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जैव विविधता और पर्यावरण

सेंटीनल-3 वर्ल्ड फायर एटलस

  • 30 Oct 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये

सेंटीनल-3, यूरोपियन स्पेस एजेंसी

मेन्स के लिये

वनों में आग की भौगोलिक स्थिति

चर्चा में क्यों?

हाल ही में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency) के सेंटीनल-3 (Sentinel-3) उपग्रह द्वारा प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, अगस्त 2018 की तुलना में अगस्त 2019 में लगभग पाँच गुना अधिक वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गई हैं।

मुख्य बिंदु:

  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अनुसार, अगस्त 2019 में वनाग्नि की घटनाओं में से लगभग आधी घटनाएँ एशिया महाद्वीप में दर्ज की गईं।
  • इस वर्ष अगस्त तथा सितंबर के महीने में अमेज़न के वर्षावनों में लगी आग विश्व भर में चर्चा का विषय रही इसके अतिरिक्त ग्रीस, फ्राँस तथा इंडोनेशिया के वन भी आग से प्रभावित रहे हैं।

भौगोलिक वितरण:

  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अनुसार, वनाग्नि की घटनाओं में से 49% घटनाएँ एशिया में, 28% घटनाएँ दक्षिण अमेरिका में, 16% घटनाएँ अफ्रीका में तथा शेष घटनाएँ उत्तरी अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में दर्ज की गईं।
  • सेंटीनल-3 द्वारा रिकॉर्ड किये गए आँकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अगस्त में 79000 वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गईं जो अगस्त 2018 में 16000 थीं।

Sentinal

वनाग्नि का मापन:

  • सेंटीनल-3 वर्ल्ड फायर एटलस (World Fire Atlas) द्वारा वनाग्नि को मापने के लिये एक ऐसी विधि का प्रयोग किया जाता है जिसमें रात के समय वनों में लगी हुई आग की पहचान की जाती है।
  • इस विधि में सेंटीनल-3 उपग्रह पर लगे सेंसर द्वारा पृथ्वी की सतह का तापमान मापने के लिये तापीय अवरक्त विकिरण का प्रयोग किया जाता है।
  • इस तकनीक का उपयोग वनाग्नि द्वारा उत्सर्जित होने वाली ऊष्मा का पता लगाने तथा निगरानी करने में किया जाता है।
  • सेंटीनल-3 वर्ल्ड फायर एटलस, उपग्रह के आँकड़ों का प्रयोग करके मासिक रूप से वनाग्नि की संख्या बताता है।
  • यह उपग्रह बादलों की उपस्थिति के समय संपूर्ण वनाग्नियों की संख्या की जानकारी उपलब्ध नहीं कर पाता है।
  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी के अनुसार, वर्ष 1995 में वर्ल्ड फायर एटलस के निर्माण के बाद पहली बार वनाग्नि की घटनाओं में इतनी तीव्र वृद्धि देखने को मिली है।

सेंटीनल-3:

  • सेंटीनल-3 यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency- ESA) तथा EUMATSAT (European Organisation for the Exploitation of Meteorological Sattelites) का संयुक्त मिशन है।
  • सेंटीनल-3 मिशन का प्रमुख उद्देश्य समुद्र की सतह की स्थलाकृति, समुद्र और स्थल की सतह के तापमान तथा रंग का उच्च सटीकता एवं विश्वसनीयता के साथ परीक्षण करके समुद्री पूर्वानुमान प्रणाली, जलवायु व पर्यावरणीय निगरानी को बढ़ावा देना है।

यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency-ESA):

  • यूरोपियन स्पेस एजेंसी यूरोप की अंतरिक्ष क्षमता के विकास के लिये बना 22 सदस्य देशों का एक संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1975 में हुई थी।
  • इसका मुख्यालय पेरिस में है जहाँ ESA की नीतियों और कार्यक्रमों का निर्धारण किया जाता है।

वनाग्नि का अध्ययन और निगरानी जलवायु परिवर्तन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि बायोमास के जलने से कार्बन डाईऑक्साइड जैसी ग्रीन हाउस गैसों के वैश्विक वायुमंडलीय उत्सर्जन में वृद्धि होती है।

स्रोत- द इंडियन एक्सप्रेस

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