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भारतीय अर्थव्यवस्था

शैडो उद्यमी

  • 21 Jan 2021
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

शिक्षा (प्रमाण पत्र), वित्त (आसान ऋण के लिये), सट्टेबाज़ी की अर्थव्यवस्था (ऑनलाइन गेम) और स्वास्थ्य सेवा (ई-फार्मेसी) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर शैडो उद्यमियों (Shadow Entrepreneurship) की उपस्थिति में वृद्धि देखी जा रही है।

प्रमुख बिंदु:

शैडो उद्यमी के संबंध में:

  • शैडो उद्यमी ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी व्यवसाय का प्रबंधन करता है तथा वैध वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री करता है परंतु वह अपने व्यवसायों को सरकार के साथ पंजीकृत नहीं कराता है।
  • इसका अर्थ है कि शैडो उद्यमी कर का भुगतान नहीं करते हैं, एक शैडो अर्थव्यवस्था वह स्थिति है जहाँ सरकारी अधिकारियों की पहुँच के बाहर व्यावसायिक गतिविधियाँ की जाती हैं।
  • इस प्रकार के व्यवसायों में बिना लाइसेंस वाली टैक्सी सेवा, सड़क किनारे भोजन स्टाल लगाना और छोटे भू-निर्माण आदि कार्य शामिल हैं।
  • इंपीरियल कॉलेज बिज़नेस स्कूल (Imperial College Business School) द्वारा 68 देशों पर किये गए एक अध्ययन के अनुसार, इंडोनेशिया के बाद भारत में सबसे अधिक शैडो उद्यमी हैं।

शैडो उद्यमियों में वृद्धि का कारण:

  • कराधान और प्रवर्तन: शिथिल प्रवर्तन के साथ उच्च कर की दर कर से बचने, औपचारिक व्यवसायों में निवेश को हतोत्साहित करने और अनौपचारिक क्षेत्र की ओर उद्यमशीलता की गतिविधि को प्रेरित करती है।
  • COVID-19 का प्रभाव: शैडो उद्यमी, प्रौद्योगिकी सेवाओं के माध्यम से ऐसी पूरक सेवाएँ प्रदान करते हैं जिन्हें सुनिश्चित करने में पारंपरिक सेवा प्रदाता सक्षम नहीं होते या लॉकडाउन बाधाओं के कारण उपभोक्ताओं तक पहुँचाने में सक्षम नहीं हो पाए।
  • प्रौद्योगिकी प्रगति: शैडो उद्यमिता को प्रौद्योगिकी-सक्षम नए बाज़ारों द्वारा भी बढ़ावा मिलता है और इसमें नए तथा तकनीकी ज्ञान रखने वाले उपभोक्ताओं का प्रवेश भी होता है।

लाभ: 

  • रोज़गार में वृद्धि: अनौपचारिक क्षेत्र की अधिकांश नौकरियाँ शैडो उद्यमिता के अंतर्गत आती हैं। इसके अन्य लाभ इस प्रकार हैं-
  • आर्थिक विकास का चालक
  • गरीबी में कमी
  • गैर कृषि रोज़गार प्रदान कर कृषि पर दबाव को कम करना।
  • उपभोक्ताओं के लिये विविध विकल्प मौजूद

शैडो उद्यमियों के समक्ष चुनौतियाँ:

  • प्रतिस्पर्द्धा में कमी
    • छोटी फर्मों का अधिग्रहण बड़ी कंपनियों द्वारा किया जा सकता है। 
  • संदिग्ध और अवैध:
    • एप-आधारित ऋण प्रदाताओं से संबंधित हाल की घटनाएँ जो कि बहुत अधिक ब्याज दर लगाते हैं और संदिग्ध तरीके से अतिरिक्त वसूली करते हैं।
  • आर्थिक नुकसान: 
    • सरकार के साथ पंजीकृत न होने के कारण राजस्व का नुकसान होता है।
  • भ्रष्टाचार: 
    • कानून की पहुँच से परे होने के कारण ये भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।
  • संपत्ति का आकार: 
    • अनौपचारिक उद्यमी अपने व्यवसायों में औपचारिक लोगों की तुलना में बहुत कम तीव्रता से निवेश करते हैं, जिसका अर्थ है कि औपचारिकता का परिसंपत्ति के आकार से सकारात्मक संबंध है।

सुझाव:

  • अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण: जहाँ उचित आर्थिक और राजनीतिक ढाँचा होता है, वहाँ व्यक्तियों में औपचारिक (Formal) उद्यमी बनने तथा अपने व्यवसाय को पंजीकृत कराने की अधिक संभावना होती है, क्योंकि इससे वे उन कानूनों एवं नियमों का लाभ उठा पाते हैं जो उनकी कंपनी की रक्षा करने के लिये होते हैं।
  • निगरानी: गुणवत्ता की सुदृढ़ निगरानी की जानी चाहिये। इसके उल्लंघन की स्थिति में दंडनीय सज़ा के रूप में जेल भेजना और सेवाओं पर रोक लगाए जाने की आवश्यकता है।
  • इनाम की स्वीकृति: उन शैडो फर्मों जो कि गैर-शैडो फर्मों के साथ सर्विस प्रदान करने के लिये प्रभावी मोड में शामिल होना चाहते हैं, का स्वागत किया जाना चाहिये।
  • एजेंसियों के बीच समन्वय: सरकारी अधिकारियों के बीच स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा या वित्त के क्षेत्र में शैडो उद्यमिता आदि गतिविधियों के संदर्भ में बेहतर समन्वय होना आवश्यक है।

स्रोत:द हिंदू

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