शंघाई सहयोग संगठन | 19 Jul 2022
प्रिलिम्स के लिये:शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य, इसकी आधिकारिक भाषा, उद्देश्य और पहल। मेन्स के लिये:SCO के मुद्दे और चुनौतियाँ। |
चर्चा में क्यों
सितंबर 2022 में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से पूर्व वाराणसी को SCO क्षेत्र की पहली "पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी 2022-23" के रूप में चुना गया है।
- SCO शिखर सम्मेलन उज़्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित किया जाएगा जहाँ SCO में दो नए सदस्य- ईरान और बेलारूस के शामिल होने की संभावना है। युवा कार्य के क्षेत्र में सहयोग पर SCO के सदस्य देशों द्वारा 17 सितंबर, 2021 को समझौते को अपनाने के परिणामस्वरूप इस समझौते पर युवा मामले और खेल मंत्री द्वारा हस्ताक्षर किये गए थे।
- भारत वर्ष 2023 में SCO शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
पहल:
- सदस्य राज्यों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये एक नई आवर्ती पहल के तहत वाराणसी को "सांस्कृतिक और पर्यटन राजधानी (Cultural and Tourism Capital)" बनाने का निर्णय लिया गया है।
- प्रत्येक वर्ष एक सदस्य देश की सांस्कृतिक विरासत का शहर जो संगठन की आवर्ती अध्यक्षता को संभालेगा, उसे इसकी प्रमुखता को उजागर करने के लिये उपाधि प्रदान की जाएगी।
- नई पहल समरकंद शिखर सम्मेलन के बाद लागू होगी जिसके बाद भारत अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेगा और अगले राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
SCO का विस्तार:
- यह देखा गया है कि SCO का अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बढ़ रहा है और SCO चार्टर के सिद्धांतों को व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है।
- चीन और रूस समूह को पश्चिम के लिये एक काउंटर के रूप में विशेष रूप से नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) के विस्तार के रूप में तैयार करना चाहते हैं।
- हालाँकि ऐसा माना जाता है कि SCO और नाटो के बीच काफी विरोधाभास है।
- नाटो का विस्तार पूरी तरह से अलग है क्योंकि SCO गुटनिरपेक्षता पर आधारित एक सहकारी संगठन है और किसी तीसरे पक्ष को लक्षित नहीं करता है।
- नाटो शीत युद्ध की सोच पर आधारित है।
शंघाई सहयोग संगठन (SCO):
- परिचय:
- SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- यह यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखना है।
- इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था।
- SCO चार्टर वर्ष 2002 में हस्ताक्षरित किया गया था और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ।
- उत्पत्ति:
- वर्ष 2001 में SCO के गठन से पहले कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस और ताजिकिस्तान शंघाई फाइव (Shanghai Five) के सदस्य थे।
- शंघाई फाइव (1996) का उद्भव सीमा के सीमांकन और विसैन्यीकरण वार्ता की एक शृंखला के रूप में हुआ, जिसे चार पूर्व सोवियत गणराज्यों द्वारा चीन के साथ सीमाओं पर स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु आयोजित किया गया था।
- वर्ष 2001 में संगठन में उज़्बेकिस्तान के शामिल होने के बाद शंघाई फाइव का नाम बदलकर SCO कर दिया गया।
- वर्ष 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके सदस्य बने।
- उद्देश्य:
- सदस्य देशों के मध्य परस्पर विश्वास तथा सद्भाव को मज़बूत करना।
- राजनैतिक, व्यापार एवं अर्थव्यवस्था, अनुसंधान व प्रौद्योगिकी तथा संस्कृति के क्षेत्र में प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देना।
- शिक्षा, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन, पर्यावरण संरक्षण इत्यादि क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ाना।
- संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता बनाए रखना।
- लोकतांत्रिक, निष्पक्ष एवं तर्कसंगत नव-अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व आर्थिक व्यवस्था की स्थापना करना।
- सदस्यता:
- वर्तमान में इसके सदस्य देशों में कज़ाखस्तान, चीन, किर्गिज़स्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, भारत, पाकिस्तान और ईरान शामिल हैं।
- संरचना:
- राष्ट्र प्रमुखों की परिषद: यह SCO का सर्वोच्च निकाय है जो अन्य राष्ट्रों एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ अपनी आंतरिक गतिविधियों के माध्यम से बातचीत कर अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार करती है।
- शासन प्रमुखों की परिषद: SCO के अंतर्गत आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित मुद्दों पर वार्ता कर निर्णय लेती है तथा संगठन के बजट को मंज़ूरी देती है।
- विदेश मंत्रियों की परिषद: यह दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर विचार करती है।
- क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी संरचना (RATS): आतंकवाद, अलगाववाद, पृथकतावाद, उग्रवाद तथा चरमपंथ से निपटने के मामले देखती है।
- शंघाई सहयोग संगठन का सचिवालय: यह सूचनात्मक, विश्लेषणात्मक तथा संगठनात्मक सहायता प्रदान करने हेतु बीजिंग में अवस्थित है।
- आधिकारिक भाषाएँ :
- रूसी और चीनी SCO की आधिकारिक भाषाएँ हैं।
भारत हेतु समूह की प्रासंगिकता:
- समय के साथ SCO मेज़बानों ने सदस्यों के बीच मतभेदों पर चर्चा करने के लिये मंच का उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित किया है।
- ये ऐसे अवसर थे जब वर्तमान भारतीय प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ द्विपक्षीय बैठक की और विदेश मंत्री ने वर्ष 2020 में मास्को सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष के साथ पाँच सूत्री समझौते पर बातचीत की।
- भारत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ 'चतुर्भुज' समूह का भी हिस्सा है।
- एक अलग प्रकृति के समूह के साथ इसका जुड़ाव इसकी विदेश नीति का हिस्सा है जो "रणनीतिक स्वायत्तता और बहु-संरेखण" के सिद्धांतों पर ज़ोर देता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. प्रायः समाचारों में दे जाने वाला 'बीजिंग घोषणा और कार्रवाई मंच (बीजिंग डिक्लरेशन एंड प्लैटफार्म फॉर एक्शन)' निम्नलिखित में से क्या है? (a) क्षेत्रीय आतंकवाद से निपटने की एक कार्यनीति (स्ट्रैटजी), शंघाई सहयोग संगठन। उत्तर: (c)
|