सांभर झील का संकुचन: राजस्थान | 28 Aug 2021
प्रिलिम्स के लिये:रामसर कन्वेंशन, सांभर झील, शाकंभरी देवी मंदिर, सांभर वन्यजीव अभयारण्य मेन्स के लिये:सांभर झील के संकुचन का कारण एवं इसके पर्यावरणीय प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
हाल के एक अध्ययन के अनुसार, राजस्थान में सांभर साल्ट लेक मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में गिरावट तथा प्रवासी पक्षियों की आबादी में गिरावट के साथ लगातार संकुचित हो रही है।
प्रमुख बिंदु
- अवस्थिति:
- पूर्व-मध्य राजस्थान में जयपुर से 80 किमी. दक्षिण-पश्चिम में यह देश का सबसे बड़ा अंतर्देशीय लवणीय जल निकाय है।
- अरावली शृंखला के अवसादी भाग का प्रतिनिधित्व करता है।
- क्यों है प्रसिद्ध?
- यह नमक के उत्पादन के लिये देश में सबसे बड़ी नमक निर्माण इकाइयों में से एक है।
- हर साल हज़ारों प्रवासी पक्षी यहाँ आते हैं।
- रामसर स्थल:
- यह वर्ष 1990 में घोषित रामसर कन्वेंशन के तहत 'अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व' की एक आर्द्रभूमि है।
- नदियाँ:
- समोद, खारी, मंथा, खंडेला, मेधा और रूपनगढ़ नामक छह नदियों से पानी प्राप्त करता है।
- जलग्रहण क्षेत्र में वनस्पति:
- यहाँ अधिकतर ज़ीरोफाइटिक प्रकार (ज़ीरोफाइट शुष्क परिस्थितियों में वृद्धि के अनुकूलित वृक्ष) की वनस्पति पाई जाती है।
- जीव-जंतु:
- यहाँ आमतौर पर राजहंस, पेलिकन और जलपक्षी देखे जाते हैं।
- अन्य निकट स्थान:
- शाकंभरी देवी मंदिर, सांभर वन्यजीव अभयारण्य।
- मुख्य चिंताएँ:
- क्षेत्रफल को नुकसान
- सांभर झील का लगभग 30% क्षेत्र खनन और अन्य गतिविधियों के कारण समाप्त हो गया था, जिसमें अवैध नमक हेतु अतिक्रमण भी शामिल था।
- स्थानीय लोगों की आजीविका:
- क्षेत्र में हुए इस नुकसान ने स्थानीय लोगों की आजीविका को भी खतरे में डाल दिया है जो हमेशा झील और इसकी पारिस्थितिकी के साथ सद्भाव से रहते हैं।
- अरावली की पहाड़ियों के क्षेत्रफल में 0.1% की कमी आई है (1971 की तुलना में)। क्योंकि पहाड़ी एक प्राकृतिक बाधा रही है जो नमक को अन्य उपजाऊ क्षेत्रों में फैलने से रोकती है।
- अगर यह प्राकृतिक दीवार ऐसे ही गिरती रही तो यहाँ के लोगों को पलायन करने पर मज़बूर कर देगी।
- प्रवासी पक्षियों के संबंध में:
- आर्द्रभूमि के क्षेत्रफल में कमी आई है, जबकि वनस्पति के आवरण में वृद्धि हुई है, जिससे झील में लाल शैवाल की मात्रा में कमी हो गई है जो प्रवासी पक्षियों के भोजन का मुख्य स्रोत है।
- वर्ष 2019 में एवियन बोटुलिज़्म के संक्रमण के कारण झील में प्रतिवर्ष प्रवास करने वाली लगभग 10 प्रजातियों के 20,000 से अधिक पक्षियों की मृत्यु हो जाती है।
- क्षेत्रफल को नुकसान
- समस्या के समाधान हेतु कदम:
- नए पर्यटक स्थल:
- राजस्थान राज्य सरकार ने हाल ही में सांभर साल्ट लेक में नए पर्यटन स्थलों की पहचान करने का निर्णय लिया है।
- सांभर झील केंद्र की स्वदेश दर्शन योजना में रेगिस्तानी सर्किट का हिस्सा है।
- नमक संग्रहालय, कार पार्क, साइकिल ट्रैक और उद्यान सहित झील के आसपास के नए स्थलों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
- राजस्थान राज्य सरकार ने हाल ही में सांभर साल्ट लेक में नए पर्यटन स्थलों की पहचान करने का निर्णय लिया है।
- नमक ट्रेन:
- एक ‘नमक ट्रेन’ (Salt Train) जो भंडार से नमक को उठाकर पास की रिफाइनरी तक पहुँचाती है, को फिर से शुरू किया जाएगा।
- क्षेत्र को संरक्षित करना:
- अनाधिकृत बोरवेल और क्षेत्र में बिछाई गई पाइपलाइनों के खिलाफ कार्रवाई कर झील में अवैध नमक उत्पादन को रोका जाएगा, साथ ही पुलिस की मदद से ज़मीन पर से अतिक्रमण हटाया जाएगा।
- प्रवासी पक्षियों के लिये:
- वर्ष 2020 में राजस्थान सरकार ने झील के आस-पास के क्षेत्र को प्रवासी पक्षियों के लिये अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला किया है।
- नए पर्यटक स्थल:
आगे की राह
- कई एजेंसियों के विशेषज्ञों को शामिल कर एक सांभर झील विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। साथ ही तीन ज़िलों- जयपुर, अजमेर और नागौर के प्रशासन के मध्य उचित समन्वय सुनिश्चित किया जाए।