लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

शासन व्यवस्था

COVID-19 के नियंत्रण में श्रृंखला अंतराल की भूमिका

  • 17 Sep 2020
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

श्रृंखला अंतराल, मूल प्रजनन अनुपात, R- नॉट

 मेन्स के लिये: 

COVID-19 के प्रसार को रोकने के प्रयास 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘साइंस’ पत्रिका में प्रकाशित एक शोध में चीन द्वारा COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिये चीन की श्रृंखला अंतराल या सीरियल इंटरवल (Serial Interval) के प्रबंधन की क्षमता को उत्तरदायी बताया गया है।

प्रमुख बिंदु: 

  • आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान में चीन में COVID-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 90,219 है, जबकि इस महामारी के कारण चीन में हुई कुल मृत्यु का आँकड़ा 4,735 है।
  • एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन में पिछले 30 दिनों में COVID-19 के स्थानीय संक्रमण से जुड़ा एक भी मामला नहीं दर्ज किया गया है और चीन में मास्क की अनिवार्यता और अन्य प्रतिबंधों में काफी छूट दे दी गई है।

क्या है श्रृंखला अंतराल या सीरियल इंटरवल ?

  • एक श्रृंखला अंतराल से आशय COVID-19 के प्राथमिक मामले (संक्रमित व्यक्ति) में  लक्षण की शुरुआत और प्राथमिक मामले के संपर्क में आए किसी दूसरे  व्यक्ति में लक्षणों की शुरुआत के बीच की अवधि से है।
  • सरल शब्दों में कहें तो श्रृंखला अंतराल किन्हीं दो व्यक्तियों A और B में COVID-19 लक्षणों के शुरुआत के बीच की अवधि है, जहाँ व्यक्ति B को यह संक्रमण व्यक्ति A के संपर्क में आने के कारण हुआ हो।
  • इस शब्द का प्रयोग पहली बार ब्रिटिश चिकित्सक ‘विलियम पिकल्स’ (William Pickles) द्वारा किया गया था, जिन्होंने वर्ष 1942-45 के दौरान यूनाइटेड किंगडम में हेपेटाइटिस महामारी के मामले में इसे संचरण अंतराल या ट्रांसमिशन इंटरवल के रूप में संदर्भित किया था।
  • आगे चलकर ब्रिटिश चिकित्सक ‘आर.ई. होप सिंपसन’ (RE Hope Simpson)  ने इसके लिये श्रृंखला अंतराल शब्द का प्रयोग किया और इसे लगातार दो संक्रमणों की शुरुआत के बीच होने वाले अंतराल के रूप में परिभाषित किया।

श्रृंखला अंतराल का महत्त्व: 

  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, श्रृंखला अंतराल महामारी विज्ञान के अन्य मापदंडों जैसे-ऊष्मायन अवधि (किसी व्यक्ति के वायरस और लक्षण की शुरुआत के बीच का समय) और प्रजनन दर/R-नाॅट या R0 (संक्रमित व्यक्ति से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या) आदि पर भी निर्भर करता है।
  • श्रृंखला अंतराल, आबादी में बढ़ते प्रतिरक्षा स्तर और भविष्य में संक्रमण प्रसार की तीव्रता का अनुमान लगाने के साथ संक्रमण नियंत्रण के प्रयासों की प्रभावशीलता का आकलन करने में भी सहायता करता है।
  • अतः जितनी जल्दी COVID-19 संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर उसे अलग या आइसोलेट किया जाता है, श्रृंखला अंतराल उतना ही छोटा हो जाता है और इस प्रकार संक्रमण के प्रसार की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। 
  • श्रृंखला अंतराल के प्रबंधन के लिये कांटैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing), क्वारंटीन (Quarantine)  आदि प्रयासों को अपनाया जाना चाहिये।

COVID-19 नियंत्रण में श्रृंखला अंतराल की भूमिका: 

  • इस अध्ययन के दौरान शोधकर्त्ताओं ने पाया कि जनवरी और फरवरी के बीच वुहान (चीन) में COVID-19 का श्रृंखला अंतराल 7.8 दिन से घटकर 2.6 दिन हो गया था।
  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार, किसी व्यक्ति में लक्षणों का पता चलने के एक दिन के अंदर उसके संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारंटीन करने से COVID-19 के प्रसार को 60% तक कम करने में सहायता प्राप्त हुई।
  • चीन में कांटैक्ट ट्रेसिंग और क्वारंटीन पर विशेष ज़ोर दिया गया जिससे COVID-19 के प्रसार की संभावनाओं को कम किया गया, इसके साथ ही शहरों के अंदर और दो शहरों के बीच यातायात को पूरी तरह स्थगित करने तथा अन्य शहरों में सोशल डिस्टैंसिंग (Social Distancing) के अन्य प्रयासों से श्रृंखला अंतराल को कम किया जा सका।
  • इसी प्रकार सियोल (दक्षिण कोरिया) में किये गए अध्ययन के आधार पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, दक्षिण कोरिया में COVID-19 संक्रमण का श्रृंखला अंतराल लगभग 3.63 दिन था।
  • दक्षिण कोरिया में भी संक्रमण के श्रृंखला अंतराल के कम करने के लिये देश में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों की पहचान करने के प्रयासों को महत्त्वपूर्ण बताया गया।

भारत सरकार के प्रयास:

  • COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिये भारत सरकार द्वारा 24 मार्च, 2020 को पहली बार 21 दिनों के देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई। 
  • COVID-19 से संभावित संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हेतु केंद्र सरकार द्वारा आरोग्य सेतु (Aarogya Setu) एप लॉन्च किया गया।  
  • COVID-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई आर्थिक चुनौतियों से निपटने हेतु  सरकार द्वारा देश के विभिन्न क्षेत्र के लिये ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत  राहत पैकेज की घोषणा की गई आदि।   

निष्कर्ष:

वर्तमान में COVID-19 के नियंत्रण हेतु किसी प्रमाणिक वैक्सीन की अनुलब्धता में संक्रमित लोगों की पहचान कर कांटैक्ट ट्रेसिंग (Contact Tracing) और क्वारंटीन (Quarantine) जैसे प्रयासों के माध्यम से ही इस महामारी के प्रसार को कम किया जा सकता है। हालाँकि देश की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को देखते हुए आवश्यक दैनिक गतिविधियों (जैसे-यातायात, व्यवसाय आदि) को बंद करना बहुत कठिन होगा। गौरतलब है कि वर्तमान में भारत में प्रतिदिन COVID-19 संक्रमण का आँकड़ा 80 हज़ार से अधिक तक पहुँच गया है, ऐसे में चिकित्सीय प्रणाली को मज़बूत करने के साथ लोगों को COVID-19 के लक्षणों और क्वारंटीन तथा सोशल डिस्टैंसिंग आदि के लाभ के बारे में जागरूक किया जाना चाहिये। साथ ही लोगों को भी इस महामारी के नियंत्रण में अपना सहयोग देना चाहिये।  

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2