

  • 21 Feb 2020
  • 4 min read

प्रीलिम्स के लिये

मिशन के विषय में संपूर्ण जानकारी तथा तथ्यात्मक पक्ष

मेन्स के लिये

स्थानीय विकास के संदर्भ में इसका प्रयोग, विकास एवं संवृद्धि से जुड़े मुद्दे, स्थानीय शासन

चर्चा में क्यों?

21 फरवरी, 2020 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission-SPMRM) के शुभारंभ की चौथी वर्षगाँठ मनाई जा रही है। इस मिशन की शुरुआत 21 फरवरी, 2016 को हुई थी।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किये गए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत स्‍थान संबंधी नियोजन के ज़रिये क्‍लस्‍टर आधारित एकीकृत विकास पर फोकस किया जाता है।
  • इस मिशन के तहत देश भर के ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण क्‍लस्‍टरों की पहचान की जाती है, जहाँ शहरी घनत्‍व में वृद्धि, गैर-कृषि रोज़गारों के उच्‍च स्‍तर, आ‍र्थिक गतिविधियाँ बढ़ने और अन्‍य सामाजिक-आर्थिक पैमाने जैसे शहरीकरण के बढ़ते संकेत प्राप्त हो रहे हैं।
  • मिशन के तहत 300 ग्रामीण क्‍लस्‍टरों को समयबद्ध एवं समग्र ढंग से विकसित करने की परिकल्‍पना की गई है।

उद्देश्य

मिशन का उद्देश्‍य स्‍थानीय स्‍तर पर आर्थिक विकास को नई गति प्रदान करने के साथ-साथ बुनियादी सेवाओं में बढ़ोतरी और सुव्‍यवस्थित ग्रामीण क्‍लस्‍टरों का सृजन करके इन ग्रामीण क्‍लस्‍टरों में व्‍यापक बदलाव लाना है। इससे संबंधित क्षेत्र का समग्र विकास होगा और एकीकृत एवं समावेशी ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा।

पृष्ठभूमि

  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस मिशन में धनराशि या वित्‍त से जुड़े दो घटक हैं:
    1. विभिन्‍न केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं, केंद्र प्रायोजित योजनाओं, राज्‍य क्षेत्र/प्रायोजित योजनाओं/कार्यक्रमों, CSR कोष के ज़रिये रूपांतरित धनराशि और,
    2. कम पड़ रही अत्‍यंत आवश्‍यक धनराशि की व्यवस्था (CGF)।
  • इसमें गैर-जनजातीय क्‍लस्‍टरों के लिये प्रति क्‍लस्‍टर 30 करोड़ रुपए और जनजातीय एवं पहाड़ी राज्‍यों वाले क्‍लस्‍टरों के लिये प्रति क्‍लस्‍टर 15 करोड़ रुपए तक के CGF का प्रावधान किया गया है।
  • इन समूहों में नियोजित इन्फ्रास्ट्रक्चर में सभी घरों को 24x7 पानी की आपूर्ति, घरेलू और क्लस्टर स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा, क्लस्टर के गाँवों में और गाँव के भीतर सड़कों की व्यवस्था, हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए पर्याप्त स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक परिवहन की सुविधा शामिल है। क्लस्टर में आर्थिक सुविधाओं में कृषि सेवाओं एवं प्रसंस्करण के क्षेत्र में विभिन्न विषयगत क्षेत्र, पर्यटन और लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिये कौशल विकास को भी शामिल किया गया है।

स्रोत: PIB

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