श्रमशक्ति पोर्टल | 27 Jan 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों के लिये राज्य और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों के निर्माण को सुचारु बनाने के लिये एक राष्ट्रीय प्रवासन सहायता पोर्टल- ‘श्रमशक्ति’ शुरू किया है।
- इसके अलावा श्रमिकों के लिये एक प्रशिक्षण पुस्तिका ‘श्रमसाथी’ का भी शुभारंभ किया गया।
प्रमुख बिंदु
पोर्टल के बारे में
- इस पोर्टल की शुरुआत आदिवासी प्रवासी श्रमिकों से संबंधित डेटा एकत्र करने और उस डेटा को मौजूदा कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ने के लिये की गई है।
पोर्टल का उद्देश्य
- डेटा अंतराल को संबोधित करना
- ‘श्रमशक्ति’ पोर्टल के ज़रिये एकत्रित किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के डेटा में जनसांख्यिकीय रूपरेखा, आजीविका विकल्प, कौशल संबंधी सूचना और प्रवासन के रुझान से जुड़े विवरण आदि शामिल होंगे।
- यह उन प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने मदद करेगा, जो रोज़गार और आय की तलाश में पलायन करते हैं।
- नीति निर्माण में सहायक
- यह राष्ट्रीय और राज्य सरकारों को स्रोत और गंतव्य दोनों राज्यों में प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिये प्रभावी रणनीति तैयार करने और नीतिगत निर्णय लेने में सहायता करेगा।
- प्रवासियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को संबोधित करना
- तस्करी
- मज़दूरों के वेतन और उनके उत्पीड़न से संबंधित मुद्दे
- कार्यस्थल पर व्यावसायिक जोखिम आदि
- अन्य योजनाओं से जोड़ना
- यह पोर्टल प्रवासी श्रमिकों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत मौजूदा कल्याण योजनाओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।
प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिये भारत सरकार की हालिया पहलें
- असीम पोर्टल
- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने कुशल कामगारों को आजीविका अवसर खोजने में मदद के लिये आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण यानी असीम (Aatamanirbhar Skilled Employee-Employer Mapping-ASEEM) पोर्टल लॉन्च किया।
- भारत के विभिन्न राज्यों से अपने घरों को वापस लौटे श्रमिकों तथा वंदे भारत मिशन के तहत स्वदेश लौटे भारतीय नागरिकों, जिन्होंने ‘कौशल कार्ड’ में पंजीकरण कराया है, के डेटाबेस को भी इस पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है।
- ‘राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली’ डैशबोर्ड
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने एक ऑनलाइन डैशबोर्ड ‘राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली’ (NMIS) विकसित की है।
- यह ऑनलाइन पोर्टल प्रवासी कामगारों का केंद्रीय कोष बनाएगा और उनके मूल स्थानों तक की यात्रा हेतु व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये अंतर-राज्यीय संचार/समन्वय में मदद करेगा।
- श्रम कानूनों का श्रम संहिताओं में समायोजन
- हाल ही में सरकार द्वारा अलग-अलग श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समायोजित किया गया है- वेतन संहिता अधिनियम-2019; औद्योगिक संबंध संहिता-2020; सामाजिक सुरक्षा संहिता-2020; पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य व कार्य शर्त संहिता-2020।
- इन चार संहिताओं का उद्देश्य पूरे देश में औद्योगीकरण की प्रकिया को आसान बनाना और इस प्रकार अंततः तनावग्रस्त प्रवासी मज़दूरों को राहत प्रदान करना है।
आदिवासी कल्याण से संबंधित पहलें
- प्रधानमंत्री वन धन योजना
- यह एक बाज़ार आधारित आदिवासी उद्यमिता विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य आदिवासी स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का क्लस्टर बनाना और उन्हें जनजातीय उत्पादक कंपनियों के रूप में विकसित करना है।
- इसका लक्ष्य मुख्यतः आदिवासी ज़िलों में जनजातीय समुदाय के स्वामित्व वाले लघु वन-उपज केंद्र (MFP) और वन धन विकास केंद्रों की स्थापना करना है।
- एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल
- एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल (EMRS) योजना की शुरुआत वर्ष 1997-98 में दूरस्थ स्थानों पर अनुसूचित जनजाति के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण माध्यमिक और उच्च-स्तरीय शिक्षा प्रदान करने हेतु की गई थी, ताकि उन बच्चों को गैर-अनुसूचित जनजाति के बच्चों के समान ही शिक्षा के सर्वोत्तम अवसरों तक पहुँच प्रदान की जा सके।
- ये स्कूल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत प्रदान किये गए अनुदान द्वारा स्थापित किये जाते हैं।
- भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (ट्राईफेड)
- वर्ष 1987 में स्थापित भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) राष्ट्रीय स्तर का एक शीर्ष संगठन है, जो जनजातीय कार्य मंत्रालय के प्रशासकीय नियंत्रण के अधीन कार्य करता है।
- ट्राइफेड का प्रमुख उद्देश्य जनजातीय उत्पादों, जैसे- धातु कला, जनजातीय टेक्सटाइल और जनजातीय पेंटिंग आदि, जिन पर जनजातीय लोग अपनी आय के एक बड़े भाग हेतु बहुत अधिक निर्भर हैं, के विपणन विकास द्वारा देश में जनजातीय लोगों का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है।